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Women's Day Special: हौसले ने दिलाई पहचान, कहीं खेती कर कहीं खाकी पहन खुद को स्वावलंबी बना रही महिलाएं

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Published : Mar 8, 2022, 7:23 PM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आधी आबादी को सम्मान दिया जा रहा है. आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे हैं, फिर चाहे वो खेती हो या फिर पुलिस की कमान. खेल के मैदान पर भी महिलाएं अपना जौहर दिखा रही हैं.

Womens Day Special
हौसले ने दिलाई पहचान

मंदसौर/बैतूल/पन्ना। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आधी आबादी को सम्मानित किया जा रहा है. मंदसौर के शहर कोतवाली में महिला पुलिसकर्मी को सम्मानित करते हुए एक दिन का ईंचार्ज बनाया गया. वहीं मंदसौर के शामगढ़ निवासी किरण बैरागी ने वर्दी पहनकर अपना और अपनों का सपना पूरा किया. महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे है, फिर चाहे वो खाकी पहनकर ड्यूटी निभाना हो, या खेती कर स्वावलंबी बनना. बैतूल में महिलाएं खेती के जरिए खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं.

सब इंस्पेक्टर को मिला एक दिन का थाना प्रभार

एक दिन के लिए मिला थाने का जिम्मा
कोतवाली थाना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर नेहा जैन और आरक्षक अनिता चौधरी को महिला दिवस पर सम्मान स्वरूप एक दिन के लिए थाना शहर कोतवाली का चार्ज दिया गया. थाना प्रभारी अमित सोनी ने नेहा जैन को थाने का ईंचार्ज बनाया साथ ही आरक्षक अनिता चौधरी को थाना मुंशी का चार्ज दिया गया. इसे लेकर सब इंस्पेक्टर नेहा जैन ने कहा कि यह उनके लिए बड़ा गर्व का अवसर है. आज ऐसा लग रहा है कि महिलाओं की जो सामर्थता है वो सामने आ रही है. महिलाएं सब कुछ कर सकती हैं. कई स्थानों पर महिला थाना प्रभारी हैं जो थाना संभाल रही हैं. मैं पहली बार थाना संभाल रही हूं मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.

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किरण ने बचपन का सपना किया पूरा

वर्दी पहन बचपन का सपना किया पूरा
मंदसौर जिले के सुवासरा के शामगढ़ निवासी किरण बैरागी ने वर्दी पहनकर अपने बचपन के सपने को साकार किया है. किरण बैरागी पूरे उज्जैन संभाग अकेली SSF एग्जाम पास कर SSF कॉन्स्टेबल बनी हैं. एसएसएफ एग्जाम में देशभर से 63 महिलाओं का सिलेक्शन हुआ जिसमें किरण भी थी. किरण बचपन से ही वर्दी पहनना चाहती थी. उसके माता-पिता ने बताया कि 5 साल की उम्र में उसने जिद्द कर के पुलिस की ड्रेस और नकली बंदूक मंगवाई और फोटो खिंचवाई, आज किरण ने अपने उस सपने को साकार कर परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. बता दें कि किरण दिल्ली में गृह मंत्रालय में सुरक्षा बल में अपनी सेवा देगी.

बैतूल में खेती कर स्वावलंबी हो रही महिलाएं

खेती में भी आगे महिलाएं
खाकी हो या खेती, महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं. बैतूल जिले के शाहपुर तहसील के पठाई गांव की महिलाएं खेती के जरिए आत्मनिर्भर हो रही है. अच्छा लाभ कमा रही है. गांव की 12 महिलाओं के एक समूह ने गांव में एक एकड़ जमीन किराए पर ली है. इस जमीन पर महिलाओं का समूह सब्जियों की खेती कर रहा है. इसके बाद स्वयं ही बैतूल एवं होशंगाबाद जिले के बाजारों में पहुंचकर इन सब्जियों को महिलाएं बेच रही हैं. इसमें समूह की हर महिला को प्रति माह 5-6 हजार की आमदनी हो रही है. आज ये महिलाएं ना सिर्फ दूसरी नारियों के लिए बल्कि किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत हैं.

पन्ना की तलवारबाज बेटी

जिद करो दुनिया बदलो: 60 साल की शक्ति, रंजना पाठक ने बदल दी कई गांवों की महिलाओं की जिंदगी

पन्ना की तलवारबाज बेटी
पन्ना के एक छोटे से ग्राम निवारी के किसान की बेटी ने अभावों के बीच संघर्ष करते हुए तलवारबाजी में राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 11 मेडल एवं हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले एवं देश का परचम लहराते हुए अंतरराष्ट्रीय एशियन जूनियर कैडेट फेंसिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त कर जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया है. किसान नरेंद्र सिंह चौहान की बेटी 18 वर्षीय प्रज्ञा सिंह चौहान ने बड़ी मेहनत से तलवारबाजी में महारत हासिल की प्रज्ञा ने साल 2016 में रियो ओलंपिक के विनर को टीवी में तिरंगा झंडा ओढ़े हुए अपना इंटरव्यू देते हुए देखा था, जिसके बाद प्रज्ञा ने कुछ ऐसा ही करने का ठान लिया. इस बीच उसकी मां की मौत हो गई, लेकिन दादा और पापा के समझाने पर उसने भोपाल में आकर खूब मेहनत की और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक अर्जित किए.

(international women's day)

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