ATM कार्ड जारी होते ही कार्डधारक का हो जाता है बीमा, क्या आपने किया चेक?

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Published : Sep 29, 2021, 1:27 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 12:52 PM IST

ATM कार्ड
ATM कार्ड ()

आज के डिजिटल युग में अधिकतर लोगों के पास बैंक (Bank) का एटीम कार्ड (ATM Card) होता है, लेकिन सभी लोगों को इससे संबंधित अधिकर जानकारी नहीं होती. ये जानकारी बहुत कम लोगों को है कि किसी भी बैंक का एटीएम कार्ड इश्यू (Issue) होते ही एटीएम कार्ड धारक का दुर्घटना बीमा (Accident insurance) हो जाता है. आइए समझते हैं क्या है इसकी प्रक्रिया और कौन-कौन लोग आते है इसके दायरे में....

सागर। बैंक का एटीएम कार्ड (atm card) जारी होते ही कार्ड धारक का दुर्घटना बीमा हो जाता है. ऐसे लोग विकलांगता और अप्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में बीमा दावा कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको एटीएम कार्ड से नियमित ट्रांजैक्शन (Transaction) करना होगा. हाल ही में सागर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम कार्ड धारक की मृत्यु के 5 साल बाद दुर्घटना बीमा देने का आदेश उपभोक्ता फोरम द्वारा दिए गए हैं.

ATM कार्ड जारी होते ही कार्डधारक का हो जाता है बीमा
उपभोक्ता फोरम ने दिए आदेशदरअसल, एटीएम कार्ड धारक (atm card holder) की मौत (Death) के बाद उनकी पत्नी ने बीमा (Insurance) के लिए दावा किया था, लेकिन बैंक द्वारा समय पर दावा न करने का कारण बताते हुए इसे खारिज कर दिया था, लेकिन उपभोक्ता फोरम (Consumer Forum) ने बैंक को 15 दिन के भीतर एटीएम कार्ड धारक की विधवा पत्नी को बीमा की राशि दिए जाने का आदेश जारी कर दिया. आइए जानते हैं कि किस तरह से एटीएम धारक दुर्घटना बीमा का दावा कर सकता है.

क्या है मामला
दरअसल, जिले की मालथौन तहसील की निवासी पानबाई के पति काशीराम अहिरवार की मौत खेत पर काम करते हुए वर्ष 2016 में हो गई थी. अपने पति की मौत के बाद पानबाई अहिरवार ने पति के एटीएम कार्ड के आधार पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में दुर्घटना बीमा का दावा पेश किया था, लेकिन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने बीमा दावे की अवधि खत्म हो जाने का तर्क देते हुए बीमा देने से इंकार कर दिया था. वही बैंक द्वारा इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी कि काशीराम अहिरवार की मौत के बाद उनके परिजन उनके एटीएम कार्ड का उपयोग क्यों कर रहे हैं. बैंक का कहना था कि मृतक के परिजनों को 90 दिन के भीतर दुर्घटना बीमा पेश करना था. इस मामले में पानबाई अहिरवार ने एडवोकेट मनीष तिवारी के माध्यम से उपभोक्ता फोरम में प्रकरण पेश करते हुए दुर्घटना बीमा की मांग की थी.

क्या आदेश दिया जिला उपभोक्ता फोरम ने
करीब 4 साल तक चले इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष अनुपम श्रीवास्तव ने बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के 20 सितंबर 2011 के सर्कुलर को आधार मानते हुए निर्देश दिया. इस निर्देश में कहा गया कि देरी से सूचना के आधार पर बीमा दावा खारिज नहीं किया जा सकता है. इस मामले में पानबाई अहिरवार को बीमा दावा पेश करने का अवसर दिया जाना चाहिए. अध्यक्ष द्वारा आवेदक द्वारा 15 दिन के भीतर बैंक के समक्ष दावा पेश करने को कहा है और ये भी कहा है कि बीमा कंपनी 2 महीने के अंदर इस दावे का निराकरण करें. वही आयोग ने आवेदक से कहा है कि अगर 2 माह के अंदर प्रकरण का निराकरण नहीं होता है,तो फिर आयोग के समक्ष परिवाद पेश कर सकता है.

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एटीएम कार्ड धारकों को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
आज कल बैंक से पैसा निकासी का बड़ा माध्यम एटीएम हैं. बैंक द्वारा हर उपभोक्ता को खाता खोलने के साथ ही एटीएम कार्ड दिया जाता है. आमतौर पर बैंक द्वारा खाताधारक को ये नहीं बताया जाता है कि एटीएम के ईश्यू होते ही खाता धारक का दुर्घटना बीमा हो जाता है. दुर्घटना में विकलांगता की स्थिति और अप्राकृतिक मौत की स्थिति में खाताधारक के नॉमिनी दावा कर सकते हैं.

ये भी समझ लें

  • हर बैंक के अलग-अलग कैटेगरी के एटीएम कार्ड होते हैं. सभी बैंक कार्ड की कैटेगरी के आधार पर कार्डधारक का अलग अलग तरह का बीमा करता है, जितनी ज्यादा सुविधा और जितना ज्यादा शुल्क वाला कार्ड होता है. उस हिसाब से कार्ड धारक को दुर्घटना बीमा की सुविधा दी जाती है.
  • कार्डधारक को दुर्घटना की स्थिति में विकलांगता होने पर या मृत्यु होने पर बीमा का लाभ मिलता है.
  • उपभोक्ता को बैंक द्वारा कार्ड इशू करने के समय यह पूछना चाहिए कि उसके एटीएम कार्ड पर कितनी राशि का दुर्घटना बीमा किया गया है.
  • एटीएम कार्ड धारक को लगातार कार्ड का उपयोग भी करना चाहिए. अगर एटीएम कार्ड धारक एटीएम से ट्रांजैक्शन नहीं करता है और लंबे समय तक कार्ड ब्लॉक रहता है, तो दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलता है.
  • एटीएम कार्ड के साथ किस इंश्योरेंस कंपनी का बीमा किया गया है. बीमा में क्या-क्या सुविधाएं हैं और बीमा का दावा पेश करने की क्या समयावधि है, ये विशेष तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए.
Last Updated :Oct 2, 2021, 12:52 PM IST
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