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राम नवमी विशेष: विदिशा के कण-कण में विराजित हैं श्री राम...

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Published : Apr 11, 2022, 10:50 AM IST

विदिशा के कण-कण में श्री राम विराजित हैं. राम नवमी पर लोगों को घरों में रंगोली सजाने के साथ-साथ अपने भवनों पर ध्वजा लगाकर मंगल गीत एवं बधाई गीतों का गायन करना चाहिए.

ramnavmi 2022
विदिशा राम नवमी विशेष

विदिशा। श्री राम नवमी पर शहर के राम मंदिरों में भगवान का प्रकटोत्सव मनाया गया. शहर के धर्माधिकारी पं गिरधर शास्त्री ने श्रीराम मंदिरों के पुजारियों से अपील की है कि, भगवान की आरती और विशेष पूजन की व्यवस्था ऑनलाइन. गिरधर शास्त्री के अनुसार भगवान श्री रामचंद्र जी की विदिशा नगरी धन्य है. वैत्रवती के चरण तीर्थ पर भगवान के चरण चिन्हों का आज भी पूजन होता है. इसीलिए इस घाट का नाम चरण तीर्थ धाम रखा गया है. भगवान श्री रामचंद्र जी के विदिशा पदार्पण की स्मृति में वेत्रवती के तट पर स्थित त्रिवेणी तीर्थ है. यहां भगवान श्री राम एवं लक्ष्‌मण की प्राचीन प्रतिमाएं हैं. आज भी नित्य पूजन-आरती होती है.

ramnavmi 2022
विदिशा राम नवमी विशेष

वनवासी वेश में सुन्दर प्रतिमाएं : त्रिवेणी तीर्थ स्थित श्री राम लक्ष्‌मण मंदिर प्रांगण में मोर, सर्प, बंदर, कुत्ता, बिल्ली, चूहा, तोता, कबूतर, चिड़िया अपना प्राकृतिक वैर भूलकर एक साथ दाना-पानी ग्रहण करते हैं. उदयागिरी के सामने शताब्दियों प्राचीन श्री जटा शंकर भगवान के मंदिर में भगवान श्री राम लक्ष्‌मण की वनवासी वेश में सुन्दर प्रतिमाएं हैं.

ramnavmi 2022
विदिशा राम नवमी विशेष

मंदिर पर लगाते हैं ध्वजा : पौराणिक मान्यता के अनुसार महर्षि बाल्मीकि विदिशा क्षेत्र के वनों में तपस्वियों के साथ तपस्या करते थे. विदिशा जिले के करीला गांव में माता जानकी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु रंग पंचमी के अवसर पर सपरिवार पहुंचते हैं. मनोकामना पूर्ण होने पर प्रसाद समर्पित करते हैं और मंदिर पर ध्वजा लगाते हैं.

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विदिशा राम नवमी विशेष
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