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नीमच जिले में चारों तरफ पानी ही पानी, सड़कों पर चल रही नांव, पलायन करने को मजबूर ग्रामीण

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Published : Sep 16, 2019, 11:03 PM IST

नीमच से करीब 50 किलोमीटर दूर ढाणी गांव का ज्यादातर हिस्सा जलमग्न हो गया. यहां लोगों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में बाढ़ से भारी तबाही हुई है.

बारिश से फैली तबाही

नीमच। जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मनासा तहसील का गांव ढाणी पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं. गांव में करीब 70 मकान है, इसमें 300 लोग निवास करते हैं. गांव में कई मकान गिर चुके हैं. कई किसानों की उपज घरों में ही रखी होने के कारण खराब हो चुकी है.

बारिश से फैली तबाही

प्रशासन ने ग्रामीणों से गांव खाली करने की बात तो कही है. लेकिन अब तक उनके पुर्नवास की व्यवस्था नहीं हो पाई है. गांव में किसी अधिकारी के ना आने से लोगो में प्रशासन के लिए काफी नाराजगी भी है. अलर्ट के जारी करने के बाद पंचायत नें पास ही कुंडला के छात्रावास में बनाए गए राहत शिविर में ग्रामीणों को पहुंचा दिया है. वहीं ढाणी से कुंडला के बीच आवागमन के लिए प्रशासन की तरफ से एक बोट की व्यवस्था की गई है.

बाढ़ का पानी गांव में भरने की वजह से अधिकांश ग्रामीण या तो रिश्तेदार के यहां चले गए या शिविर में है. ग्रामीणों के मवेशियों को गांव में ही ऊंचे क्षेत्र में बांध दिया है. खुद की जान अटकी है मगर कुछ लोग गांव मे ही हैं, जिससे पानी बढ़ने पर मवेशियों को खुला छोड़ सके.

Intro:नीमच। ग्राम पंचायत कुण्डवास के अंतर्गत आने वाले ग्राम ढाणी पूरी तरह जलमग्न हो गया। प्रशासन ने यहां के ग्रामीणों को चेतावनी दी गई कि गांव खाली कर दे लेकिन अपने गाय व अन्य मवेशियों को छोड़कर गांव वाले गांव छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं है।


Body:जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मनासा तहसील का ग्राम ढाणी जलमग्न हो गया है यहां करीब 70 मकान है इसमें 300 लोग निवास करते हैं गांव में कई मकान गिर चुके हैं कई किसानों की उपज घरों में ही रखी होने के कारण खराब हो चुकी है प्रशासन के अलर्ट के जारी करने के बाद सरपंच करेंसी रावत में ग्राम कुंडला में छात्रावास में बनाए गए राहत शिविर में ग्रामीणों को पहुंचा दिया है ढाणी से कुंडला के बीच आवागमन के लिए प्रशासन की ओर से एक बोट की व्यवस्था की गई है ग्राम ढाणी में आने जाने के लिए ग्राम वासियों ने एक नाव की व्यवस्था भी की है ग्रामीणों की आय का एकमात्र स्त्रोत मवेशी है।


Conclusion:बाढ़ का पानी गांव में भरने की वजह से अधिकांश ग्रामीण या तो रिश्तेदार के यहां चले गए या शिविर में है ग्रामीणों के मवेशियों को गांव में ही ऊंचे क्षेत्र में बांध दिया है । ग्रामीण उनकी सुरक्षा के लिए ग्राम में ही मौजूद है ताकि पानी बढ़ जाने पर मवेशियों को खुला छोड़ सके ऐसे हालात में गांव के कुछ बुजुर्ग और युवा गांव में ही मौजूद है।
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