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कोटा बैराज बांध से पानी छोड़े जाने से चंबल नदी के किनारे बसे कई गांव हुए जलमग्न

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Published : Sep 16, 2019, 10:10 PM IST

चंबल नदी में बाढ़ आने से कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए है. हालतों को देखते हुए प्रशासन ने आर्मी की सहायता से लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है.

चंबल नदी के किनारे बसे कई गांव हुए जलमग्न

मुरैना। राजस्थान के कोटा बैराज बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से चंबल नदी में बाढ़ आ गया है. जिससे नदी बसे गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए है. गांवों में पानी भर जाने के कारण कई मकान ढह गए है. हालतों को देखते हुए प्रशासन ने आर्मी की सहायता से लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है.

चंबल नदी के किनारे बसे कई गांव हुए जलमग्न

बता दें कि कोटा बैराज डैम के सभी 19 गेट खोले जाने से चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. चंबल नदी के जलस्तर में आए उफान के कारण नदी के किनारे बासे कई गांव टापू के रूप में तब्दील हो चुके हैं. जोरा तहसील से लगभग सभी गांव जलमग्न हो गए है. गांव में पानी भरने से कई परिवार यहा फंस गए. जिन्हें प्रशासन ने रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है.

प्रशासन ने सभी परिवारों को दूसरे गांव में बने विद्यालय और मंदिरों में ठहरने की व्यवस्था के साथ उनके खाने- पीने का इंतजाम भी किया. साथ कलेक्टर प्रियंका दास अधिकारियों को स्थिति पर नजर बना रखे और अलर्ट रहने के निर्देश दिए है.

Intro:कोटा बैराज बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद चंबल के हालात विकराल हो गए हैं। चंबल नदी में अचानक आए उफान से जहां नदी किनारे के गांवों में लोगों का जीवन असामान्य हो गया है वहीं कई गांवों में पानी भर जाने के कारण मकान ढह गए एवं केई गांवों ने टापू का रूप ले लिया है। ग्रामीणों के मुश्किल हालातों को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली है। हालांकि ग्रामीण अभी भी अपना सामान एवं पशु छोड़कर गांव से बाहर आने को तैयार नहीं है । इस कारण प्रशासन को उन्हें बाढ़ के हालातों से बाहर निकालकर लाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सोमवार को दिनभर आर्मी की सहायता से रेस्क्यू चलाया गया है। असामान्य हालातों से निपटने के लिए जिलाधीश मुरैना श्रीमती प्रियंका दास सहित अनुविभागीय अधिकारी जौरा नीरज शर्मा तहसीलदार श्रीमती सुब्रता त्रिपाठी अपने अमले के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रेस्क्यू करवा रहे हैं। आपदा की इस स्थिति में जोरा विधायक बनवारी लाल शर्मा के पुत्र प्रदीप शर्मा भी सोमवार को दिनभर प्रशासनिक टीम के साथ ग्रामीणों की मदद करते देखे गए। Body:उल्लेखनीय है कि रविवार हो कोटा बैराज के सभी 19 गेट भोले जाने से चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चंबल नदी के जलस्तर में आए उफान के कारण चंबल किनारे के कई गांव टापू के रूप में तब्दील हो चुके हैं। जोरा तहसील के भेदपुरा,बरसैनी का पुरा, आमली, बिरजा पुरा,होराबराह, बील गड़ा,मलपुरा,बहादुर का पुरा, कोड़रे का पुरा आदि गांवों में पानी भर गया है। गांव में पानी भरने की आशंका से प्रशासन पहले से ही ग्रामीणों कोअलर्ट कर चुका था। इसके चलते प्रशासनिक अमला रविवार को ही कई गांवों में पहुंचा और वहां पानी में फंसे ग्रामीणों को गांव से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। रविवार को भी चंबल नदी का रौद्र रूप देखने को मिला। बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा आर्मी की टीम को साथ लेकर वोट द्वारा रेस्क्यू कर कई परिवारों को बाढ़ से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस दौरान प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को ऊंचे स्थानों पर बने विद्यालय एवं मंदिरों में ठहरने की व्यवस्था के साथ उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया। मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक टीम ने वेदपुरा गांव पहुंचकर वहां फंसे लगभग दर्जनभर परिवारों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद होने का दावा कर रहा है।Conclusion:जिलाधीश की सहृदयता देख गदगद हुए ग्रामीण
सोमवार को जिलाधीश मुरैना श्रीमती प्रियंका दास के निर्देशों पर वेद पुरा गांव में रेस्क्यू किया जा रहा था। इस दौरान रेस्क्यू कर गांव से बाहर लाइए कुछ बच्चों क्या से होने की बात कही तो जिलाधीश ने अपने स्वयं की पानी की बोतल मंगाकर उन्हें पानी पिलाया एवं प्रशासनिक अमले को ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अमले को बाढ़ के हालात नियंत्रित नहीं होने तक ग्रामीण क्षेत्रों में ही रुकने के निर्देश भी दिए जिलाधीश की यह सहृदयता देखकर ग्रामीण गदगद होते हुए उनके व्यवहार की सराहना करने लगे।
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