'भगवान शिव फैमिली मैनेजमेंट गुरू और शिवपुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ'

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Published : Aug 16, 2021, 4:27 PM IST

Lord Shiva

सावन का आज आखिरी सोमवार है, आज सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है, सागर में पं विपिन बिहारी शास्त्री ने कथा वाचन किया, जिसमें उन्होंने भगवान शिव को फैमिली मैनेजमेंट गुरू और शिवपुराण को फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ बताया है, उनका कहना है कि शेर और बैल एक जगह नहीं रह सकते हैं, मोर और सर्प भी एक जगह नहीं रह सकते हैं, चूहा और सर्प भी एक जगह नहीं रह सकते हैं, लेकिन भगवान शंकर के यहां सब एक जगह पर हैं, इससे बड़ा फैमिली मैनेजमेंट का उदाहरण क्या हो सकता है कि जहां दुश्मन भी एक हो जाएं

सागर। सावन का महीना चल रहा है और भगवान शिव की भक्ति में लीन श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की पूजा अर्चना कर रहे हैं, इसी कड़ी में शिव महापुराण का भी आयोजन किया जा रहा है. शिव महापुराण भगवान शिव की शिक्षाओं का ग्रंथ है, शिव महापुराण वक्ता पंडित विपिन बिहारी कहते हैं कि हमारे सभी धार्मिक ग्रंथों में शिव महापुराण का विशेष महत्व है.

पं विपिन बिहारी शास्त्री

जीवन जीना सिखाता है शिव महापुराण

शिव महापुराण से हमें शिक्षा मिलती है कि विषम स्वभाव और विषम परिस्थितियों में भी एक परिवार कैसे एक रह सकता है, जिस तरह से शिव परिवार पूजनीय है, उसी तरह अगर शिव महापुराण का अर्थ समझ लिया जाए, तो आपका परिवार भी सुखी रह सकता है.

शिव महापुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ

पंडित विपिन बिहारी कहते हैं कि वैसे तो सनातन धर्म में चार वेद, छह शास्त्र और 18 पुराण हैं, लेकिन उनमें भागवत गीता, रामचरितमानस, महाभारत और शिव महापुराण का विशेष महत्व है, शिव महापुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ है, जिन लोगों को परिवारों से अधिक प्रेम हो, जो चाहते हो कि हमारा परिवार बिखरे ना, टूटे ना और कोई दुख तकलीफ ना आए, तो उनको शिव महापुराण को सुनना चाहिए.

वास्तु शास्त्र ही पूरा महाशिवपुराण है, गीता हमें कर्म का ज्ञान देती है, रामचरितमानस हमें ये बताती है कि हमें जीवन कैसे जीना है, महाभारत हमें यह सिखाती है कि हमें समाज में कैसे रहना है. अंतिम यात्रा कैसे सुखद हो और परमात्मा तक पहुंचे, हमारा परिवार कैसा हो, इसका ज्ञान शिव महापुराण से मिलता है.

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शिवपुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ

शिव परिवार में विविधता "फैमिली मैनेजमेंट" का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण

पंडित विपिन बिहारी बताते हैं कि भगवान शिव का परिवार अपने आप में यह सिखाता है कि हमें एक परिवार में कैसे रहना चाहिए, भगवान शिव का परिवार विषम परिवार है, शिव जी का वाहन बैल है, तो माता पार्वती का वाहन शेर है, कार्तिकेय जी का वाहन मोर है, तो गणेश जी का वाहन चूहा है, यह सब एक दूसरे के दुश्मन हैं.

शेर और बैल एक जगह नहीं रह सकते हैं, मोर और सर्प भी एक जगह नहीं रह सकते हैं, चूहा और सर्प भी एक जगह नहीं रह सकते हैं, लेकिन भगवान शंकर के यहां सब एक जगह पर हैं, इससे बड़ा फैमिली मैनेजमेंट का उदाहरण क्या हो सकता है कि जहां दुश्मन भी एक हो जाएं, इसलिए हमें शिक्षा मिलती है कि जब एक छत के नीचे शेर, बैल, चूहा और सर्प रह सकते हैं, तो हम एक परिवार में इकट्ठे क्यों नहीं रह सकते हैं ?

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भगवान शिव फैमिली मैनेजमेंट गुरू

भगवान शिव का पूरा परिवार पूज्यनीय

पंडित विपिन बिहारी बताते हैं कि शिवजी का परिवार एक ऐसा परिवार है, जो पूजनीय है, शिवजी की तो पूजा होती ही है, वहीं माता पार्वती को पूरे विश्व में पूजा जाता है, भगवान गणेश तो प्रथम पूज्य हैं, कार्तिकेय की पूजा मुरगन स्वामी के रूप में होती है, माता-पिता की पूजा होती है और दोनों बेटों की भी पूजा होती है, इसके अलावा दोनों बहुओं की भी पूजा होती है, रिद्धि सिद्धि कौन नहीं चाहता है, इसलिए उनकी पूजा होती है.

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इसके अलावा भगवान शिव के दोनों नातियों की भी पूजा होती है, बताइए शुभ-लाभ की पूजा कौन नहीं करता है ? हर घर में शुभ और लाभ लिखा रहता है, इससे शिक्षा मिलती है कि परिवार अच्छा हो, तो आप के सातों वार अच्छे होते हैं, आपका परिवार बिगड़ जाए, तो देश भर में मंगल रहेगा, लेकिन आपके घर में मंगल नहीं रह सकता है, परिवार को संभालो तो सातों वार संभल जाएंगे, परिवार बिगड़ जाएगा, तो सातों वार बिगड़ जाएंगे, इसलिए शिवजी फैमिली मैनेजमेंट के गुरू हैं और शिव महापुराण फैमिली मैनेजमेंट का ग्रंथ है.

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