Narsinghpur News दोनों पीठों के निजी सचिव बने रहेंगे ब्रह्मचारी सुबुधानंद, शंकराचार्य के साथ रहे साए की तरह

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Published : Sep 13, 2022, 9:24 PM IST

Subudhananda personal secretary benches

ब्रह्मचारी स्वामी सुबुधानंद दोनों पीठों के निज सचिव बने रहेंगे. वहीं सचिव ब्रह्मचारी स्वामी सुबुधानंद ने ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ पर आसीन होने वाले शंकराचार्यों की घोषणा की. द्वारका शारदा पीठ पर दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को शंकराचार्य पद, वहीं ज्योतिष पीठ पर दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को शंकराचार्य पद पर आसीन किया गया.Subudhananda personal secretary benches,new successor inheritance announced

नरसिंहपुर। परमहंसी गंगा आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में ब्रम्हलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के निज सचिव ब्रह्मचारी स्वामी सुबुधानंद ने ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ पर आसीन होने वाले शंकराचार्यों की घोषणा की. द्वारका शारदा पीठ पर दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को शंकराचार्य पद, वहीं ज्योतिष पीठ पर दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को शंकराचार्य पद पर आसीन किया गया. वहीं ब्रह्मचारी स्वामी सुबुधानंद दोनों पीठों के निज सचिव बने रहेंगे. Subudhananda personal secretary benches,new successor inheritance announced

23 सिंतबर को आयोजित होगी श्रद्धांजलि सभा: स्वामी सुबुधानंद महाराज ने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की इच्छा थी कि उनके इन दोनों श्रेष्ठ शिष्यों को दोनों पीठों की जिम्मेदारी दी जाएगी. माना जाता है कि शंकराचार्य पीठ रिक्त नहीं रह सकता है. इसी वजह से इस मान्य परंपरा का पालन करते हुए ब्रम्हलीन स्वामी स्वरूपानंद जी सरस्वती के उत्तराधिकारी की घोषणा की गई.ज्ञात हो कि 11 सितंबर को महाराज जी का देवलोकगमन हो जाने के बाद 12 सितंबर को उन्हें समाधि दी गई. इसके बाद अब 21 सितंबर को यति पार्वण व 22 सितंबर को नारायण बलि और आराधना संपन्न होगी. 23 सितंबर को भंडारा व श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. उसी समय में दोनों पीठों के शंकराचार्यों के पट्टाभिषेक महोत्सव की तिथि भी घोषित की जाएगी.

Swaroopanand Saraswati Successor: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी सदानंद होंगे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी

शंकराचार्य के साथ साए की तरह रहे सुबुधानंद स्वामी: स्वरूपानंद सरस्वती के निजी सचिव स्वामी सुबुधानंद सरस्वती का. स्वामी सुबुधानंद हमेशा शंकराचार्य के साथ साए की तरह रहते थे. उनका सारा काम इन्हीं के हवाले रहा. स्वरुपानंद के दोनों शिष्यों को जब दोनों पीठों की जिम्मेदारियां सौंपी उसके पहले से ही माना जा रहा है कि कौन स्वामी जी का उत्तराधिकारी होगा. संतों की अब तक की परंपरा के अनुसार शंकराचार्य के जीवित रहते ही उनके उत्तराधिकारी का चुनाव किया जाता है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी ऐसा किया था. Subudhananda personal secretary benches,new successor inheritance announced

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