सागर। मध्यप्रदेश के 5 शिक्षक संगठनों ने एक संयुक्त मोर्चा का गठन कर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान कर दिया है, इन पांचों संगठनों के संयुक्त मोर्चा का पहला सम्मेलन सागर में संपन्न हुआ. सम्मेलन में तय किया गया है कि जब तक शिक्षक संगठनों की मांगों को लेकर सरकार उचित निर्णय नहीं लेगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा. हम सरकार से संघर्ष नहीं चाहते, लेकिन शोषण भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिलहाल संयुक्त मोर्चा का पहला संभागीय सम्मेलन सागर में आयोजित किया गया है, इसके बाद प्रदेश के हर संभागीय मुख्यालय में सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, अनुकंपा नियुक्ति का सरलीकरण और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखा जाएगा.
सागर में अध्यापक-शिक्षक संयुक्त मोर्चा का गठन: मध्यप्रदेश के पांच बड़े जनाधार वाले शिक्षक संगठनों को एकजुट कर अध्यापक शिक्षक संयुक्त मोर्चा का गठन कर पहला संभागीय शिक्षक सम्मेलन सागर में रविवार को आयोजित किया गया. सागर संभागीय मुख्यालय पर हुए प्रथम सम्मेलन में सबसे महत्वपूर्ण बात ये रही कि सम्मेलन में प्रदेश के पांचों अध्यापक संघ के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने पहुंचकर सफल बनाया, लगातार हो रही बारिश के बावजूद संभाग भर से अध्यापक और संविदा शिक्षक दूरदराज से पहुंचे. सभी शिक्षकों ने एक सुर में अपनी मांगों को लेकर विचार मंथन किया और आगामी रणनीति के बारे में भी विस्तृत चर्चा की, बैठक में तय किया गया पीसांगन में हुए पहले सम्मेलन के बाद अब हर संभागीय मुख्यालय में संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और मांगों को लेकर एक विस्तृत रणनीति बनाई जाएगी.
सागर में हुआ मोर्चा का पहला सम्मेलन: शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष राकेश दुबे ने कहा कि "हमने मध्यप्रदेश के बड़े जनाधार वाले शिक्षक संगठनों को इकट्ठा किया है, अब हम हर संभाग स्तर पर हर सप्ताह संभागीय सम्मेलन करेंगे. सागर का एक अपना महत्व है, मध्य प्रदेश सरकार में 3-3 कद्दावर मंत्री सागर जिले से हैं और यह एक जागृत जगह है, इसलिए इसकी शुरुआत हमने सागर से की है. अगला कार्यक्रम रीवा संभागीय मुख्यालय पर होगा, हमारी सबसे बड़ी मांग है कि मध्य प्रदेश के अंदर दो प्रकार के कैडर नियमित शिक्षकों और अध्यापकों का है और मध्य प्रदेश सरकार ने अध्यापक संवर्ग को राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्त कर दिया है. हमारी सबसे बड़ी मांग है कि राज्यसेवा शिक्षा में नियुक्त किए गए अध्यापक संवर्ग की सेवा की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक से करते हुए उसको सभी तरह की वरिष्ठता प्रदान की जाए, यहां प्रथम नियुक्ति दिनांक से मतलब है कि जब वह शिक्षाकर्मी, गुरुजी या संविदा शिक्षक के रूप में नियुक्त हुआ हो, इसके अलावा हमारी सबसे बड़ी मांग अनुकंपा नियुक्ति के सरलीकरण की है."
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मांगे पूरी होने तक जलती रहेगी मशाल: जिला अध्यक्ष आलोक गुप्ता ने बताया कि "यहां संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, इस सम्मेलन में प्रदेश के 5 बड़े शिक्षक संगठनों के पांच प्रांताध्यक्ष और सागर संभाग के सभी जिलों के अध्यापक साथी शामिल हुए. हम लोगों की प्रमुख मांग नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता और पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर है, सम्मेलन की शुरुआत सागर से की गई है, सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे पास अलग-अलग संगठनों ने एकजुट होकर संयुक्त मोर्चा का गठन किया है और यह आह्वान किया है कि अब हम लोगों ने अध्यापक संयुक्त मोर्चा का जो गठन किया है, उसके अंतर्गत हमारा संघर्ष जारी रहेगा. जब तक हम लोगों की यह मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक मशाल जलती रहेगी."