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दूसरों को आश्रय देने वाली समाज सेविका का छीना गया ठिकाना, वृद्धाश्रम के बाहर पड़े मिले ताले, रो-रोकर बुरा हाल

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Published : Apr 22, 2023, 2:24 PM IST

mandsaur social worker anamika jain
मंदसौर की समाजसेवी अनामिका जैन

मंदसौर में समाज सेवी अनामिका जैन को उनके ही वृद्धाश्रम से बाहर निकाल दिया गया. निराश्रित, विक्षिप्त, लावारिस, बेसहारा महिलाओं का सहारा बनी और उनका पालन पोषण करने वाली अनामिका जैन जब वृद्धाश्रम पहुंची तो आश्रय गृह के मेन गेट पर ताला लगा मिला, उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया. बाद में आए अन्य समाज सेविकाओं की मदद से वे अंदर गईं. पढ़ें पूरी खबर-

आश्रय देने वाली समाज सेविका का छीना गया ठिकाना

मंदसौर। समाज सेवा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों मंदसौर का "गौरव सम्मान" हासिल करने वाली एक समाज सेविका आज अपने ही स्टाफ के लोगों की प्रताड़ना की शिकार हो गईं हैं. निराश्रित लोगों के पुनर्वास के क्षेत्र में पिछले 14 साल से लगातार अपना योगदान देने वाली अनामिका जैन को आज निराश्रित वृद्धाश्रम, वात्सल्यधाम के कर्ताधर्ताओं ने ही बाहर निकाल कर मेन गेट पर ताले लगा दिए. समाज सेविका काफी देर तक अंदर जाने के लिए गुहार लगाती रही इसके बावजूद स्टाफ के लोगों ने वृद्धाश्रम के दोनों गेट का ताला नहीं खोला. लिहाजा शारीरिक रूप से दिव्यांग इस समाज सेविका को चिलचिलाती धूप में 2 घंटे सड़क पर ही बिताने पड़े. इस मामले की खबर मिलने के बाद शहर के समाज सेवक मौके पर पहुंचे और स्टाफ को फटकार लगाने के बाद वे आश्रम में दाखिल हुईं.

वृद्धाश्रम का गेट बंद कर समाजसेविका को रखा बाहर: मंदसौर जिले के गांव संजीत की रहने वाली अनामिका जैन पिछले 14 सालों से निराश्रित लोगों के पुनर्वास के क्षेत्र में लगातार काम कर रहीं हैं. अनामिका जैन अभी तक करीब 42 लोगों का पुनर्वास करवा चुकी हैं, इसमें कई लोग ऐसे हैं जो घर से भटक गए या फिर शारीरिक और मानसिक तौर पर दिव्यांग हैं, जिन्हें अपने परिजनों ने ही नकार दिया है. ऐसे लोगों के पुनर्वास का काम वह लगातार कर रही हैं. उनके इसी योगदान को देखकर जिला प्रशासन ने मंदसौर के वृद्धाश्रम वात्सल्यधाम में उन्हें एक नई बिल्डिंग भी आवंटित की है, जहां वे अभी 14 निराश्रित बालिकाओं के पुनर्वास का काम कर रही हैं. इसी आश्रम में मंदसौर और आसपास के निराश्रित वृद्ध भी वात्सल्यधाम के बिल्डिंग में रहते हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ हफ्तों से वात्सल्यधाम और उसके पास स्थित निराश्रित पुनर्वास केंद्र के स्टाफ के बीच अनबन चल रही है. इसी बात से खफा वात्सल्यधाम के कर्मचारियों ने शुक्रवार को अनामिका जैन को बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया और दोनों मेन गेट पर ताले लगा दिए.

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चिलचिलाती धूप में सड़क पर बैठीं समाजसेविका: बताया जा रहा है कि वात्सल्यधाम और निराश्रित पुनर्वास केंद्र की बिल्डिंग को लेकर दोनों में विवाद की स्थिति है, हालांकि इन दोनों बिल्डिंगों के रखरखाव और खर्च का जिम्मा रेड क्रॉस सोसाइटी का है. लिहाजा इस मामले में समाज सेविका ने रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष प्रितेश चावला और संचालकों से भी गुहार लगाई, लेकिन वहां के पदाधिकारियों ने भी उसकी कोई सुनवाई नहीं की. इन हालातों से परेशान होकर अनामिका जैन काफी देर तक सड़क पर बैठीं रहीं और बाद में मदद के लिए उन्होंने समाज सेवकों से बात की. इसके बाद भाजपा नेता विनय दुबेला और उनके साथी मौके पर पहुंचे और कलेक्टर से बातचीत कर आश्रम के गेट खुलवाए, जिसके बाद समाज सेविका अनामिका जैन अपने पुनर्वास केंद्र में दाखिल हुईं.

रेड क्रॉस सोसाइटी करवा रही जांच: पिछले दिसंबर महीने में मंदसौर में आयोजित गौरव दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाली इस समाज सेविका अनामिका जैन को मंदसौर गौरव के सम्मान से सबसे पहले नवाजा था. वहीं आज रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित आश्रम के स्टाफ की प्रताड़ना से शहर के समाजसेवी काफी नाराज नजर आए, उधर इस मामले में रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष प्रितेश चावला का कहना है कि "हम मामले की जांच करवा रहे हैं."

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