श्योपुर। भारत में 70 साल चीतों को दोबारा बसाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महत्वाकांक्षा योजना के तहत दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों को अलग-अलग बाड़ों में छोड़ा गया था. जिन्हें पिछले तीन हफ्ते से एक ही बाड़े में रखा गया है. जिसकी वजह से खुशखबरी की भी उम्मीद जताई जा रही है. इसमें एक मादा चीता के प्रेग्नेंट होने की खबर आई है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि दो महीने का समय गुजरने के बाद ही हो पाएगी.
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पीएम मोदी ने रखा था 'आशा' नामः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था. जिसके बाद से देश भर की निगाहें इन चीतों पर टिकी हुईं है. इन चीतों को क्वारंटाइन के समय अलग-अलग बाड़ों में रखा गया था. कुछ समय बाद बड़े बाड़े में छोडे़ गए दो नर और तीन मादा चीतों के बीच का गेट भी पिछले तीन सप्ताह पहले खोल दिया गया था. इसके बाद नर और मादा चीते एक दूसरे के बाड़े में आ-जा सकते है. इस बीच नर और मादा चीता की मीटिंग की भी खबर है. लेकिन मादा चीता प्रेग्नेंट है या नहीं यह तो दो महीने से अधिक समय बीतने के बाद ही पता चलेगा जब इसके पेट व जजनांग के आकार में बढ़ोतरी देखी जाएगी. इस मादा चीता का नाम आशा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्म दिन के अवसर यह नाम रखा था. 8 में सात चीतों के नाम नामीबिया में रख लिए गए थे. जबकि एक मादा चीता नाम मोदी के लिए छोड़ दिया गया था.
मीटिंग की अधिकारिक पुष्टि नहींः श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के प्रबंधक प्रकाश वर्मा ने ईटीवी भारत को फोन पर दौरान बताया कि, मादा चीता आशा वास्तव में गर्भवती है या नहीं इसकी अभी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं आई हैं. अभी चीता टॉस्क फोर्स की एक बैठक हुई थी. उसके बाद एक गेट ओपेन किया है. जिससे एक दूसरे का मिलाप हो सके. बावजूद इसके अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि, उन्होंने मीटिंग कर ली है.