ETV Bharat / state

MP Seat Scan Chitrakoot: राम की भूमि पर कांग्रेस भारी, 14 विधानसभा चुनाव में से 7 बार जीती, बीजेपी सिर्फ एक बार

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 3:49 PM IST

Updated : Nov 15, 2023, 9:35 AM IST

'चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर, तुलसीदास चंदन घिसे तिलक देत रघुवीर.'' यह लाइनें चित्रकूट के लिए बोली जाती हैं. यहां से राम का नाम जुड़ा है और राम का नाम आता है तो बीजेपी का नाम जुड़ जाता है, क्योंकि उसकी पूरी राजनीति राम नाम के ईर्दगिर्द है. लेकिन जब चुनाव की बात आती है तो चित्रकूट विधानसभा से कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आता है. पढ़िए चित्रकूट विधानसभा सीट का समीकरण...

MP Seat Scan Chitrakoot
चित्रकूट सीट पर कांग्रेस का कब्जा

भोपाल। चित्रकूट विधानसभा में पहला चुनाव वर्ष 1957 में हुआ, तब चित्रकूट को चित्रकोट कहा जाता था. पहली बार यहां राम राज्य परिषद को विजय मिली. लेकिन फिर यह पार्टी कहीं खो गई. अभी यहां से कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी विधायक हैं और सातवी बार कांग्रेस यहां से जीती है. बाकी सात बार में एक बार राम राज्य परिषद, प्रजो सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, बीएसपी, बीजेपी और निर्दलीय शामिल हैं. अब वर्तमान की बात करें तो इस बार भी किसी एक की तरफ यहां के लोग जाते दिखाई नहीं देते हैं. इस सीट पर यूपी का खासा असर है. ब्राम्हण और ठाकुरों के आसपास ही यहां की राजनीति होती है. यहां से कांग्रेस ने निलांशु को टिकट दिया है. इसके अलावा सुभाष शर्मा को बसपा, सुरेंद्र सिंह गहरवार को बीजेपी को टिकट दिया है.

Number of voters in Chitrakoot
चित्रकूट में मतदाताओं की संख्या

चित्रकूट सीट पर कांग्रेस का कब्जा: चित्रकूट सतना जिले में आता है और इस जिले की 4 सीटों पर बीजेपी तो 3 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. चित्रकूट सीट पर कांग्रेस का कब्जा है और बीजेपी ने इस सीट से सुरेंद्र सिंह गहरवार को फिर से मैदान में उतारा है. जबकि वे 2018 के विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं. क्योंकि तब बहुजन समाज पार्टी के रवेंद्र सिंह ने 24,010 वोट लेकर मुकाबला मुश्किल कर दिया था. 2018 के चुनाव में चित्रकूट विधानसभा सीट पर 1,96,339 वोटर्स थे. जिसमें से पुरुष वोटर्स की संख्या 1,05,641 और महिला वोटर्स की संख्या 90,696 थी. इनमें से कुल 1,42,498 (72.8%) वोटर्स ने वोट डाले थे.

MP Seat Scan Chitrakoot
चित्रकूट विधानसभा की खासियत

ठाकुरों के कम वोट, फिर भी 6 बार क्षत्रिय विधायक बने: उत्तर प्रदेश से सटा चित्रकूट ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से भी बेहद अहम शहर है. यह मप्र का प्रमुख पर्यटन स्थल है और राजनीति में हमेशा चर्चा में रहता है. यही रामपथ गमन बनाने को लेकर बार-बार बात उठती रही है. संस्कृत भाषा में चित्र का मतलब होता है अशोक, और कूट का अर्थ होता है शिखर या चोटी. इस वन क्षेत्र में कभी अशोक के वृक्ष बड़ी संख्या में मिला करते थे और चारों तरफ पहाड़िया हैं, इसीलिए इसे चित्रकूट कहते हैं. इस विधानसभा में ब्राह्मण समाज का बाहुल्य है. करीब 60 हजार ब्राह्मण वोटर्स रहते हैं. इनके बाद 55 हजार से अधिक हरिजन और आदिवासी वोटर्स हैं और यही कारण है कि 2 बार यहां से हरिजन विधायक बने हैं. लेकिन इस सीट पर क्षत्रिय समाज के महज 7 से 9 हजार वोटर्स हैं, इसके बाद भी चित्रकूट से 6 बार क्षत्रिय बिरादरी का नेता विधायक बना है. जबकि ब्राह्मण समाज का 4 बार ही विधायक बना है.

