गुना के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का कमाल, गंभीर रूप से बीमार बच्ची में डाल दिए प्राण

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Published : Nov 18, 2022, 9:33 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST

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गुना। जिला अस्पताल के SNCU वार्ड (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में एक बच्ची को दोबारा जीवनदान मिला है. ये किसी चमत्कार से कम नहीं है (amazing doctor and nurse in guna hospita). SNCU वार्ड के प्रभारी डॉक्टर अजय गुप्ता और नर्सिंग स्टॉफ ने मिलकर 07 महीने की प्री मेच्योर बेबी को जीवनदान दे दिया. बच्ची का पिता देवेंद्र पुलिस की नौकरी में है और मां सोनाली गृहिणी हैं. सोनाली ने भोपाल में 7 महीने की बच्ची को जन्म दिया, लेकिन प्री मैच्योर बेबी होने के कारण बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी. अपनी बेटी को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया. नवजात बच्ची का वजन महज 800 ग्राम था. साथ ही कमजोरी के कारण जीवित रहने की उम्मीद भी कम थी (pre mature baby born in guna hospital), बच्ची के फेफड़ों में पानी भर गया था, जिसके चलते नवजात बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. बच्ची के माता ने उसे भोपाल के निजी अस्पताल में अच्छे से अच्छा इलाज दिलाने की कोशिश की, लेकिन बच्ची की हालत को देखकर डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए. निराश होकर पति पत्नी अपनी नवजात बेटी को लेकर वापस गुना लौट आये. बच्ची के माता-पिता ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया ये सोचकर कि शायद भगवान कोई चमत्कार कर दे. जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने इस केस को चैलेंज की तरह स्वीकार किया. बच्ची को वेंटिलेटर के सहारे ऑक्सीजन दिया गया. दिन रात की मेहनत और दुआओं के चलते 55 दिन तक SNCU वार्ड में रहने के बाद आखिरकार बच्ची की हालत में सुधार आने लगा. 800 ग्राम से बढ़कर बच्ची का वजन 1 किलो 200 ग्राम तक पहुंच गया. बच्ची की प्रॉपर मॉनिटरिंग की गई और नर्सिंग स्टाफ द्वारा बच्ची का भरपूर ध्यान रखा गया. 55 दिन बाद बच्ची को SNCU वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया गया है (successful operation of child in guna hospital). बच्ची के माता-पिता ने नर्सिंग स्टाफ को मिठाई खिलाकर स्वागत किया. आंखों में आंसू और गोद में अपनी बेटी को लेकर सोनाली और देवेंद्र घर लौट गए.

Last Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST

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