रायसेन। सिलवानी के सुल्तानगंज क्षेत्र में आने वाला बाकोरी गांव बेमिसाल है. इस गांव में 90 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं. आजादी के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित इस गांव के तमाम लोग मेहनत से पढ़ाई कर सरकारी विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं. जनपद मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर करीब 450 की आबादी वाले बाकोरी गांव में कई लोग शिक्षा, स्वास्थ्य,अन्य विभागों में तैनात हैं और शिक्षक, ग्राम सेवक, स्टाफ नर्स, फौज, पंचायत सचिव और अन्य पदों पर भर्ती होकर देश सेवा में योगदान कर रहे हैं. करीब गांव के 12 लोग शासकीय शिक्षक हैं, जो अध्यापन कर बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं. खास बात यह है कि खेती कर परिवार का भरण पोषण तो कर ही रहे हैं, साथ ही बच्चों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाने की हर संभव कोशिश भी कर रहे हैं.
बड़े शहरों में रहकर कर रहे हैं पढ़ाई
इस गांव में प्राइमरी तक स्कूल होने से हर वर्ग के बच्चे यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा के लिए भैंसा और सुल्तानगंज जाते हैं और उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बेगमगंज, सागर, विदिशा, भोपाल, पुणे,अमृतसर, आदि शहरों में अध्ययन कर रहे हैं. खास बात यह है कि बाकोरी गांव शिक्षा की दृष्टि से शुरू से ही अपनी अलग पहचान कायम किए हुए है. इस गांव में वेद पुराण ज्योतिष आदि शास्त्रों का ज्ञान रखने वाले अनेक विद्वान पंडित भी हैं.
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90% लोग शिक्षित
इस गांव के बुजुर्गों की शिक्षा एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता ने ही इस गांव को बेमिसाल बनाया है. जहां गांव का प्रत्येक बच्चा शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ा हुआ है, इसलिए ही गांव में 90% लोग शिक्षित हैं. यहां के लोग शिक्षा पर ज्यादा जोर देते हैं. यही कारण है कि इस गांव के लोग पढ़ाई कर शिक्षक, ग्राम सेवक, स्टाफ नर्स आदि के पद पर तैनात रहकर देश के विकास में योगदान कर रहे हैं. गांव की जनता सरल स्वभाव की है. सभी लोग चाहते हैं कि अपने बच्चों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराएं. इसके लिए लोग उत्साहित भी हैं. गांव में ऐसे भी लोग हैं जो शिक्षा के लिए समर्पित हैं.