सीहोर। टैगोर स्कूल व छात्रावास परिसर इन दिनों साइकिल कारखाने के रूप में बदल चुका है. छात्रों को दी जाने वाली साइकिलो के पार्ट्स हॉस्टल एवं स्कूल परिसर में जोड़े जा रहे हैं. जिससे छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, छात्राओं को सरकार की ओर से मुफ्त में साइकिल दी जानी है. ऐसे में साइकिल बनाने वाली फर्म ने स्कूल और छात्रावास को ही अपना कारखाना बना डाला है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने साइकिल बनाने वाली फर्म को बिना किसी शुल्क के छात्रावास एवं स्कूल का परिसर ही नहीं दिया, बल्कि साथ में बिजली पानी और टॉयलेट की सुविधा भी मुफ्त में देने की मेहरबानी की है.
स्कूल टाइम में शोरशराबा : इस मुफ्त सुविधा की मेहरबानी का लाभ फर्म के कारीगर उठा रहे हैं. यहां दिन में स्कूल के टाइम पर साइकिल तैयार करने का काम चल रहा है. इस काम में बाल मजदूर भी लगे हैं. साइकिल बनाने वाली फर्म के कर्मचारी दिनभर पार्ट को जोड़ने का काम करते हैं, जिससे काफी शोरशराबा होता है. इससे शिक्षकों को पढ़ाने में और बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कतें हो रही हैं. इसके अलावा टैगोर छात्रावास में कई आदिवासी असहाय बच्चे रहते हैं. इन बच्चों के खेल मैदान पर साइकिल फर्म ने कब्जा कर रखा है.
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एक माह से चल रहा काम : साइकिल बनाने का यह काम लगभग 1 महीने से किया जा रहा है. इतना ही काम अभी होना बाकी है. वहीं, इस संबंध में सीहोर जिले के डीपीसी से सवाल किए गए तो उनका जवाब भी हैरतअंगेज है. डीपीसी का कहना है कि सीहोर में कहीं पर्याप्त जगह नहीं मिलने पर पिछले कई सालों से यह कार्य हो रहा है. जल्द ही साइकिलों को वहां से हटाकर वितरित कर दी जाएंगी. साथ ही साइकिल बनाने वाली फर्म से सुविधाओं के बदले शुल्क वसूला जाएगा.