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Bandhavgarh National Park: प्रोजेक्ट बारहसिंघा रचेगा सफलता के नए आयाम! नए मेहमान को जन्म देने वाली है मादा बारहसिंघा

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Published : Aug 6, 2023, 4:30 PM IST

Bandhavgarh National Park
बांधवगढ़ नेशनल पार्क

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में शुरू हुआ प्रोजेक्ट बारहसिंघा सफलता के नए आयाम रचने को तैयार है, क्योंकि मादा बारहसिंघा नए मेहमानों को जन्म देने वाली है.

उमरिया। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पहली बार बारहसिंघा को बसाने का प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसके लिए शासन स्तर से मंजूरी मिलने के साथ ही पार्क प्रबंधन ने प्रोजेक्ट की तैयारी पूरी की थी. इसके बाद कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बारहसिंघा को लाकर यहां पुनस्र्थापित करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ. बारहसिंघा यहां के वातावरण मे ढल सकें और उनकी आवयश्कताओं के साथ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं पार्क प्रबंधन द्वारा बनाई गई है. यही कारण है कि कान्हा टाइगर रिजर्व की ठोस मिट्टी वाली जमीन से आने वाले मेहमानों को बांधवगढ़ के एक बाड़े में 3 साल गुजारना पड़ेगा. इसके बाद उन्हें खुले जंगल मे छोड़ा जाएगा. बारहसिंघा बांधवगढ़ में सफलता पूर्वक बसाए जा सकते हैं,दोनों नेशनल पार्क का जो अंतर है उसके बीच बारहसिंघा कुछ समय मे सामंजस्य बैठा सकते हैं. यही कारण है कि उन्हें यहां लाने के बाद पहले 3 साल तक बाड़े मे रखने का निर्णय लिया गया है.

नए मेहमान को जन्म देने वाली है मादा बारहसिंघा: अभी तक दो बारहसिंगा की मौत हो चुकी है, दोनों ही बारहसिंगा घायल होने के कारण मर गए थे. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन का कहना है कि आपस में खेलने और दौड़ने के दौरान बारहसिंगा को दूसरे बारहसिंगा के सींग लग गए थे, जिससे वह घायल हो गया और उसकी मौत हो गई. बीच में यह खबर भी आई थी कि कुछ बारहसिंगा बीमार चल रहे हैं, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक-ठाक हो गया था, अब नई खबर ने वन्य प्राणी प्रेमियों को उत्साहित और रोमांचित कर दिया है, इस बारे में जानकारी देते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के एसडीओ सुधीर मिश्रा ने बताया कि "प्रोजेक्ट बारहसिंघा सफलता की तरफ बढ़ रहा है और जल्द ही नए मेहमान जन्म लेंगे."

प्रोजेक्ट बारहसिंघा को लीड कर रहे एसडीओ सुधीर मिश्रा का कहना है कि "मगधी रेंज के बहेरहा बाड़े मे जहां बारहसिंघा को रखा गया है, वहां बराबर नजर रखी जा रही है और वन्य प्राणी विशेषज्ञ अपना काम कर रहे हैं. परिवेश परिवर्तित होने का जो असर बारहसिंगा पर है, वो समय के साथ सामान्य हो जाएगा. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बारहसिंघा को लाकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे बसाने के लिए मगधी जोन मे 50 हेक्टेयर में बाड़ा तैयार किया गया है, यह बाड़ा पूरी तरह से सुरिक्षत है, जिससे बारहसिंघा को किसी भी तरह से कोई खतरा नहीं होने पाए. बाड़े की फैंसिंग की ऊंचाई इतनी रखी गई है कि बाघ भी उसे फांद न सकें. जमीन पर रेंगने वाले जानवर भी बाड़े मे प्रवेश न कर सकें, इसकी व्यवस्था भी की."

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अभी कितने हैं बारहसिंगा: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चलाया जा रहा है प्रोजेक्ट बांध बारहसिंगा के लिए कुल 100 बारहसिंघा कान्हा टाइगर रिजर्व से लाए जाने हैं, अभी तक कुल 37 बारहसिंगा लाए जा चुके हैं. शेष बारहसिंगा अलग-अलग खेप में लाए जाएंगे. बारहसिंगा को बांधवगढ़ में रखने के लिए 100 हेक्टेयर के वन क्षेत्र में एक सुरक्षित इंक्लोजर बनाया गया है, जहां इन्हें रखा गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्तमान में कुल 37 बारहसिंगा हैं जिनमें 22 मादा और 13 नर शामिल हैं, बारहसिंगा को 2 खेपों में कान्हा टाइगर रिजर्व से लाया गया है. पहली खेप 26 मार्च को आई थी, जिसमें 19 बारहसिंगा शामिल थे, इनमें 11नर और 8 मादा बारहसिंगा शामिल थे. वहीं 7 मई को दूसरी खेप में 18 बारहसिंगा बांधवगढ़ लाए गए. दूसरी खेप में लाए गए 18 बारहसिंगा में 16 मादा और 2 नर शामिल थे.

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