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पूरे प्रदेश में यूरिया की किल्लत, किसानों की बढ़ी मुसीबत

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Published : Jan 26, 2020, 8:20 AM IST

Updated : Jan 26, 2020, 9:16 AM IST

Shortage of urea in madhya pradesh
किसानों की मुसीबत बनी यूरिया की कमी

मध्यप्रदेश में यूरिया की कमी और कालाबाजारी के चलते किसानों सहित स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी यूरिया लेने के लिए मजबूर हैं. वहीं किसानों ने व्यापारियों पर कालाबाजारी कर महंगे दामों पर बेचने का आरोप भी लगाया है.

खरगोन। पूरे प्रदेश में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं. खरगोन की बात करें तो यहां किसानों के साथ उनके परिवार को भी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. ऐसे ही जब ईटीवी भारत यूरिया खाद वितरण केंद्र पहुंचा तो वहां पर यूरिया लेने के लिए किसान लंबी-लंबी कतारें बनाकर सुबह 6 बजे से ही लाइन में लग गए थे. जहां किसानों के साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी यूरिया के लिए लाइन में खड़े थे.

किसानों की मुसीबत बनी यूरिया की कमी

जब किसान देवली निवासी दशरथ राठौर से यूरिया के बारे में जानकारी ली तो केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर भड़कते हुए उसने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अब शर्म आनी भी बंद हो गई है. ये लाइनें आज से नही कई सालों से लग रही हैं. यूरिया की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. आपके माध्यम से उन जिम्मेदारों से पूछना चाहता हूं कि अभी तक उन्हें ये भी पता नहीं कि जिले में कितनी यूरिया लगेगी. सरकार को यूरिया स्टॉक करके रखना चाहिए. यूरिया बेहद जरूरी है जिसे डालने के बाद ही खेतों में गेहूं की फसल अच्छी आती है.

किसानों की मुसीबत बनी यूरिया की कमी

वहीं स्कूल छोड़कर यूरिया लेने के लिए कतार में लगे किसान परिवार के बच्चों का कहना है कि खेत में यूरिया की जरूरत है. यूरिया आधार कार्ड पर 2 बोरी और पावती पर 3 बोरी दे रहे हैं. इसलिए आज स्कूल कॉलेज छोड़कर खाद वितरण केंद्र में यूरिया लेने आना पड़ा है.

Intro:मध्य प्रदेश यूरिया की कमी और कालाबाजारी के चलते किसान सहित स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी यूरिया लेने के लिए मजबूर हैं। वहीं किसानों ने व्यापारीयों पर कालाबाजारी कर महंगे दामों पर बेचने का आरोप भी लगाया।


Body:खरगोन जिले में यूरिया की किल्लत से किसान सहित पूरे किसान परिवारों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है ऐसे ही जब ईटीवी भारत यूरिया खाद वितरण केंद्र पहुंचा। तो वहां पर यूरिया लेने के लिए किसान लंबी-लंबी कतारें बनाकर सुबह 6 बजे से ही लाइन में लग गए थे।
जब किसान देवली निवासी दशरथ राठौर से यूरिया के बारे में जानकारी ली। तो वह केंद्र और राज्य सरकार दोनों पर भड़कते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अब शर्म आना भी बंद हो गई है। ये लाइनें आज से नही कई वर्षो से लग रही है। यूरिया की ओर किसी का भी ध्यान नही है। आपके माध्यम से उन जिम्मेदारों से पूछना चाहता हूं कि अभी तक उन्हें यह भी पता नहीं कि जिले में कितनी यूरिया लगेगी पूर्व स्टॉक करना चाहिए। जरूरी पदार्थ है जिसे डालने के बाद ही खेतों में गेहूं की फसल आती है कितने बच्चे हैं यहां पर इसको छोड़ लाइनों में लगे हैं।
बाइट दशरथ यादव किसान देवली
वहीं केंद्र संचालक महेश चौधरी ने बताया कि एक हजार बोरी से अधिक यूरिया खाद आया है।
बाइट- महेश चौधरी केंद्र प्रभारी
वही कतार में लगे यूरिया लेने के लिए किसान परिवार के बच्चे स्कूल छोड़कर कतार में लगे थे। जब उनसे बात की तो उनका कहना है कि खेत में यूरिया की जरूरत है। और यूरिया आधार कार्ड पर 2 बोरी और पावती पर 3 बोरी दे रहे हैं इसलिए आज स्कूल कॉलेज छोड़कर यहां यूरिया लेने आना पड़ा है।
बलवंत छात्र
शीतल अवासे छात्रा
कविता डावर छात्रा
1-2-1


Conclusion:
Last Updated :Jan 26, 2020, 9:16 AM IST
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