हीरा व्यापार पर कोरोना का ग्रहण, पिछले साल के मुकाबले विभाग को मिले कम हीरे

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Published : Jun 23, 2021, 3:00 PM IST

्The officials appealed to the workers to deposit the diamonds

कोरोना कर्फ्यू का असर इस बार हीरा खनन में भी देखने को मिला, इस बार पिछले साल की अपेक्षा कम हीरे मिले हैं. बताया जा रहा है कि मजदूरों ने इस साल काफी कम हीरे कार्यालय में जमा करवाए हैं, जिसकी वजह से सरकार को राजस्व की हानि हुई है.

पन्ना। कोरोना की दूसरी लहर के कारण लगाए गए कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) ने जहां व्यपारियों की कमर तोड़ कर रख दी है, तो वहीं हीरा खनन पर भी कोरोना का ग्रहण देखने को मिला है. हीरों की नगरी पन्ना में जनता कर्फ्यू की वजह से हीरा व्यापार (diamond trade) से जुड़े लोगों को हुए नुकसान के साथ ही विभाग को भी राजस्व की हानि हुई है. विभाग का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा इस साल कम हीरे जमा करवाए गए हैं.

हीरा व्यापार को कोरोना काल में भारी नुकसान

विभाग करता है हीरों की नीलामी

पन्ना जिले को देश दुनिया में उज्ज्वल किस्म के हीरों के लिए जाना जाता है. बुंदेलखंड की एक मशहूर कहावत है कि, पन्ना की धरा किसी को भी रंक से राजा बना देती है. हर साल यहां सैकड़ो की संख्या में हीरे मिलते है. जो हीरा कार्यालय में जमा किये जाते है. फिर उन जमा किए गए हीरों की नीलामी हीरा विभाग के द्वारा की जाती है. नीलामी में हीरे खरीदने के लिए देश के कोने-कोने से व्यापारी आते है. बताया जा रहा है कि यह वित्तीय वर्ष हीरा व्यापार से जुड़े लोगों के लिए काफी निराशाजनक रहा.

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लगभग 73 कैरेट के हीरे हुए जमा

हीरा अधिकारी के अनुसार जनता कर्फ्यू के चलते मजदूरों ने हीरे जमा नहीं किए है. पिछले वित्तीय वर्ष में जहां हीरा विभाग में लगभग 145 नग हीरे 184.73 कैरेट के जमा हुए थे. तो वहीं इस साल मात्र 79 नग हीरे लगभग 73.03 कैरेट के ही जमा हुए है. जिस वजह से सरकार को राजस्व की भी हानि हुई है.

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