शिवपुरी सहकारी बैंक घोटालाः मास्टर माइंड कैशियर राजेश पाराशर सहित 3 गिरफ्तार

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Published : Jan 18, 2022, 6:03 PM IST

Shivpuri Cooperative Bank Scam

शिवपुरी सहकारी बैंक में हुए 80 करोड़ के घोटाले (Shivpuri Cooperative Bank Scam) के मास्टर मांइड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. तत्कालीन कैशियर राजेश पाराशर सहित 3 की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें एक महिला भी शामिल है.

शिवपुरी। पुलिस ने शिवपुरी में सहकारी बैंक से हुए 80 करोड़ के घोटाले के मास्टर माइंड कोलारस के राजेश पाराशर सहित तीन आरोपियों को पकड़ा है. सहकारी बैंक में तत्कालीन कार्यरत प्रभारी कैशियर राकेश पाराशर की गिरफ्तारी यूपी के वृंदावन से हुई है. वहीं पुलिस ने एक महिला आरोपी पिंकी यादव और उसके भाई को गिरफ्तार किया है. साथ ही इनके पास से फिलहाल 3 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी हुआ है.

शिवपुरी सहकारी बैंक घोटाला
अनुकंपा से मिली थी नौकरी, किया करोड़ों का घोटाला
पुलिस ने इस मामले में 2 हजार रुपए के इनामी और घोटाले (Shivpuri Cooperative Bank Scam) के मास्टर माइंड तत्कालीन कार्यरत प्रभारी कैशियर राकेश पाराशर को यूपी के वृंदावन से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके पिता सहकारिता बैंक में सुपरवाइजर के पद पर बदरवास शाखा में पदस्थ थे. 1996 में उनकी मृत्यु होने पर उसे अनुकंपा पर बैंक में 1997 में चपरासी की पद पर नौकरी मिली. चपरासी से कैशियर बने राजेश ने 2013 के बाद से ही तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ऑपरेटर व बाद में आये शाखा प्रबंधकों के साथ मिलकर जिला सहकारी बैंक (शाखा कोलारस) में घोटाले को अंजाम दिया. किसानों के नाम पर फर्जी ऋण और अमानतदारों की राशि में करोड़ों रुपए का गबन कर अपने परिवार एवं परिचितों के खातों में NEFT, RGTS एवं चैक के माध्यम से जमा दिखाकर, घोटाले की रकम आपस में बांट ली.

घोटाले की राशि से खरीदी जमीन, बसें-ट्रक
उक्त घोटाले की राशि से आरोपी राजेश (Master Mind Cashier Rajesh Parashar) ने अपने परिवार के नाम से कोलारस में एक मकान, सिंघडा फार्म, कोलारस प्लॉट, ग्राम गुनाटोरी तहसील कोलारस में 36 बीघा जमीन, कोलारस में दाल मील, आटा मील, गुंजारी नदी कोलारस के पास जमीन तथा ग्राम कुसवन में जमीन तथा नई-पुरानी मिलाकर करीब 60-70 बसें तथा 15-20 ट्रक और सोने के जेवरात खरीदे. बताया गया कि बस व ट्रकों की खरीद में गबन की राशि को छिपाने के लिये अलग-अलग फाइनेंस कम्पनियों से फाइनांस करवाये थे.

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गिरफ्तार दो आरोपियों ने भी उगले राज
बैंक घोटाले में पुलिस ने एक महिला आरोपी पिंकी यादव सहित उसके भाई को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि अपने हिस्से की घोटाले की राशि से करैरा में प्लॉट व गुनाटोरी में 36 बीघा जमीन, शिवपुरी में 2 मकान व करैरा में 2 मकान एवं सोने के जेवरात खरीदे. साथ ही बस, ट्रक, कार, जीप एवं मोटर साईकिलें खरीदी गईं. लगभग 650 ग्राम जेवरात को मुथूट गोल्ड फाइनेंश शिवपुरी में रखकर 20 लाख रूपये का लोन लेना बताया गया.

पुलिस द्वारा बरामद संपत्ति
इसमें मुख्य आरोपी से कोलारस में 2 मकान व एक आटा मील व प्लॉट को पूर्व में सहकारिता विभाग द्वारा सील किया गया है तथा महिला आरोपी पिंकी यादव के भाई से एक XUV कार एवं महिला आरोपी पिंकी से एक स्कॉर्पियो बरामद की गई है. साथ ही बसें, ट्रक, जमीन, मकान,प्लॉट, सोना-चांदी के जेवरात एवं अन्य बैंको के करीब 30-35 खाते सामने आये हैं.उनकी बरामदगी के लिए रिकवरी की कार्रवाई और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं. इस मामले में पकड़े गए 3 आरोपी के अलावा 14 नामजद आरोपी भी हैं.
4 सीईओ सहित 14 हुए थे निलंबित
सहकारी बैंक शाखा कोलारस के जनार्दन सिंह कुशवाह शाखा प्रबंधक और मुकेश जैन उपआयुक्त जिला सहकारिता की की शिकायत पर 27 अगस्त 2021 को बैंक के 15 कर्मचारी/अधिकारियों एवं अन्य के विरूद्ध अमानतदारों की राशि षड्यंत्र पूर्वक गबन करके हड़पने की एफआइआर दर्ज कराई गई थी. अमानतदारों के खाते से 5 करोड़ 31 लाख 51344 रुपये का गबन क्रमबद्ध रूप से विभिन्न तारीखों में राशि निकाल कर किया गया. इसके बाद 13 सदस्यीय जांच कमेटी बिठाई गई थी. जिसके बाद 5.31 का यह घोटाला 80 करोड़ का सामने आया. इसमें सीईओ स्तर के अधिकारियों सहित 14 को मंत्री ने निलंबित कर दिया था.

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