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Chandra Grahan 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, खीर में ऐसे होगी अमृत वर्षा.. बस इन बातों का रखें ध्यान

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 7:41 AM IST

Updated : Oct 28, 2023, 8:12 AM IST

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, लेकिन परेशान ना हों शरद पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण की छाया के बाद भी खीर में अमृत वर्षा होगी. आइए जानते हैं इस बार कैसे मनाएं शरद पूर्णिमा कि अमृत खीर का भी मिल सके लाभ-

lunar eclipse taking place on sharad purnima
शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण

शरद पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण की छाया

शहडोल। 28 अक्टूबर की देर रात में चंद्र ग्रहण की शुरुआत हो रही है और 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा भी है. शरद पूर्णिमा में पूजा पाठ करने के बाद जो खीर भोग लगाई जाती है, उसे चंद्रमा की किरणों पर रात भर रखा जाता है, ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उसमें अमृत वर्षा होती है और वो खीर अमृत के समान हो जाती है. उस प्रसाद रूपी खीर का सेवन जो भी करता है, उसे लाभ ही लाभ होता है, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, ऐसे में शरद पूर्णिमा कैसे मनाएं, कब पूजा पाठ करें, खीर का भोग कब लगाएं और फिर कब उस खीर के भोग को अमृत वर्षा के लिए चंद्रमा की किरणों के नीचे रखें, जिससे पूरा पुण्य लाभ मिल सके. जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से-

शरद पूर्णिमा में चंद्र ग्रहण की छाया: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 28 अक्टूबर की देर रात यानि 29 अक्टूबर शुरु होते ही रात 1:05 से चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा और जब भी चंद्र ग्रहण प्रारंभ हो जाता है, चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल प्रारंभ हो जाता है. मतलब दिन के लगभग 3:00 बजे से सूतक काल भी प्रारंभ हो जाएगा.

खीर में ऐसे होगी अमृत वर्षा: अब 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा भी है जो विशेष रूप से मनाई जाती है, शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर पूजा पाठ किया जाता है. खीर भोग लगाया जाता है और फिर उसे रात भर चंद्रमा की किरणों के नीचे रखा जाता है, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण देर रात में पड़ रहा है, जिसकी वजह से सूतक काल भी 9 घंटे पहले लग जाएगा, जिसकी वजह से इस बार शरद पूर्णिमा को लेकर लोगों में अजब-गजब कन्फ्यूजन है.

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि शरद पूर्णिमा का पर्व चंद्र ग्रहण के कारण थोड़ी फीका जरूर पड़ रहा है, शरद पूर्णिमा के दिन जो खीर बनाते हैं पूजा पाठ करते हैं तो शरद पूर्णिमा मानने वाले लोग निराश ना हो, प्रातः कालीन 28 तारीख को सुबह 8:00 बजे से 3:00 तक खीर बना लें, लक्ष्मी जी की भी पूजा कर लें और सूतक लगने से ठीक पहले पूजा पाठ भी कर लें और फिर खीर को प्रसाद के तौर पर चढ़ाने के बाद उसमें तुलसी दल डालकर भोग लगाकर उसे किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें, जिससे कोई भी उस खीर को स्पर्श न कर सके. अगर सूतक काल में चंद्र ग्रहण के बीच में उसे छू देते हैं तो वह खीर अशुद्ध हो जाएगी, इसलिए सुरक्षित स्थान पर उसे रख दें. और फिर जैसे ही चंद्र ग्रहण खत्म हो उसके बाद खीर को खुले छत पर या खुले आसमान पर रख दें, जिससे कुछ घंटे तक उसमें चंद्रमा की किरणें भी पड़ें और उसमें अमृत वर्षा हो जाएगी.

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शरद पूर्णिमा की अमृत खीर खाने के फायदे: प्रातः कालीन खीर उठाकर प्रसाद के रूप में खुद खाएं और लोगों को भी खिलाएं, परिवार वालों को खिलाएं वही अमृत खीर कहलाती है. ऐसा माना जाता है इस अमृत रूपी खीर का जो भी पान करता है, उसे कोई बीमारी नहीं होती है. किसी को अधिक सोने की बीमारी होती है, किसी को स्वास्थ्य की बीमारी होती है, कुछ लोग आलसी होते हैं या फिर छोटे-मोटे किसी रोग से ग्रसित होते है, ऐसे लोगों को अमृत खीर खिला देने से लाभ मिलता है. सुख शांति मिलती है और उस घर में खुशियां रहती हैं.

Last Updated : Oct 28, 2023, 8:12 AM IST
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