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सागर BMC में बन रहा प्रदेश का पहला रिसर्च सेंटर, 6 करोड़ राशि से 6 माह में पूरा होगा निर्माण

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Published : Dec 8, 2022, 7:18 AM IST

साध्य और असाध्य दोनों तरह के रोगों से सुरक्षा के लिए इन असंक्रामक बीमारियों पर शोध और अध्ययन के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बड़ी तैयारी चल रही है. यहां पर भारत सरकार की सहायता से यहां एक बड़ी लैब का निर्माण किया रहा है. इस प्रयोशाला को बनने में करीब 6 माह का वक्त लगेगा. भारत सरकार की ओर से इसके लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (BMC) को 6 करोड़ की अनुदान राशि मुहैया कराई गई है.(sagar first research center being built in bmc)

sagar first research center being built in bmc
सागर बीएमसी में बन रहा प्रदेश का पहला रिसर्च सेंटर

सागर। कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी का कहर देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने देखा है. बुंदेलखंड इलाके में बीमारियां जोर पकड़ रही है. जिनमें कैंसर, हृदय रोग, अर्थराइटिस, हाइपर टेंशन, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी दर्जनों बीमारियां हैं. कैंसर के मरीजों की तेजी से संख्या बढ़ रही है, तो तनाव के चलते युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी देखने मिल रही है. डेंगू और चिकनगुनिया बीमारियों से पीड़ित रहे मरीज अर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं. हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं. इन बीमारियों पर शोध और अध्ययन के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बड़ी तैयारी चल रही है. भारत सरकार की मदद से बीएमसी में एक लैब का निर्माण किया जा रहा है. यहां असंक्रामक बीमारियों के प्रसार और उपकरणों के साथ इलाज पर अध्ययन किया जाएगा.(sagar first research center being built in bmc)

construction will be completed in 6 months
शोध और अध्ययन के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला की जा रही है तैयार

पिछले दो दशकों से बढ़ा इन बीमारियों का असरः बुंदेलखंड में कैंसर, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर जैसी नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज का कहर पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ा है. बुंदेलखंड इलाके के एकमात्र मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में संभाग के सभी 6 जिलों से आ रहे मरीजों के अध्ययन में जानकारी सामने आई है कि बुंदेलखंड में असंक्रामक बीमारियां तेजी से अपना दायरा बढ़ा रही है. अलग-अलग तरह के कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. ब्लड प्रेशर डायबिटीज और हृदय रोग के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. बुंदेलखंड के युवाओं में तनाव के चलते हाइपरटेंशन के लक्षण भी देखने मिल रहे हैं इसके अलावा अर्थराइटिस और दूसरी बीमारियां भी तेजी से जोर पकड़ रही हैं इन बीमारियों के कारण और निदान के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एक परियोजना पर काम किया जा रहा है. (Effect of diseases increased since last 2 decades)

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शोध और अध्ययन के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला की जा रही है तैयारः भारत सरकार के स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की मदद से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में असंक्रामक बीमारियों पर रिसर्च के लिए मध्यप्रदेश का इकलौता रिसर्च सेंटर तैयार किया जा रहा है. बीएमसी के डीन कार्यालय के प्रथम तल पर रिसर्च सेंटर तैयार किया जा रहा है. रिसर्च सेंटर में अत्याधुनिक प्रयोगशाला बनाई जाएगी. प्रयोगशाला का प्लेटफार्म बन चुका है. हालांकि रिसर्च सेंटर के लिए उपकरण की खरीदी की प्रक्रिया चल रही है. सभी तैयारियां हो जाने के बाद स्टाफ की भर्ती की जाएगी. भारत सरकार द्वारा अध्ययन केंद्र के लिए 6 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई है. सरकार ने प्रयोगशाला के लिए फैकल्टी सेटअप,आवश्यक संसाधन, शोधकर्ता, सपोर्टिंग स्टॉफ और तमाम जरूरतों की जानकारी भी मांगी है. (construction will be completed in 6 months)

construction with an amount of 6 crores
रिसर्च की मंजूरी के लिए कमेटी बनाने की तैयारी

रिसर्च की मंजूरी के लिए कमेटी बनाने की तैयारीः नॉन कम्युनिकेबल डिसीज के शोध और अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश के इकलौते रिसर्च सेंटर में रिसर्च के लिए छात्रों को अनुमति देने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया जाएगा. कमेटी के गठन की प्रक्रिया चल रही है फिलहाल बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में किसी भी रिसर्च के लिए एथिकल कमेटी अनुमति देती है. इस रिसर्च सेंटर के लिए एलआरएसी गठित की जा रही है. यह कमेटी नॉन कम्युनिकेबल डिसीज पर रिसर्च के लिए अनुमति देने का काम करेगी. फिलहाल बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में कमेटी के गठन की प्रक्रिया पर विचार कर रहा है. जिसमें कमेटी के सदस्य कमेटी के मुखिया और किन बिंदुओं के आधार पर रिसर्च की अनुमति मिलेगी. इस पर विचार-विमर्श चल रहा है. (Preparation form committee approval of research)

sagar first research center being built in bmc
सभी तैयारियों में 6 महीने का वक्त लगेगा

सभी तैयारियों में 6 महीने का वक्त लगेगाः नॉन कम्युनिकेबल डिसीज रिसर्च सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ अमर गंगवानी बताते हैं कि रिसर्च सेंटर की तैयारियां शुरू हो गई है. प्रयोगशाला का करीब 30 फीसदी काम पूरा हो चुका है. रिसर्च की अनुमति के लिए एक कमेटी के गठन की प्रक्रिया चल रही है. सभी व्यवस्थाओं में करीब 6 महीने और लगने की उम्मीद है. जल्द ही रिसर्च सेंटर काम करना शुरू कर देगा और बुंदेलखंड के इन बीमारियों के मरीजों के लिए मददगार साबित होगा. (construction with an amount of 6 crores)

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