शहडोल में फिर शुरू हुई बारिश, अगले 5 दिनों तक बरसात का अनुमान, पोंडा नाला के उफान पर आने से यातायात प्रभावित

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Published : Aug 28, 2021, 10:12 PM IST

पोंडा नाला उफान पर

शहडोल में एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है. अगले 5 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है. गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है.

शहडोल। जिले में बीती रात से ही मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है. इस दौरान कहीं झमाझम बरसात हुई तो कहीं हल्की बूंदाबांदी. वहीं कुच इलाकों में अब भी गर्मी से बुरा हाल है. जिन इलाकों में बारिश हुई है, वहां पर नदी-नाले उफान पर आ गए. स्थिति ये रही कि शहडोल जिला मुख्यालय से लगा हुआ पोंडा नाला, जहां से हाईवे होकर गुजरता है. एक बार फिर से उफान पर आ गया. पानी ऊपर आ जाने के कारण काफी देर तक लंबा जाम भी लगा रहा.

पोंडा नाला उफान पर
पोंडा नाला उफान पर

झमाझम बारिश से फिर उफान पर नाला

जोरदार बारिश की वजह से शहडोल में नदी-नाले उफान पर आ गए. स्थिति ये रही कि शहडोल जिला मुख्यालय से सटा पोंडा नाला दोबारा से उफान पर आ गया. इस नाले से होकर स्टेट हाईवे गुजरता है, जो शहडोल जिले को नागपुर महाराष्ट्र, मंडला, डिंडोरी, छत्तीसगढ़, जबलपुर से जोड़ता है. इतना ही नहीं पोंडा नाले को पार कर करीब 25 से 30 गांव के लोग हर दिन जिला मुख्यालय में आकर काम करते हैं या फिर जिला मुख्यालय से होकर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर काम करते हैं. कुल मिलाकर ये सड़क मार्ग काफी व्यस्त है, लेकिन एक बार फिर से नदी-नालों के उफान पर आ जाने से यहां लंबा जाम लग गया और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

यातायात प्रभावित
यातायात प्रभावित

हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान

मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी के मुताबिक, 28 अगस्त से 1 सितंबर के बीच में शहडोल जिले में बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है. इस दौरान अधिकतम तापमान 34 से 35 डिग्री सेल्शियस और न्यूनतम तापमान 23 से 24 डिग्री सेल्शियस दर्ज किया जा सकता है. सुबह आद्रता 87 से 94% और दोपहर में 61 से 69% तक रहने और हवा दक्षिण-पूर्व दिशा में 7 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने का अनुमान है.

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किसानों को सतर्क रहने की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि बाजरा, मक्का, सोयाबीन, सब्जियों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निदाई, गुड़ाई का कार्य करें. सभी दलहनी, मक्का और सब्जियों की फसलों में जल निकास का उचित प्रबंध रखें, जिससे फसल खराब ना हो. शहडोल जिले में ज्यादातर रकबे में धान की खेती की जाती है. धान की फसल लगाने वाले किसानों को कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि कहीं-कहीं पर पत्तियों पर नाव आकार के भूरे लाल धब्बे दिखाई देने लगते हैं, जो झुलसा रोग के लक्षण हैं. इस रोग को समय पर नियंत्रित नहीं करने पर पूरी फसल नष्ट हो सकती है.

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