नीमच। आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ के सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल का जो जवाब मिला है, उससे साफ हो गया है कि जब देश संकट से जूझ रहा था, उस वक्त सरकार एक्साइज ड्यूटी से मोटी कमाई कर रही थी, जवाब के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (central excise duty on petroleum products) वसूली से केंद्र सरकार का राजस्व 26.5 फीसदी तक बढ़ा है. ताजा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही जोकि अप्रैल से सितंबर तक रहती है, इस दौरान देश में अलग-अलग पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली से सरकार का राजस्व करीब 26.5 फीसदी इजाफे के साथ 199416 करोड़ रुपए पहुंच गया है. इस अवधि में ही पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दाम शीर्ष पर पहुंचे थे.
आरटीआई के तहत पूछे सवालों पर मिला जवाब
नीमच के आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ के सवालों पर यह जानकारी सामने आई है, जिसे उन्होंने मीडिया से साझा किया है, गौड़ ने बताया कि जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के प्रणाली एवं आंकड़ा प्रबंधन विभाग ने उन्हें पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली को लेकर सूचना के अधिकार के जरिए यह डिटेल (26.5 percent Revenue increased during corona pandemic) मुहैया कराया है.
राजस्व 183.22 से बढ़कर 684.32 करोड़ हुआ
गौड़ के अनुसार पहली छमाही में केंद्रीय उत्पाद शुल्क का राजस्व एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर 183.22 करोड़ रुपए से बढ़कर 684.32 करोड़ रुपए, कच्चे तेल पर 3079.88 करोड़ रुपए से बढ़कर 6377.65 करोड़ रुपए, डीजल पर 106,102.55 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,33,455.34 करोड़ रुपए, गैस पर 475.16 करोड़ रुपए से बढ़कर 886.05 करोड़ रुपए और पेट्रोल पर 47,744.04 करोड़ रुपए से बढ़कर 58,012.91 करोड़ रुपए पहुंच गया है.