Morena Mayor Election: PM मोदी के बड़े मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर में कांग्रेस की बड़ी चोट, मुरैना के मेयर सीट पर कांग्रेस का कब्जा

Morena Mayor Election: PM मोदी के बड़े मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर में कांग्रेस की बड़ी चोट, मुरैना के मेयर सीट पर कांग्रेस का कब्जा
ग्वालियर के बाद बीजेपी को दूसरा बड़ा झटका लगा है चंबल में. मुरैना के चुनावी अखाड़े में उतरीं कांग्रेस प्रत्याशी शारदा सोलंकी ने बीजेपी की प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव को हराकर मुरैना की मेयर सीट पर अपना कब्जा जमा लिया है. (Morena Mayor Election Result) (mp urban body election 2022) यह इलाका पीएम मोदी के कद्दावर कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का है जहां पर BJP की बड़ी हार हुई है.
मुरैना। मध्यप्रदेश में मेयर चुनाव की 5 सीटों पर आज नतीजे घोषित हो गए हैं. (MP Urban Body Election 2022) इस दौरान मुरैना से चौकाने वाले नतीजे आए हैं. (Morena Mayor Election Result) यहां बड़ा सियासी परिवर्तन हो गया है. क्योंकि यह क्षेत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) का गढ़ माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस की जीत होने से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की साख पर सवाल खड़े होने लगे हैं. अबकी बार ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया.
रिकॉर्ड मतों से जीत: अबकी बार ग्वालियर-चंबल अंचल के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने इतिहास रच दिया है. ग्वालियर के बाद मुरैना सीट में भी कांग्रेस रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है. कांग्रेस महापौर प्रत्याशी शारदा सोलंकी ने बीजेपी महापौर प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव को हरा दिया. बीजेपी की इस हार से माना जा रहा है कि, सत्ता के सेमीफाइनल में यानी कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रबल दावेदारी के साथ मैदान में भाजपा का सामना करने के लिए तैयार हो गई है.
कई कद्दावर नेता हारे: जीत के बाद कांग्रेस महापौर प्रत्याशी शारदा सोलंकी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि, यह जीत मुरैना शहर की जनता की जीत है. मैं उनका आभार प्रकट करती हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह इलाका किसी का गढ़ नहीं, बल्कि सिंधिया और तोमर अपने आपको इस इलाके को अपना गढ़ मानते हैं, लेकिन निकाय चुनाव में बहुमत से यह स्पष्ट हो गया है कि, जनता ने उनको ढहा दिया है. खास बात यह है कि, नगर निगम में कई ऐसे पार्षद उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है. जो पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं.
