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MP Chunav 2023: कांग्रेस में शामिल हुए अभय मिश्रा ने बताई BJP छोड़ने का वजह, बोले- CM से लेकर पार्टी तक सब ने दिया धोखा

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 8:53 AM IST

Updated : Oct 21, 2023, 1:13 PM IST

Semaria Assembly Election: कांग्रेस से शामिल हुए अभय मिश्रा ने भाजपा को छोड़ने की वजह बताई है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं, आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा-

big blow to bjp
भाजपा को झटका

अभय मिश्रा ने क्यों 2 महीने में 2 बार बदली पार्टी

रीवा। जिले की सेमरिया विधानसभा सीट मध्यप्रदेश के 230 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा हॉट विधानसभा सीट मानी जा रही है और इसकी वजह केवल कांग्रेस पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे अभय मिश्रा है. माना यह जा रहा है कि सेमरिया विधानसभा में अभय मिश्रा के खिलाफ बीजेपी की टिकट से वहां के ही वर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे, दोनों ही प्रत्याशियों के बीच राजनीतिक द्वेष के कारण 36 का आंकड़ा रहता है, जिसके कारण सेमरिया विधानसभा सीट प्रदेश की हॉट सीट बनी हुई है. फिलहाल अगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट से महा चुनावी संग्राम में देखने को मिलेगा.

सेमरिया क्यों बनी प्रदेश की सबसे हॉट सीट: सेमरिया सीट की चर्चा जोरों पर इसलिए भी है क्योंकि बीते 71 दिन पूर्व अभय मिश्रा ने दो बार पार्टी बदली, जिसकी वजह से लोगों में असमंजस की स्थिति देखने को मिली. ठीक 2 महीने पहले ही अभय मिश्रा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था, मगर चुनाव होने के एक महीने पहले वह पुन कांग्रेस में वापस आ गए. हालांकि कांग्रेस के सीनियर लीडर ने भी अभय मिश्रा का कथन पर सहमति जताई और घर वापसी मानते हुए कांग्रेस में शामिल होने के कुछ ही घंटो बाद ही उन्हें पार्टी का टिकट सौंपते हुए सेमरिया विधानसभा सीट से अपना प्रत्यासी घोषित कर दिया और अभय मिश्रा सेमरिया विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए. अब इसी कारण अब सेमरिया विधानसभा का चुनावी रण काफी रोमांचक हो गया है.

केपी त्रिपाठी के खिलाफ चुनावी जंग में आए अभय मिश्रा: सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा ने दो महीने के भीतर दो बार पार्टी बदलने के जो कारण बताए, उसके चलते इस सीट की चुनावी समीकरण बदलाव की स्थिति बनती दिखाई दे रही है. शुक्रवार को सेमरिया सीटे से प्रत्यासी बनाए जाने के बाद अभय मिश्रा जब अपने फार्म हाउस पहुंचे तो उन्होंने मीडिया से समक्ष कई बड़े और चौंका देने वाले खुलासे किए.

अभय मिश्रा ने बताया कि जब वह बीते दो माह पूर्व बीजेपी नेताओं के संपर्क में आकार भाजपा में शामिल हुए थे, तब अभय मिश्रा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने बैठकर वर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी को दोबारा टिकट न देने की शर्त रखी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथ में जल लेकर केपी त्रिपाठी को टिकट न देने का वचन दिया था. कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा कहते हैं कि चुनाव से ठीक पहले ही उन्हें पता चला कि बीजेपी में उनके साथ धोखा किया जा रहा है और पार्टी ने पुनः केपी त्रिपाठी को ही टिकट देने का फैसला कर लिया, जिसकी वजह से वह फिर कांग्रेस पार्टी में आकर केपी त्रिपाठी के खिलाफ चुनावी जंग में आमने सामने हो गए.

अभय मिश्रा ने क्यों 2 महीने में 2 बार बदली पार्टी: अभय मिश्रा का कहना है कि भाजपा या तो केपी त्रिपाठी की पत्नी को टिकट दे दे या फिर भाजपा नेता संजय द्विवेदी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दे, लेकिन पार्टी केपी त्रिपाठी को दोबारा टिकट देकर उन्हें अपना प्रत्याशी न बनाए. हालांकि टिकट न देने के वजह भी अभय मिश्रा ने बताई है, उनका कहना है कि "मौजूदा बीजेपी विधायक ने ना तो क्षेत्र मेंं, ना जानता के हित में कोई कार्य किए हैं और ना ही क्षेत्र में कोई ढंग का विकास हुआ है, इसके उलट क्षेत्र में गुंडागर्दी चरम सीमा पर है, साथ ही विधायक निधी के पैसों का भी गलत इस्तेमाल किया गया है. इसी के चलते मैंने केपी त्रिपाठी को टिकट देने पर अपना विरोध जताया जताया था, सीएम शिवराज भी अपने वादे से पलटी खा गए जिसके बाद उन्होंने भाजपा छोड़ने की ठान ली और काग्रेस में शामिल हो गए."

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सेमरिया विधानसभा के पहले विधायक अभय मिश्रा: आपको बता दें जिले की सिरमौर विधानसभा से अलग होकर वर्ष 2008 में सेमरिया रीवा जिले की आठवीं विधानसभा सीट बनी थी जहां से उस वक्त बीजेपी की टिकट से अभय मिश्रा चुनावी मैदान में उतरे थे और 2008 विधानसभा चुनाव में प्रचंड मतों के साथ जीत हासिल करते हुए वह विधायक बने थे. बाद में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी नीलम मिश्रा पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा था, जिसके बाद चुनाव हुए और नतीजे नीलम मिश्रा के पक्ष में आए और उन्होंने अपनी जीत दर्ज कराई.

पहले भी सेमरिया की सियासत में आ चुका है भूचाल: नीलम मिश्रा के विधायक बनने के कुछ दिनों बाद ही सेमरिया की सियासत ने ऐसा मोड़ आया कि भारतीय जनता पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे, जिसके कारण वर्ष 2018 चुनाव के पहले अभय मिश्रा ने बीजेपी का साथ छोड़कर अपनी पत्नी के संग कांग्रेस का दामन थाम लिया और खुद रीवा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आ गए. इसके बाद सेमरिया विधानसभा सीट की टिकट भारतीय जनता पार्टी ने कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला के करीबी केपी त्रिपाठी को दे दी और बस यही से अभय मिश्रा और केपी त्रिपाठी एक दूसरे के अच्छे खासे विरोधी बन गए.

नहीं बदला कैंडीडेट इसलिए अभय मिश्रा ने छोड़ी भाजपा: अभय मिश्रा का कहना है कि 2 महीने पहले जब उन्होंने दोबारा बीजेपी की सदस्यता ली थी, तब शीर्ष नेतृत्व के द्वारा उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि केपी त्रिपाठी को टिकट नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही शीर्ष नेताओं ने यह भी कहा था कि अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को चुनावी मैदान में उतर जाएगा, लेकिन चुनाव से ठीक पहले समीकरण बदल गया और बीजेपी ने अपना कैंडिडेट नहीं बदला. इसी वजह से अब वह फिर की त्रिपाठी के सामने खड़े होकर चुनाव लड़ रहे हैं. अब देखना होगा की इस चुनावी रण में कौन, किसको, सह और मात का मजा चखाता है.

Last Updated :Oct 21, 2023, 1:13 PM IST
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