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MP Seat Scan Bandhavgarh: बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ में क्या कांग्रेस लगा पाएगी सेंध, बड़ा दिलचस्प रहेगा मुकाबला

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 8:40 PM IST

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे उमरिया जिले की बांधवगढ़ विधानसभा सीट के बारे में. यह आदिवासी आरक्षित सीट है. इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहता है. हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस जीत पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है.

MP Seat Scan Bandhavgarh
एमपी सीट स्कैन बांधवगढ़

उमरिया। उमरिया जिला भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जा रहा है. यहां दो विधानसभा क्षेत्र हैं, मानपुर और बांधवगढ़ मानपुर विधानसभा सीट का समीकरण तो आपको पहले ही बता चुके हैं. आज बात करेंगे बांधवगढ़ विधानसभा सीट की, जो आदिवासी आरक्षित सीट है. बांधवगढ़ विधानसभा सीट इसलिए भी खास है क्योंकि इसके अंतर्गत उमरिया जिला मुख्यालय भी आता है. बांधवगढ़ विधानसभा सीट में अभी भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है, लेकिन इस बार कांग्रेस भी यहां अपनी पैनी नजर लगाए हुए हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस बीजेपी के इस सबसे मजबूत गढ़ में सेंध लगा पाती है या नहीं.

बांधवगढ़ में अभी बीजेपी का कब्जा: बांधवगढ़ विधानसभा सीट आदिवासी आरक्षित सीट है. इसमें भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और पिछले कई चुनाव से लगातार भारतीय जनता पार्टी यहां जीत दर्ज करते आ रही है. वर्तमान में बांधवगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के शिवनारायण सिंह विधायक हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को यहां मजबूत माना जा रहा है.

क्या कहते हैं आंकड़े ?: बांधवगढ़ विधानसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी को काफी मजबूत माना जा रहा है. अगर पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो बांधवगढ़ विधानसभा सीट में.

साल 2018 का चुनावी परिणाम: साल 2018 में बांधवगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शिवनारायण सिंह ने जीत हासिल की थी. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे कांग्रेस के ध्यान सिंह. भारतीय जनता पार्टी के शिवनारायण सिंह ने 59,158 वोट हासिल किए थे, तो वहीं कांग्रेस के ज्ञान सिंह ने 55,255 वोट हासिल किए थे, अन्य प्रत्याशियों ने 46,968 वोट हासिल किए थे.

MP Seat Scan Bandhavgarh:
साल 2018 का रिजल्ट

साल 2013 का चुनावी परिणाम: 2013 के चुनाव पर नजर डालें तो बांधवगढ़ विधानसभा सीट पर एक बार फिर से बीजेपी के ज्ञान सिंह ने ही जीत दर्ज की. इस सीट पर ज्ञान सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्यारेलाल बैगा को हराया था और इसमें जीत का अंतर था 18,645 वोट का.

साल 2008 का चुनावी परिणाम: 2008 के विधानसभा चुनाव से बांधवगढ़ सीट बनी और बांधवगढ़ सीट में तब से भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है. 2008 के विधानसभा चुनाव में बांधवगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी के ज्ञान सिंह ने जीत दर्ज की थी. इन्होंने कांग्रेस के सावित्री सिंह धुर्वे को हराया था और उनके बीच जीत का अंतर 15,303 वोट का था.

साल 2003 का चुनावी परिणाम: 2003 के आंकड़ों पर नजर डालें तो परिसीमन से पहले बांधवगढ़ विधानसभा सीट उमरिया विधानसभा सीट के नाम से जानी जाती थी. तब भी इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के ज्ञान सिंह ने ही जीत दर्ज की थी. इन्होंने कांग्रेस के अजय सिंह को हराया था. इस दौरान दोनों के बीच जीत का अंतर 13,796 वोट का था.

MP Seat Scan Bandhavgarh:
बांधवगढ़ सीट का रिपोर्ट कार्ड

बांधवगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो 2008 और 2013 के चुनाव में भाजपा के ज्ञान सिंह वहां से लगातार जीतते आए हैं. फिर इसके बाद जब उपचुनाव हुए तो साल 2017 में उनके बेटे शिवनारायण सिंह ने भाजपा से जीत दर्ज की. शहडोल लोकसभा क्षेत्र से ज्ञान सिंह के निर्वाचित होने के बाद बांधवगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई थी. जिसके बाद साल 2017 के विधानसभा के उपचुनाव में उनके बेटे शिवनारायण सिंह ने सावित्री सिंह को 25,476 वोट के अंतर से हराया था. फिर इसके बाद साल 2018 में जब फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो उसमें भी ज्ञान सिंह के बेटे शिवनारायण सिंह ने बीजेपी की टिकट से जीत दर्ज की थी और वर्तमान में विधायक पद पर बने हुए हैं.

जनता के मुद्दे: बांधवगढ़ विधानसभा सीट से भले ही बीजेपी लगातार जीत दर्ज करते आ रही है, लेकिन वहां जनता के मुद्दे अभी भी जस के तहत बरकरार हैं. बांधवगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो बांधवगढ़ के वोटर्स का कहना है कि आज भी वो बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. बांधवगढ़ विधानसभा सीट के अंतर्गत उमरिया जिला मुख्यालय भी आता है, जहां आज भी विकास की काफी दरकार है. इसके अलावा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में देखें तो वहां भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. विकास का काफी अभाव है. बेरोजगारी, पलायन जैसे मुद्दे आज भी वहां कायम हैं. इतना ही नहीं बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक बीजेपी इतने सालों से लगातार जीतती आ रही है, लेकिन अब तक इन नेताओं ने ऐसा कोई बड़ा कार्य नहीं किया है, जिससे उनका नाम हो. बांधवगढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो ज्ञान सिंह वहां के सबसे बड़ा चेहरा हैं. अभी उनके बेटे वहां से वर्तमान में विधायक भी हैं, लेकिन ना तो ज्ञान सिंह ने पद पर रहते हुए उस क्षेत्र के लिए कुछ बड़ा काम किया और अब ना ही उनके बेटे ने कोई काम किया.

MP Seat Scan Bandhavgarh:
बांधवगढ़ सीट के मतदाता

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

कांग्रेस के सामने भी कई चुनौतियां: कांग्रेस के सामने इस बार बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने का बहुत अच्छा मौका है, लेकिन सवाल अभी भी कांग्रेस के लिए वही है कि उनके पास एक मजबूत प्रत्याशी अभी भी नहीं है. विधानसभा चुनाव अब बस कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन कांग्रेस अब तक वहां से एक ऐसा मजबूत कैंडिडेट नहीं ढूंढ सकी है, जो बीजेपी के जीत के सिलसिले को तोड़ सके. अगर इस दौरान कांग्रेस एक मजबूत प्रत्याशी ढूंढने में कामयाब हो जाती है तो उसके पास एक बेहतर मौका भी होगा कि वह बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा सके.

बहरहाल उमरिया जिले का बांधवगढ़ विधानसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ है. जो अभी भी मजबूत माना जा रहा है, लेकिन जनता वहां के जनप्रतिनिधियों के काम से खुश नहीं है, पर सवाल यही है कि जनता के पास कोई चॉइस भी नहीं है. कांग्रेस अब तक वहां एक मजबूत प्रत्याशी नहीं ढूंढ पाई है. जिसे भाजपा के मजबूत गढ़ में उतारा जा सके. जो बीजेपी के मजबूत गढ़ में सेंध लगा सके. बहरहाल अगर कांग्रेस यह करने में इस चुनाव में कामयाब हो जाती है, तो उसके पास एक अच्छा मौका होगा, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं होगा.

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