Vidisha News: खून के रिश्तों से दूर, लेकिन दिल के दिलदारों के बीच वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों ने खेली होली

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Published : Mar 8, 2023, 6:23 PM IST

vidisha shri hari old age ashram

मध्यप्रदेश के विदिशा मुख्यालय स्थित श्रीहरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्ग माता पिता होली के रंग में खुशी से झूम उठे. अपने घर परिवारों से भी ज्यादा अपने इस प्यार भरे आशियाने में जमकर होली की मस्ती की धूम मचाई.

विदिशा: मध्यप्रदेश के जिला विदिशा मुख्यालय स्थित श्रीहरि वृद्ध आश्रम के बुजुर्ग माता पिता होली फेस्टिवल मनाई. अपने घर परिवारों से भी ज्यादा अपने इस प्यार भरे आशियाने में जमकर होली की मस्ती की धूम मचाई. वे अपने सच्चे बेटे बहू वेद प्रकाश शर्मा और इंदिरा शर्मा आश्रम संचालक के साथ होली के रंगों के बीच खुशी से झूम उठे. आज उनकी खुशी का ठिकाना नही था. वे मजबूत चार कंधे उनको सहारा दे रहे थे, जो जीवन के आखिरी सफर तक उनका सहारा बने रहेंगे.

इस अवसर पर सभी बुज़ुर्गजन आश्रम परिसर में जमकर थिरके. एक और जहां, नृत्य, सॉन्ग और हास्य का भरपूर आनंद लिया. वही दूसरी और सभी ने रंग गुलाल लगा कर होली के रंगों ओर होली की मस्ती में डूब गए. श्री हरि वृद्धाश्रम संचालक वेद प्रकाश शर्मा और अध्यक्ष इंदिरा शर्मा ने सभी के पैर छूकर आशीर्वाद लेकर सभी बुज़ुर्ग माता पिता के साथ जम कर होली खेली.

ढोलक की थाप, मंजीरों की झंकार के बीच बुज़ुर्गों ने जम कर नृत्य किया: इस अवसर पर विभिन्न समाजसेवी संगठन और शहर के नागरिकों ने आकर सभी बुज़ुर्गजन को स्नेह से भरा गुलाल लगाया और उनका आशीर्वाद लिया अभी भी यह क्रम जारी है. अपने घर और घर की उपेक्षा को भूल चुके ये वृद्ध जन अब आश्रम को ही अपना सच्चा घर मानते हैं. इसीलिए श्रीहरि वृद्धाश्रम को वृद्धजनों का अपना घर कहा है. आश्रम अध्यक्ष, इन्दिरा शर्मा और श्री वेद प्रकाश शर्मा के अटूट ओर मजबूत रिश्ते के बीच फाग के राग रंग में होली का उत्सव मनाते हुए आश्रम के सभी बुजुर्ग माता पिताओ की खुशियां देखते ही बनती है. आश्रम में ऐसे ही सभी पर्व मिलजुल कर एकता के साथ सारे धर्मों के इन बुजुर्गों के जीवन मे नई ऊर्जा का संचार करते है.

श्रीहरि वृद्ध आश्रम के अध्यक्ष इंदिरा शर्मा ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी होली का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. ढोलक, नगाड़े, नगरिया, झांझर आदि की धुन पर हमारे बुजुर्ग जन खूब ही नाचे गाए. एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी रंग गुलाल लगाया, लेकिन इस अवसर पर कुछ हमारे बुजुर्ग भावुक भी हो गए. उन्होंने अपने बच्चों को भी याद किया वह भी चाहते थे ऐसा ही त्यौहार होली का और अन्य त्यौहार उनके बच्चों के साथ में क्यों ना मनाया जाए. उनकी भी बड़ी इच्छा थी कि वह अपने बच्चों के साथ में होली का यह उत्सव मनाए.

आश्रम निवासी बुर्जुंग झिरिया अहिरवार ने कहा कि ऐसी होली हमने कभी देखी नहीं है ना हमने हमारी जिंदगी में खेली जो वृद्ध आश्रम में होली होता है. ऐसी हमने नहीं देखी आनंद आ गया. साहब बाई बहनों के साथ और बच्चों के साथ ऐसी होली सदा होना चाहिए. आश्रम निवासी मेवाबाई शिल्पकार का कहना है कि" वृद्ध 80 साल की उम्र हो गई हमने ऐसी होली कभी नहीं देखी हमारे बच्चों ने और हमारी बहू ने अच्छी होली दिखाई. इनके साथ खूब होली खेली आश्रम के ही हैं. यह पर इन्हें चाहे मेरा भाई समझ लो चाहे लड़का समझ लो. लड़का बहू है यह मेरे अब."

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आश्रम में मनाने आए होली कृष्ण बलदेव भट्ट ने कहा कि वृद्ध आश्रम में लगभग 10 वर्षों से मैं होली मनाने आता हूं और यहां जो भव्य होली का कार्यक्रम होता है और ऐसा कार्यक्रम हमने पहले कभी कहीं नहीं देखा जो यहां श्रीहरि वृद्ध आश्रम में होता है. होली मनाने का आनंद यही अच्छा आता है. डॉ. बद्री प्रसाद ठाकुर, आश्रम निवासी ने कहा कि वृद्ध वृद्ध आश्रम में पहली होली आश्रम में मनाई और ब्रज की तर्ज पर यह होली खेली गई मेरी 65 वर्ष की आयु में पहली बार यह होली खेली और सभी यहां आश्रम वाले बहन भाई माताएं इन्हें भी होली खेली साथ में यही हम बच्चों से कहते हैं. तुम भी हम लोगों के साथ ऐसे ही होली खेलते तो हम क्यों वृद्धाश्रम आते या तुम क्यों भेजते और आप लोग भी परिवार के साथ इस प्रकार की होली खेले.

आश्रम निवासी बुर्जुग अयोध्या प्रसाद ने कहा कि होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और हम अपने परिवार की तरह वृद्ध आश्रम में हर त्यौहार मनाते हैं. होली भी बहुत अच्छे से मनाई गई खूब अच्छे-अच्छे गीत गाए गए डांस भी हुए और सभी बच्चों से कहेंगे कि अपने मां-बाप के लिए आश्रम ना दिखाएं. अपने घर में ही खुशी से हर एक त्यौहार मना है घर पर ऐसी होली कभी नहीं मनाई वृद्ध आश्रम में जितनी अच्छी तरीके से होली मनाई है.

आश्रम निवासी वृद्ध खिलान सिंह अहिरवार ने कहा कि ऐसी होली मनाते हैं हमारे आश्रम के सर हम वृद्धों के लिए साथ में नाच गाने सब करते हैं. बहुत आनंद आता है बहुत अच्छा लगता है. ऐसी होली हमने अपने जीवन में नहीं देखी इतनी उम्र हो गई जो कि हमारे वृद्ध आश्रम में हमें ऐसी होली मना रहे हैं. बुजुर्गों के साथ बच्चे लोग ऐसी होली खेलें आनंद आएगा खूब.

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