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'बुन्देलखण्ड की अयोध्या' में भगवान राम को दी जाती है सशस्त्र सलामी, यहां बाल रूप में विराजे हैं रामलला

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Published : Oct 19, 2019, 5:55 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 11:14 AM IST

ओरछा में राम राजा का एक अनोखा मंदिर है, भगवान यहां बाल रूप में विराजे हैं. यहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है. साथ ही भगवान को सशस्त्र सलामी देने की परंपरा है.

बुन्देलखण्ड की अयोध्या

ओरछा। वैसे तो देश में राम के कई मंदिर हैं, लेकिन ओरछा का राम राजा मंदिर अपने आप में काफी अनोखा है. यहां पर भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है. हालांकि यहां भगवान बाल रूप में विराजमान हैं, फिर भी हजारों सालों से इस मंदिर में भगवान राम को सशस्त्र सलामी देने की परंपरा है. इसीलिए यहां राम राजा को दिन में 6 बार सशस्त्र सलामी दी जाती है.

ये है 'बुन्देलखण्ड की अयोध्या'

ओरछा बुन्देलखण्ड की अयोध्या के नाम से भी मशहूर है. मान्यता है कि ओरछा में भगवान राम दिन को रहते हैं और रात होते ही अयोध्या चले जाते हैं. सुबह फिर वापस ओरछा आ जाते हैं. इसीलिए ओरछा में दिन में काफी मोहक और सुंदर लगता है, लेकिन रात में काफी बुरा और वीरान. ऐसा मानो कि ओरछा नगरी उजड़ गई हो.

कैसे हुआ राम राजा का अयोध्या से ओरछा आना?

ओरछा की महारानी कुआरगणेश अपनी भक्ति और आराधना से प्रसन्न कर भगवान राम को बाल रूप में गोद मे बिठाकर लाई थीं. राजा राम अयोध्या से रानी के साथ 3 शर्तों पर ओरछा आये थे जिसमें उनकी पहली शर्त थी कि पुश्य नक्षत्र में पैदल चलकर ही जाउंगा. दूसरी शर्त थी कि ओरछा तभी जाऊंगा जब वहां का राजा कहलाऊंगा और तुम्हें राजधानी बदलनी पड़ेगी. तीसरी शर्त थी कि जहां एक बार बैठ जाऊंगा फिर वहां से नहीं उठूंगा. इन सभी शर्तों पर राजा राम अयोध्या से ओरछा आये, तब से अब तक उन्हें राजा के रूप में ही पूजा जाता है.

राम के लिए नहीं कोई वीआईपी

ओरछा में कोई भी वीआईपी नहीं होता, यहां के राजा ही सिर्फ यहां पर वीआईपी माने जाते हैं. ओरछा मंदिर के सामने से कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गाड़ी से बैठकर नही निकलता क्योंकि जो यहां से निकला और सलामी ली, उनको या तो अपना पद खोना पड़ा या कई को तो जान भी चली गई.

देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंन्द्रिरा गांधी को सलामी दी गई, थोड़े दिनों बाद उनकी हत्या हो गई, मध्यप्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मण सिंह को भी सलामी दी गई तो उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हो गई. यहां पर एक और मान्यता है कि यहां पर कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री या वीआईपी रात में नहीं रुक सकते क्योंकि यहां के राजा सिर्फ भगवान राम हैं और कोई नहीं. जिससे वह किसी भी वीआईपी को पसंद नहीं करते हैं.

ओरछा राम भक्तों के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र है. इसीलिए राम राजा के दर्शन करने के लिए देश और विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

Intro:एंकर इंट्रो / देश का अनोखा मन्दिर जंहा पर राम को राजा के रूप में पूजा जाता और दी जारी सशस्त्र सलामी जिसे कहते बुन्देलखण्ड की अयोध्या


