मुरैना में क्वारी ने तोड़ा 50 साल का रिकॉर्ड, पानी से घिरे सैकड़ों गांव, ट्रैक्टर ट्यूब पर टिकी लोगों की जिंदगी

author img

By

Published : Aug 4, 2021, 7:33 AM IST

Updated : Aug 4, 2021, 11:56 AM IST

After 50 years, there was a boom in the Quarry river

मध्यप्रदेश के बड़े हिस्से में लगातार जारी बारिश और बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं. बाढ़ से प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर, ग्वालियर ,दतिया, मुरैना जिलों में सेना बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. कई इलाकों में सेना की तैनाती भी की गई है.1971 के बाद ऐसा पहली बार है जब चंबल के बाद अंचल की क्वारी नदी सामान्य स्तर से 10 मीटर ऊपर बह रही है.बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने आदेश तो दे दिए, लेकिन मदद के लिए कोई नहीं आया. जिसके बाद ग्रामीण टैक्टर ट्यूब के सहारे बाढ़ के पानी से बाहर आए.

मुरैना।(Morena)। चंबल अंचल में पिछले तीन दिनों से चंबल नदी और क्वारी नदी इस समय पूरी तरह से उफान पर है.लेकिन 1971 के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि चंबल के बाद अंचल की क्वारी नदी सामान्य स्तर से 10 मीटर ऊपर बह रही है.जिसकी वजह से आसपास सैकड़ों गांव पानी की चपेट में आ गए हैं. ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के टयूब के सहयोग से गांव खाली करना शुरू कर दिया हैं. कुछ लोग गांव में अभी भी फंसे हुए हैं.उन्हें निकालने के लिए प्रशासन के अधिकारियों को ग्रामीणों ने सूचना दी तो है लेकिन अभी तक कोई अधिकारी गांव तक नहीं पहुंचा है.ग्रामीणों की मानें तो अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी नहीं आया है और ना ही कोई मदद की गई है. वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं जिसमें ग्रामीण ट्रैक्टरों की ट्यूब पर बैठकर गांव से निकलकर सुरक्षित जगह पर आ रहे हैं.अगर इस समय कोई बड़ा हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. लेकिन जिम्मेदारों को तो ग्रामीणों की कोई सुध ही नहीं है.

ट्रैक्टर ट्यूब के सहारे बचने की कोशिश

पिछले तीन दिन से चंबल नदी, क्वारी और सोन नदी में उफान आ रहा है.नेपरी के पुल में दरार पडने से मंगलवार की सुबह से ही स्टेट हाइवे पर यातायात रोक दिया गया है. कैलारस से सबलगढ़ श्योपुर और सबलगढ़ से कैलारस की तरफ आने जाने वाले वाहन वहीं रोक दिए गए हैं. क्वारी नदी का ये रौद्र रूप पिछले 50 साल बाद देखने को मिला है,जिससे कई गांवों में पानी भर गया है और ग्रामीण फंस गए हैं.

50 साल बाद क्वारी नदी में आया उफान

प्रशासन मीटिंग लेकर व्यवस्थाएं बनाने पर जोर देता रहा.बाढ़ प्रभावित गांवों का पूर्व से दौरा नहीं किया गया.जबकि प्रशासन द्वारा सिर्फ पंचायत के जिम्मेदार लोगों के भरोसे ही व्यवस्था छोड़ दी गई. उसी का परिणाम हैं कि कैलारस के बाल्हेरा क्वारी नदी की बाढ़ से घिरे मटरे का पुरा के ग्रामीण रात भर सोए नहीं और न ही उनकी मदद के लिए प्रशासन पहुंचा. सुबह होने टैक्टर के ट्यूब के सहारे अपने बच्चे और महिलाओं को निकालकर लाए और गांव को खाली किया.कैलारस जनपद पंचायत के मटरे के पुरा गांव का ये मामला है.

Chambal River and Quarry River
टैक्टर ट्यूब के सहारे बाढ़ के पानी से बाहर आते लोग

मुरैना कलेक्टर से जब इसको लेकर सवाल किया गया तो वो कैमरे के सामने बोलने से बचते रहे.इसी तरह यही स्थिति जागीर का पुरा, जहान का पुरा की है.वहीं कलेक्टर का दावा है कि भ्रमण कर ग्रामीण लोगों को आश्वस्त किया कि प्रशासन आपके साथ है.अधिकारियों को रेस्क्यू कार्य को चालू रखने के निर्देश दिये.कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समक्ष ग्राम काबिल में 100 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकालने का दावा कर रहे हैं.वहीं कुछ लोगों को ग्राम जाबरोल के शासकीय विद्यालय के नजदीक भवन में शिफ्ट करवा दिया है.

MP में बाढ़ से भयावह हुए हालात, सेना बुलाई गई, ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर, कई पुल बहे

अपने रिश्तेदारों को बचाने जा रहे हैं ग्रामीण

जिन गांवों में पानी भरा हुआ ग्रामीण अपने रिश्तेदारों को बचाने के लिए वहां भी जा रहे हैं और उन्हें बचाकर सुरक्षित स्थान पर रोका जा रहा है या फिर अपने साथ अपने गांव में लाकर बचा रहे हैं.अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसके लिए जिम्मेदारों को एक बार सोचना चाहिए. जिले में अभी तो कुंवारी और आसन नदी का ही विकराल रूप देखने को मिल रहा है.चंबल नदी का उग्र रूप हो या खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी तो कई सैकड़ा गांव उसकी चपेट में आ जाएंगे. इससे प्रशासन को अभी से व्यवस्थाएं करनी चाहिए और लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने का काम शुरू करना चाहिए.

Chambal River and Quarry River is overflowing
बारिश के कारण चंबल नदी और क्वारी नदी उफान पर

चारों तरफ आपदा, कलेक्टर का नहीं उठा फोन

जिले में पिछले तीन दिन बाढ़ आपदा से लोग घिरे हुए हैं. ऐसी स्थिति में जिले के मुखिया को अलर्ट मोड़ पर रहना चाहिए. लेकिन उनका वही पुराना रवैया बना हुआ है. सुबह से उनको कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया.वहीं प्रभारी मंत्री भी लंबे समय से जिले में नहीं आए हैं. राजनीतिक हस्तक्षेप न होने से अधिकारी निरकुंश होते जा रहे हैं। तीन दिन से बाढ़ के हालात बने हुए थे लेकिन कलेक्टर अमले के साथ बंगले से जब निकले हैं तब जनता स्वयं अपने संसाधनों से गांव खाली करने लगी. यह खबर मीडिया के जरिए हाइलाइट की गई तब प्रशासनिक अमले के साथ मौका के मुआयना करने जिले के अधिकारी निकले,

Last Updated :Aug 4, 2021, 11:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.