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सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर से मुलाकात,पीएनडीटी एक्ट संसोधन से हैं नाराज

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Published : Aug 3, 2019, 8:57 PM IST

सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर से मुलाकात

पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी को लेकर अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर के साथ बैठक. संचालकों ने कहां कि किसी भी फार्मेट डाटा के रिकॉर्ड दो वर्ष तक रखना संभव नहीं है.

मुरैना। पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी को लेकर अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर के साथ बैठक गई. बैठक में पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी पर चर्चा की गई. अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने कहा कि किसी भी फार्मेट डाटा के रिकॉर्ड दो वर्ष तक रखना संभव नहीं है.

सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर से मुलाकात,पीएनडीटी एक्ट संसोधन से हैं नाराज

अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों का कहना है कि अभी तक पीएनडीटी एक्ट के पालन में भ्रूण लिंग परीक्षण होने वाली प्रसूता की जानकारी मैनुअली रिकॉर्ड से रखी जाती थी. बाद में नये प्रावाधान के तहत लाडली लक्ष्मी एप पर ऑनलाइन करने का प्रावधान आया. और अब एमपी ऑनलाइन के माध्यम से जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होती है. अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी संचालकों ने एमपी ऑनलाइन जानकारी जांच से पहले भरने में असमर्थता जताई है. वहीं कलेक्टर ने शासन के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं ।

बता दें कि जिले में में लगातार लिंगानुपात बढ़ता जा रहा है. 1000 लड़कों की संख्या अनुपात में 823 लड़कियां औसतन हैं जो समाज के लिए चिंता का विषय है. सरकार ने भ्रूण लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया है इसके बाद भी मुरैना जिले में 17 अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर संचालित है.

शरदा संचालकों का कहना है कि रात के समय एमपी ऑनलाइन सेंटर बंद होते है ऐसे में रात के समय आने वाले मरीजों कि डाटा तकनीकी परेशानियों के कारण एमपी ऑनलाइन के एप जानकारी अपलोड करने में परेशानी होती है.
वर्तमान समय दो तरह से रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है एक रिकॉर्ड निर्धारित फॉर्मेट पर मैनुअली मेंटर रखा जाता है और दूसरा लाडली लक्ष्मी के एप पर प्रदेश सरकार द्वारा पहले से ऑनलाइन रिकॉर्ड भरने की व्यवस्था की है. और अब तीसरा योजना केंद्र सरकार के एमपी ऑनलाइन के माध्यम से रिकॉर्ड अपलोड करने के साथ-साथ मरीज का अंगूठा स्क्रीन कराना आवश्यक है जिसे लेकर प्रशासन और सेंटर संचालकों के साथ तालमेल नहीं बैठा है इस बैठक में पीएनडीटी एक्ट के समिति सदस्य भी मौजूद थे

Intro:पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधान को लेकर अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों की एक बैठक कलेक्टर के साथ हुई । बैठक में नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी पर चर्चा की गई । अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर संचालकों का कहना है कि किसी एक फॉर्मेट पर हमसे जानकारी ली जाए । 3 -3 तरह के फार्मेट से जानकारी का संधारण करना और उसका 2 वर्ष तक रिकॉर्ड रखना संभव नहीं है । क्या अभी तक पीएनडीटी एक्ट के पालन में भ्रूण लिंग परीक्षण कराने के लिए आने वाली प्रसूता की जानकारी मैनुअली रिकॉर्ड से रखी जाती थी उसके बाद लाडली लक्ष्मी एप पर ऑनलाइन करने का प्रावधान आया और अब एमपी ऑनलाइन के माध्यम से भी जानकारी न केवल ऑनलाइन अपलोड करनी है बल के अंगूठा स्कैन कर करना आवश्यक है उसके बाद ही अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी चेकअप किया जा सकता है । अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी संचालको ने एमपी ऑनलाइन जानकारी जांच से पहले भरने में असमर्थता जाहिर की है । वहीं कलेक्टर ने शासन के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं ।


Body:ज्ञात हो कि जिले में लगातार लिंगानुपात बढ़ता जा रहा है 1000 लड़कों की संख्या अनुपात में 823 लड़कियां औसतन हैं जो समाज और सरकार के लिए चिंता का विषय है ऐसे में सरकार ने भ्रूण लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया है बावजूद इसके मुरैना जिले में संचालित 17अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर है । शरदा संचालकों का कहना है अगर कोई मरीज रात्रि के समय आता है और उस समय एमपी ऑनलाइन सेंटर बंद होते हैं उस स्थिति में क्या मरीज की जांच नहीं की जाए ऐसी तकनीकी परेशानियों के कारण एमपी ऑनलाइन के एप जानकारी अपलोड करने में सोनोग्राफी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक तैयार नहीं है


Conclusion:वर्तमान समय दो तरह से रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है एक रिकॉर्ड निर्धारित फॉर्मेट पर मैनुअली मेंटर रखा जाता है और दूसरा लाडली लक्ष्मी के एप पर प्रदेश सरकार द्वारा पहले से ऑनलाइन रिकॉर्ड भरने की व्यवस्था की है अब तीसरा केंद्र सरकार के निर्देशानुसार एमपी ऑनलाइन के माध्यम से रिकॉर्ड अपलोड करने के साथ-साथ मरीज का अंगूठा स्क्रीन कराना आवश्यक है जिसे लेकर प्रशासन और सेंटर संचालकों के साथ तालमेल नहीं बैठा है इस बैठक में पीएनडीटी एक्ट के समिति सदस्य भी मौजूद थे
बाईट 1 - आशा सिकरवार - सामाजिक कार्यकर्ता
बाईट 2- नीरज सिंघल - सदस्य पीएनडीटी एक्ट समिति मुरैना
बाईट - 3 श्रीमती प्रियंका दास - कलेक्टर मुरेना
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