Body:वाइट् /01ब्रम्हदेव शर्मा बरिष्ठ साहित्यकार ओरछा

वाइट् /02 सुमित कुमार ओरछा

वाइट् /03कृष्ण कांत ओरछा

वाईट /04 रोहित वर्मा तहसीलदार ओरछा

वाइट् /05 अजय सिंह एस ए एफ जवान ओरछा मन्दिर

ptc/01,2 सूर्यप्रकाश गोस्वामी रिपोर्टर टीकमगढ

वाइस ओबर / देश का अनोखा राम राजा का जो मन्दिर ओरछा में है !जहा पर भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है ऐसा मन्दिर आपको विश्व मे कही भी देखने को नही मिलेगा की मन्दिर में बैठे भगवान को राजा के रूप में पूजा जाता हो और राम राजा को दिन में 6 बार सशस्त्र सलामी भी दी जाति है !जवानों के द्वारा यहां पर कोई भी वी आई पी नही होता है !यहां के राजा ही सिर्फ यहां पर वी आई पी माने जाते है !क्योंकि यह यहां के राजा जो है !हजारो सालो इस मंदिर में भगवान राम को सशत्र सलामी देने की परंपरा है !ओरछा को बुन्देलखण्ड की अयोध्या भी कहा जाता है !ओरछा में भगवान राम दिन को रहते है !और रात में अयोध्या चले जाते है !और सुबह फिर ओरछा आजाते है !इसलिए ओरछा में दिन में काफी मोहक ओर सुंदर लगता है !मगर रात्रि में काफी बुरा ओर वीरान लगता जैसे ओरछा नगरी उजड़ गई हो लेकिन दिन में जो रोनक रहती वह रात्रि में नही भगवान राम को मंदिर के पट खुलते बक्त ओर बन्द होते बक्त सहित दिन में 6 बार सशत्र सलामी दी जाती है !यहां पर भगवान बाल रूप मे बिराजमान है ओरछा मन्दिर के सामने से भी कोई मुख्यमंत्री, मंत्री प्रधानमंत्री बत्ती दार गाड़ी से बैठकर नही निकल सकता और जो निकलाओर जिन्होंने सलामी ली उनको अपने पद खोना पड़े और कई को अपनी जान भी खोना पड़ी जिसमे कुर्सी खोने बाली देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इन्द्रिगाँधी जिनको सलामी दी गई थी मध्यप्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मण सिंह को सलामी दी गई थी तो उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी यहां पर एक ओर मान्यता है !कि यहां पर ओरछा में कोई भी मुख्यमंत्री ,मंत्री, ओर भी बी आई पी रात्रि नही रुक सकते है !क्योंकि यहां के राजा सिर्फ राम राजा है और कोई नही जिससे वह किसी भी बी आई पी को पसंद नही करते है !ओरछा में राम राजा के दर्शन करने देश और विदेश से लाखों की संख्या में लोग आते है!जो जी विश्व की आस्था का केंद्र है!


Conclusion:ओरछा पहिले टीकमगढ जिले में था लेकिन अब यह निवाडी जिले में सामिल किया गया है !सम्बत 1631 में ओरछा की महारानी कुआरगणेश अपनी भक्ति और आराधना से प्रसन्न कर भगवान राम को बाल रूप में गोद मे बिठाकर लाई थी और राम राजा अयोध्या से रानी के साथ 3शर्ते पर ओरछा आये थे जिसमें उनकी पहली शर्त थी कि वह पुख़्य नक्षत्र में ही जावेंगे ओर वह भी पैदल चलकर रानी को पैदल चलकर लाना पड़ा और ओरछा तभी जाऊंगा जब में वहां का राजा कहलाऊंगा ओर तुम्हे राजधानी बदलनी पड़ेगी और जहाँ एक बार बैठ जाऊंगा फिर वहाँ से नही उठूंगा ओर इन सभी शर्ते पर राम राजा अयोध्या से ओरछा आये थे और आज उन्हें राजा के रूप में पूजा जाता है और उनको सशत्र सलामी दी जाती है !जो देश का अनोखा मन्दिर है जिसे विश्व पटल पर भी जाना जाता है !यह टीकमगढ जिले से 100 किलोमीटर की दूरी पर ओर झाँसी उत्तरप्रदेश से 25 किलोमीटर ओर छतरपुर से 140 किलोमीटर ओर ललितपुर से 150 किलोमीटर की दूरी पर है
Last Updated : Nov 10, 2019, 11:14 AM IST
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