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क्या करे आम आदमी, जब कोटवार भी हो गए रिश्वतखोर, नामांतरण के कागज के एवज में मांगे ढाई हजार

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 10:49 PM IST

Sagar Lokayukta Action
रिश्वत

Sagar Lokayukta Action: सागर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई कर एक कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्त ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया.

कोटवार पर लोकायुक्त की कार्रवाई

सागर। सिस्टम में किस तरह रिश्वतखोरी अपनी जड़े जमा चुकी है. इसकी बानगी आपको सागर में सामने आए रिश्वतखोरी के मामले में देखने को मिल सकती है. अब तक आपको बडे़-बडे़ अफसर और मलाईदार कुर्सियों पर बैठे बाबुओं के रिश्वतखोरी के कारनामे सुनने मिलते थे, लेकिन अब तो कोटवार और चपरासी भी इस कदर रिश्वतखोरी करने लगे हैं कि आम आदमी के पास कोई चारा नहीं बचा है. दरअसल सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने सागर के केरबना गांव के कोटवार को ढाई हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

कोटवार ने आवेदक से नामांतरण के कागज के एवज में ढाई हजार रूपए की रिश्वत की मांग की थी. जिसकी शिकायत आवेदक ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय सागर में दर्ज करायी थी. लोकायुक्त संगठन ने शिकायत की जांच पडताल की और शिकायत सही पाए जाने पर आज जाल बिछाकर रिश्वतखोर कोटवार को धर दबोचा.

क्या है मामला: दरअसल, सागर के उपनगरीय इलाके मकरोनिया के नीरज दुबे ने सागर लोकायुक्त एसपी संगठन को शिकायत दर्ज करायी थी कि उसकी पत्नी अनामिका दुबे के नाम पर सागर कानपुर रोड पर केरबना गांव में एक में एक प्लाॅट है. जिसके सीमांकन और नामांतरण के संबंध में कोटवार जोगेन्द्र सिंह चढार ने मुझसे पांच हजार रूपए रिश्वत की मांग की थी और कहा था कि मैं सब कुछ करा दूंगा. इसकी शिकायत आवेदक नीरज दुबे ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी.

मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की तस्दीक के लिए साक्ष्य जुटाए, तो आवेदक और कोटवार की बातचीत में ढाई हजार रुपए रिश्वत में सौदा तय हुआ. बुधवार को केरवना गांव के झंडा बाबा मंदिर के सामने ग्राम केरबना सागर कानपुर रोड पर ढाई हजार की रिश्वत लेते हुए कोटवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में तत्कालीन पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है. हालांकि पटवारी का ट्रांसफर हो चुका है. लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि विवेचना और साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपी दोषी पाए जाने पर शामिल किए जाएंगे.

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कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त टीम: लोकायुक्त की ये कार्रवाई डीएसपी मंंजू सिंह, निरीक्षक के पी एस बेन और निरीक्षक अभिषेक वर्मा की टीम ने की है, लेकिन रिश्वतखोरी का ये मामला जनचर्चाओं में बना हुआ है कि अगर चपरासी और कोटवार भी ऐसे रिश्वत लेने लगे, तो आम आदमी का जीना मुश्किल हो जाएगा. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है.

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