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अन्नदाता पर भी पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों का असर

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Published : Mar 18, 2021, 4:55 PM IST

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का असर अब किसानों पर भी पड़ रहा है. उनका कहना है कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी कर रही है. सवाल यही होता है कि क्या ऐसे किसानों की आय दोगुनी होगी.

Farmer Shetesh Jeevan Patel
किसान शीतेष जीवन पटेल

शहडोल। पेट्रोल-डीजल की बढ़ते दाम ने इन दिनों लोगों की कमर तोड़ रखी है. शहडोल में पिछले 15 दिन से पेट्रोल की कीमत 101 प्रति लीटर के ऊपर है, तो वहीं डीजल 92 रुपए प्रति लीटर है. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का असर अब किसानों की खेती पर भी पड़ रही है, जिसे लेकर वह काफी चिंतित हैं. कहा जाए तो महंगाई की मार किसानों पर कहर बनकर टूटी है. शहडोल में डीजल की बात करें, तो 15 दिन से करीब 91 रुपए प्रति लीटर से ऊपर बिक रहा है. वहीं, पेट्रोल 101 रुपए प्रति लीटर के ऊपर बिक रहा है.

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने किसान की बढ़ाई चिंता
  • किसान चिंतित, कैसे होगा खेती का काम ?

पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों की वजह से अब किसान भी चिंतित हैं. किसान इस बात से ज्यादा परेशान हो रहे हैं कि रबी सीजन की खेती का वह समय आ रहा है, जब किसानों को डीजल वाले वाहनों की जरूरत होगी. किसानों को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है. क्योंकि रबी सीजन की फसल पकने की कगार पर है, उसकी कटाई, गहाई और ढुलाई का काम होना है. फिर इसके बाद खेत खाली होंगे, तो जुताई का भी काम होना है. इन सभी कामों को पूरा करने के लिए किसानों को मशीनों की जरूरत होगी. ऐसे में किसानों को इन मशीनों का प्रयोग करने के लिए अधिक भाड़ा देना होगा.

Rising prices of petrol and diesel
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम
  • ऐसे में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी ?

पिछले कई सालों से बड़े स्तर पर खेती करने वाले शीतेष जीवन पटेल ने कहा कि वह साल के 12 महीने खेती का काम करते हैं. वह सब्जी से लेकर धान, गेहूं, चना, मटर और अलसी सहित सब्जियों की भी खेती आधुनिक तरीके से करते हैं. वह अपनी खेती को लेकर जिले में काफी फेमस भी हैं. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर वह भी परेशान हैं. उनका कहना है कि आज के समय में जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं. उससे खेती में आने वाली लागत पर भी उसका असर देखने को मिलेगा क्योंकि सब कुछ महंगा हो गया है.

Rising prices of petrol and diesel
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम
  • पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम ने किसान की बढ़ाई मुसीबत

खेती में इस्तेमाल होने वाले दवाइयों से लेकर जुताई, धुलाई और गहाई सब कुछ मशीनों से होता है. किसान के पास खेती में इस्तेमाल होने वाली सभी मशीन मौजूद है तो उसमें डीजल भी लगेगा, जो काफी महंगा पड़ेगा. कुल मिलाकर खेती में आने वाली लागत किसानों की बढ़ जाएगी, लेकिन आमदनी तो उतनी ही रहेगी. एक ओर सरकार कह रही है कि किसानों की आय दोगुनी करना है. सरकार बताए कि रोज डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं, तो आय कहां से दोगुनी हो जाएगी. आमदनी की बात करें, तो जो थोड़ी बहुत आमदनी पहले थी वो भी अब खत्म हो रही है. जब से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं, किसानों के खेती में लागत की बढ़ोत्तरी हो रही है, उसी तरह से सरकार को किसानों की फसलों के दाम में भी बढ़ोत्तरी करनी चाहिए. महंगाई कितनी भी हो, लेकिन किसान को फसल उसी रेट में बेचना पड़ता है.

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  • जिले में रबी सीजन की खेती

कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि जिले में अभी रबी सीजन की जो फसलें हैं, वह सामान्य स्थिति में है. शहडोल में खरीफ के सीजन में धान मुख्य फसल है, तो रबी के सीजन में गेहूं मुख्य फसल. रबी की सीजन में मौजूदा साल गेहूं का रकबा 68,000 हेक्टेयर के करीब है, तो वहीं चना का रकबा 8,000 हेक्टेयर के आसपास है, मटर का रकबा 800 हेक्टेयर के आसपास है और अलसी जो लगभग 5,000 हेक्टेयर के आसपास लगाई गई है. ये सभी मुख्य फसलें हैं और इनकी स्थिति सामान्य है.

  • ऐसे लोगों पर भी असर

फार्मा प्रोडक्शन कंपनी के सीईओ प्रदीप सिंह बघेल ने बताया कि पिछले कुछ सालों में किसानों से उनकी फसल की पैदावार खरीद रहे हैं और उसे बाहर बेचते थे. कुछ को खुद प्रोसेस करवाकर बेचते थे, जिससे थोड़ी बहुत उन्हें फायदा मिलता था. एक तरह से यह उनका नया काम है, जिसे वह सेट करने की कोशिश कर रहे हैं. डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों की वजह से उसका असर उनपर भी पड़ रहा है. प्रदीप ने बताया कि वो जो भी किसानों से उत्पाद खरीदते हैं उसके रेट तो तय रहते हैं. जब वह उस रेट में फसल खरीदते हैं, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम तो बढ़ चुके हैं जिसकी वजह से भाड़ा बढ़ गया है. उदाहरण के तौर पर वो बताते हैं कि पहले जिस सामान को बाहर भेजकर बेचने में उन्हें 5000 बच जाता था, अब वाहनों का भाड़ा बढ़ जाने की वजह से वह प्रॉफिट कम हो गया है, जिसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

  • महंगाई ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं उसके बाद से किसानों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है. अब वह वक्त आ रहा है जब किसानों को संयंत्रों की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है. खेतों में कटाई का काम होना है, गहाई का काम होना है और ढुलाई का काम होना है, इसके अलावा गहरी जुताई का भी काम होना है. यह सब कुछ किसानों को बहुत महंगा पड़ने वाला है.

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