MP Seat Scan Chitrakoot
2018 का रिजल्ट

Also Read:

1. 1957 में चित्रकूट की बजाय चित्रकोट लिखा जाता था. पहली बार के इस चुनाव में आरआरपी, कांग्रेस, जनसंघ और दो निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे. जीत आरआरपी यानी अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के कौशलेंद्र प्रताप बहादुर सिंह को मिली और कांग्रेस के रामचंद्रा से 1813 वोट से जीत गए. पहली बार सीट अनरिजर्व थी.

2. 1962 में भी चित्रकोट लिखा जाता था. इस चुनाव में कांग्रेस का एक और निर्दलीय तीन प्रत्याशी थे, तब सीट रिजर्व थी. तब इनमें से निर्दलीय पाकलू जोगा जीते और दूसरे नंबर पर कांग्रेस के डोरा रहे. यह चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार 9444 वोट से जीत गए.

MP Seat Scan Chitrakoot
चित्रकूट विधानसभा की खासियत

3. 1967 में चित्रकूट सीट फिर से अनरिजर्व हो गई. इस बार कांग्रेस की तरफ से रामचंद्रा और पीएसपी की तरफ से आर सिंह मैदान में थे. जीत मिली प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (पीएसपी) के राम चंद्रा को, वे कुल 598 वोट से जीते. इस चुनाव में भारतीय जनसंघ की तरफ से जीपी सिंह समेत 5 निर्दलीय मैदान में थे.

4. 1972 में चित्रकूट विधान सभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार राम चंद्र बाजपेयी जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 28711 वोट हासिल हुए. वहीं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी/सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राम नंद सिंह कुल 11638 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 17073 वोटों से हार गए.

5. 1977 में चित्रकूट विधान सभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार रामानंद सिंह जीते और विधायक बने, उन्हें कुल 19545 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार कृष्ण प्रसाद शर्मा कुल 13493 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 6052 वोटों से चुनाव हार गए.

6. 1980 में चित्रकूट सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (i) के उम्मीदवार राम चंद्र बाजपेयी फिर प्रत्याशी बने और जीतकर विधायक बने. उन्हें कुल 20920 वोट मिले। वहीं जनता पार्टी (जेपी) के उम्मीदवार रामनंद सिंह कुल 17533 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, वे 3387 वोटों से हार गए.

7. 1985 में चित्रकूट विधान सभा सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार रामचन्द्र बाजपेयी फिर जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 20609 वोट मिले, जबकि जनता पार्टी के उम्मीदवार रामानंद सिंह को कुल 19467 वोट मिले और 1142 वोटों से चुनाव हार गए.

8. 1990 में चित्रकूट विधान सभा सीट से एक बार फिर जनता दल ने रामा नंद सिंह को उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 28813 वोट मिले. दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रेम सिंह रहे. उन्हें कुल 16264 वोट मिले और वे 12549 वोटों से चुनाव हार गए.

9. 1993 में चित्रकूट विधान सभा सीट से बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में आई और गणेश नामक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया. गणेश जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 18749 वोट मिले. दूसरे नंबर पर इस बार जनता दल के प्रत्याशी रामानंद सिंह रहे. उन्हें 13488 वोट मिले और वे 5261 वोटों से हार गए.

10. 1998 में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रेम सिंह को उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 44404 वोट मिले. दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामदास मिश्रा रहे. उन्हें कुल 16480 वोट मिले और वे 27924 वोटों के बड़े अंतर से हार गए.

11. 2003 में चित्रकूट सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से एक बार फिर उम्मीदवार प्रेम सिंह बने, जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 32918 वोट मिले. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार बद्री प्रसाद पटेल कुल 24119 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, वह 8799 वोटों से हार गए.

12. 2008 के विधान सभा में चित्रकूट सीट से भारतीय जनता पार्टी ने सुरेंद्र सिंह गहरवार को उम्मीदवार बनाया. पहली बार बीजेपी को जीत मिली और उनका विधायक बना. गहरवार को कुल 24955 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार प्रेम सिंह दूसरे स्थान पर रहे, उन्हें कुल 24233 वोट मिले. वे 722 वोटों से चुनाव हार गए.

13. 2013 में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार प्रेम सिंह को बनाया. प्रेम सिंह जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 45913 वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह गहरवार को कुल 34943 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे. वे 10970 वोटों से चुनाव हार गए.

14. 2018 के विधान सभा चुनाव में चित्रकूट सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार नीलांशु चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया. नीलांशु जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 58465 वोट मिले. दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह गहरवार रहे, उन्हें कुल 48267 वोट मिले और वे 10198 वोटों से हार गए.

Last Updated : Nov 15, 2023, 9:35 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.