शिवपुरी में महिला नसबंदी शिविर, टारगेट को लेकर भिंड़ी आशा कार्यकर्ता और सहायिका

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Published : Dec 1, 2022, 11:09 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:34 PM IST

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शिवपुरी। महिलाओं की नसबंदी अब आय का साधन बनता जा रहा है. जिले में महिलाओं की नसबंदी शिविर लगाई गई, जहां एक आशा कार्यकर्ता और सहायिका के बीच बहस हो गई. दोनों के बीच नसबंदी के केस को अपना बताने को लेकर विवाद हो गया. आशा कार्यकर्ता का आरोप था कि, सहायिका उसके क्षेत्र के नसबंदी के केस दूसरे वार्ड की आशा कार्यकर्ता को बेचती है(female sterilization camp in Shivpuri). वहीं सहायिका का कहना था कि उसे केस में मिलने वाली राशि का कमीशन नहीं देती है, इसलिए वह ऐसा करती हैं. स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार कोई भी आशा कार्यकर्ता जब दो बच्चों की मां की नसबंदी कराती है, तो उसे 1300 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इसके अतिरिक्त अगर तीन बच्चों की मां की नसबंदी कराती है तो उसे 300 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. यह राशि सीधे आशा कार्यकर्ता के खाते में आती है. नसबंदी के प्रोत्साहन कार्य में सहायिका का कोई काम नहीं रहता है और न ही उसे राशि मिलती है.

Last Updated : Feb 3, 2023, 8:34 PM IST

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