ओरछा/सागर। ओरछा पहुंचे देश- विदेश के श्रद्धालुओं सहित पर्यटक उत्साह के साथ राजाराम की बारात में शामिल होकर जनकपुरी की ओर रवाना हुए. जनकपुरी पहुंचने पर श्रीराम सीता का विवाह संस्कार विधि विधान से संपन्न हुआ. विवाह संपन्न होने के बाद बारात वापस रामराजा के महल रूपी मंदिर के लिये वापस हुई. ओरछा में सोमवार रात पूरे राजसी वैभव और बुंदेली ठाठ-बाट से भगवान रामराजा की बारात निकाली गई. इससे पहले भगवान रामराजा सरकार दूल्हे के रूप में पालकी में विराज कर मंदिर से बाहर आए.
सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने दी सलामी : सालों से चली आ रही परम्परा के अनुसार सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई. बारात के सबसे आगे रघुकुल का प्रतीक चिह्न, उसके बाद मशाल थामे मशालची, फिर चांदी की छड़ी लिये दरबान और भगवान को चांवर हिलाते हुए सेवक चले. रामराजा की बारात का ओरछा नगरवासियों द्वारा घर -घर आरती उतारी गई. बारात में शामिल लोगों का बुंदेली परम्परा से स्वागत किया गया.
जानिए क्या है मान्यता : नवगठित निवाड़ी जिले के ओरछा का रामराजा मंदिर ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर है. यहां स्थापित रामराजा सरकार की मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि ओरछा महारानी गनेश कुंवर पुष्य नक्षत्र में रामराजा सरकार की मर्ति अयोध्या से नंगे पैर पैदल चलकर ओरछा लायी थीं. श्रीराम प्रतिमा बुंदेलखंड के ओरछा में आने के बाद ओरछा के राजा के रूप में स्थापित की गयी. सालों पुरानी परम्परा के अनुसार रामराजा को प्रतिदिन सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा दिन के चारों पहर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.
ओरछा में विवाह पंचमी महोत्सव की धूम, कलेक्टर ने किया मंडप पूजन
करीब 500 सालों की परंपरा : पिछले करीब 500 सालों से लगातार रामराजा की नगरी ओरछा में 3 दिवसीय विवाहोत्सव आयोजित किया जाता है. जिसमें देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं. इसके लिए प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां की जाती हैं.