कटनी। ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में रेत तस्करी जोरों पर है. आए दिन रेत का व्यापार बढ़ता जा रहा है. सिलोडी क्षेत्र के ग्रामीणों सहित बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने भी विष्टा कंपनी की नादरसाही रवैया को देखते हुए राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर शासन-प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन अभी तक इसका असर नहीं हुआ है.
बीते दिनों से रोजाना अवैध रेत माफियाओं के खिलाफ खबर उठाई जा रही है, लेकिन माइनिंग विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के मौन रवैए के चलते खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है. सिमरिया घाट क्षेत्र, पोड़ी क्षेत्र, बम्होरी दतला नाका क्षेत्र से अवैध खनन कर रेत का व्यापार किया जा रहा है.
ट्रैक्टर मालिकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक माह से रेत का विक्रय किया जा रहा है. जहां लोगों द्वारा विष्टा कंपनी के कर्मचारियों को टैक्टर-ट्रॉली का 1 हजार 500 रुपए देना पड़ता है. ग्रामीणों से भी हर एक बोरी रेत निकालने पर 10 रुपए लेकर फर्जी टोकन रसीद दी जाती है. ओरिजिनल रायल्टी पिटपास मांगने पर बैठे गुर्रो द्वारा धमकी दी जाती है.
मालिकों ने कहा कि विष्टा कंपनी से दी जाने वाली टोकन रसीद के माध्यम से नदी से रेत निकलाने को मिलता है, लेकिन जोर जबरदस्ती करने पर कार्रवाई भी की जाती है. मजबूर होकर ग्रामीण और ट्रैक्टर मालिकों को टोकन रसीद लेना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि चार रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को सिमरिया दुनाए घाट के पास बेलकुंड मौरी नदी में रेत का गोरखधंधा करते हुए पाया गया था. इस संबंध में कविरिज कर माइनिंग इंस्पेक्टर नागवंशी को अवगत कराया गया, लेकिन रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. कोई न कोई बहाना बनाकर पल्ला झाड़ दिया जाता है.