उमरिया। विस्थापन हेतु गठित समिति द्वारा पात्र पाये जाने पर 15 लाख प्रति परिवार की दर से भुगतान की कार्रवाई प्रशासन द्वारा प्रारंभ की जा चुकी है. 18 वर्ष से बड़े प्रत्येक पुरुष, पत्नी एवं नाबालिग बच्चों सहित, 18 वर्ष से बड़े पुत्र/पुत्री, विधवा, परित्यक्ता एवं दिव्यांग प्रत्येक को एक परिवार माना गया है. अब तक 148 परिवार को 22.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. ये काम लगातार जारी है. विस्थापित ग्रामीणों के संयुक्त परिवारों को 60 लाख से लेकर 7.05 करोड़ रुपये तक प्राप्त हो रहा है.
गढ़पुरी ग्राम राष्ट्रीय उद्यान के बीच मे स्थित : बता दें कि गढ़पुरी ग्राम राष्ट्रीय उद्यान के बीच मे स्थित है. गढ़पुरी के ग्रामीणों द्वारा लगातार प्रबंधन से विस्थापन की मांग की जा रही थी. ग्रामीणों का कहना है कि राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित होने के कारण हमारा गांव शासन की विभिन्न योजनाओं एवं मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. साथ ही हिंसक वन्य प्राणियों का विचरण लगातार गांव के आसपास होने से ग्रामीणों एवं उनके मवेशियों को जान का खतरा हमेशा बना रहता है. वर्ष 2018 से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे जंगली हाथियों का विचरण लगातार बना हुआ है, जो ग्रामीणों की फसलों, घरों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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312 आवेदनों पर कार्रवाई : कुछ दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में ग्रामीणों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है. ग्रामीणों की मांग पर पार्क प्रबंधन एवं जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों द्वारा स्वैच्छिक विस्थापन हेतु प्रस्तुत 312 आवेदनों पर लगभग एक माह की रिकार्ड अवधि में कार्रवाई पूर्ण की गई. अब ये ग्रामीण विस्थापित होकर भयमुक्त जीवन जी सकेंगे व शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंंगे.