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Kishore Kumar Birthday: किशोर कुमार की 93वां जयंती आज, इनकी याद में कहीं बना मंदिर, तो किसी ने बनवाया म्यूजियम

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Published : Aug 3, 2022, 10:50 PM IST

Kishore Kumar Birthday
किशोर कुमार का जन्मदिन

4 अगस्त को पूरे देश में बॉलीवुड के मशहूर कलाकार किशोर कुमार का 93वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. 93 साल पहले मध्य प्रदेश के खंडवा में आभास कुमार गांगुली का जन्म हुआ था. खंडवा में जन्मे आभास ने पूरी दुनिया में किशोर कुमार के नाम से पहचान बनाई. आज भी किशोर दा के गीत हर किसी के जुबान पर होते है. उज्जैन में प्रशंसक ने किशोर कुमार को याद करने के लिए मंदिर बनाया, तो इंदौर में एक प्रशंसक ने इनकी याद में म्यूजियम बनाया.

खंडवा। बॉलीवुड के हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार का आज जन्मदिवस है. 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में किशोर कुमार गांगुली का जन्म हुआ था. किशोर कुमार को लोग 'किशोर दा' भी कहते थे. उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था. किशोर दा ने अपना फिल्मी सफर 1946 से शुरू किया था. किशोर को संगीत से बॉलीवुड में पहचान मिली. किशोर के गानों ने कई नायकों को महानायक बना दिया. कई अभिनेता किशोर दा के गानों से मशहुर हुए.

Kishore Kumar Temple in Ujjain
उज्जैन में किशोर कुमार का मंदिर

गीतों के माध्यम से देते हैं श्रद्धांजलि: किशोर कुमार के गानों को आज भी गुनगुनाया जाता है. किशोर दा को चाहने वाले लोग आज भी उनकी याद में खंडवा में स्थित समाधि पर जाते है और दूध जलेबी का भोग लगाकर उन्हें गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है. सिर्फ खंडवा में ही नहीं देश भर में किशोर दा को याद किया जाता है. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक प्रशंसक ने किशोर दा का मंदिर बना दिया है. इस मंदिर में किशोर कुमार की मूर्ती लगी हुई है. वहीं प्रदेश के इंदौर जिले में एक किशोर प्रेमी ने किशोर कुमार को समर्पीत म्युजियम बनाया है. इस म्युजियम में किशोर दा की यादों से जुड़े खास गानों और चीजों का कलेक्शन किया गया है.

Kishore Kumar Museum in Indore
इंदौर में किशोर कुमार का म्यूजियम

खंडवा में हुआ था अंतिम संस्कार: किशोर कुमार का आज 93वां जन्मदिन है, शोहरत की बुलंदियां छूने के बावजूद किशोर कुमार ताउम्र किशोर ही बने रहे. बिना संगीत की शिक्षा लिए किशोर कुमार बॉलीवुड में एक ध्रुवतारा बनकर उभरे और गीत-संगीत के ब्रह्मांड पर छा गए. किशोर कुमार की इच्छा थी कि वह खंडवा में ही बस जाए, लेकिन खंडवा में आने के पहले 13 अक्टूबर 1987 को उनकी मृत्यु हो गई. किशोर कुमार की इच्छा के चलते उनके पार्थीव शरीर को खंडवा में ही अंतिम संस्कार किया गया.

3 एकड़ में फैली किशोर दा की समाधि: किशोर कुमार की याद में किशोर प्रेमियों ने अंतिम संस्कार के स्थान पर उनकी समाधि बनाई. लगभग 3 एकड़ में फैली इस समाधि पर हर साल 4 अगस्त (जन्मदिवस) और 13 अक्टूबर (पुण्यतिथि) के दिन उनकी समाधि पर हजारों की संख्या में प्रशंसक जाते हैं और उन्हें दूध जलेबी का भोग लगाकर गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है. देश विदेश से किशोर प्रेमी आकर उन्हें गीतों से श्रद्धांजलि देते है.

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उज्जैन में प्रशंसक ने बनाया किशोर दा का मंदिर: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के रहने वाले सुनील कुमार किशोर कुमार के बहुत बड़े प्रशंसक है. सुनील LIC में कर्मचारी है. उन्होंने किशोर दा की याद में 8 लाख रुपए खर्च कर मंदिर बनाया है. इस मंदिर में किशोर कुमार की बचपन से लेकर मृत्यु तक खास यादें है. सुनील का कहना है कि किशोर कुमार मेरे भगवान है, इसलिए मैं मंदिर में किशोर दा की मुर्ती की पूजा करता हूं. उज्जैन वॉइस ऑफ किशोर कुमार के नाम से जानने वाले सुनील बामनिया बताते है कि रोज सुबह मैं किशोर कुमार की आरती करता हूं. किशोर दा की पूजा के बाद वे मूर्ती को दूध जलेबी का भोग लगाते हैं. साथ ही किशोर दा के प्रशंसकों को उज्जैन में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था करता हूं. सुनील को किशोर दा की पत्नी लीना चंद्रावरकर ने मुंबई में वाइस ऑफ किशोर कुमार का सम्मान दिया था.

इंदौर में प्रशंसक ने बनाया किशोर म्यूजियम: इंदौर के नवीन खंडेलवाल ने किशोर कुमार को समर्पीत आशियाना (म्यूजियम) बनाया है. इस आशियाने में किशोर दा से जुड़ी यादें बंद है. नवीन ने इस म्यूजियम का नाम पंकियाना (पंचम और किशोर का आशियाना) रखा है. नवीन पेशे से CA हैं. किशोर कुमार के प्रति उनकी दिवानगी ऐसी है कि उन्होंने किशोर कुमार की यादों को संजोय रखने के लिए म्यूजियम बना दिया. नवीन खंडेलवाल का कहना है कि किशोर कुमार के गाने, उनका अभिनय, उनका निर्देशन एक अलग दर्जे का था. वर्तमान समय में उनकी इस प्रतिभा को सहेजने की आवश्यकता है. उनके द्वारा किशोर कुमार की यादों को सहेज कर इसलिए भी रखा गया है, ताकि आने वाली पीढ़ी को उनसे जुड़ी बातों को बताया जा सके. म्यूजियम में नवीन, उनका परिवार, दोस्त और कई लोग आते हैं. फिर यहां किशोर कुमार के गीत संगीत की महफिल सजती है.

इंदौर से किशोर कुमार का विशेष जुड़ाव: किशोर कुमार की पढ़ाई इंदौर में पूरी हुई थी. किशोर कुमार इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ाई किया करते थे. जहां से उन्होंने अपने संगीत की शुरुआत भी की थी. किशोर कुमार कॉलेज के बाहर पेड़ के नीचे बैठकर हमेशा रियाज करते थे. अपने गानों को गुनगुनाया करते थे. किशोर कुमार के प्रतिदिन रियाज को देखने के लिए वहां लड़कों की भीड़ लगी रहती थी.

समाधि पर कैसे दते हैं श्रद्धांजलि: खंडवा में स्थित किशोर कुमार के पुश्तैनी घर और उनकी समाधि पर पूरे देश से लोगों यहां गीत गाकर उनको उनके जयंती और पुण्यतिथि पर याद करते हैं. जन्मदिन की चलते उनकी समाधि को फूलों से सजाया गया. दिल्ली, मुंबई, राजकोट और कोलकाता से किशोर प्रेमी समाधि पर पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि दी. समाधि पर खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा, एसपी विवेक सिंह, डीएसपी संतोष कौल, एसडीएम ममता खेड़े, जिला पंचायत सीईओ नंदा बहलावे कुशरे, निगम उपायुक्त दिनेश मिश्रा सहित आम लोगों ने गीत गाकर श्रद्धांजलि दी.

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