ETV Bharat / state

MP High Court News : राजस्थान व मध्य प्रदेश सरकार से पूछा- क्यों छीना महावत से उनका हाथी, नोटिस जारी कर जवाब मांगा

मध्यप्रदेश के छतरपुर के दो महावतों ने अपना हाथी माखन को वापस पाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा ने मध्य प्रदेश राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

MP High Court News
राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार से पूछा- क्यों छीना महावत से उनका हाथी
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 9:30 AM IST

जबलपुर। छतरपुर के रूप सिंह परिहार और जगदीश दास गिरी का पुश्तैनी कारोबार हाथी पालने का रहा है. इन लोगों ने दिल्ली के हाजी गयुर खान से एक नर हाथी लिया. इसका दानपत्र इन लोगों के पास में था. हाथी एक वन्य प्राणी है लेकिन वन्य प्राणी अधिनियम की धारा 40 ए के तहत मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान वन संरक्षक भोपाल ने जगदीश दास गिरी और रूप सिंह परिहार को हाथी को पालने की अनुमति दे दी. इसी के तहत ये लोग हाथी को अपने पास रखे हुए थे.

हाथी को राजस्थान में किया जब्त : हाथी किस हालत में है, इसकी समय-समय पर जांच होती थी. एक चिप भी हाथी के शरीर में लगाई गई थी, जिसके जरिए उसकी लोकेशन का पता लगता रहता था. बीते दिनों रूप सिंह परिहार और जगदीश दास गिरी हाथी के साथ राजस्थान के झालावाड़ गए. यहां जैन समाज का एक धार्मिक आयोजन हो रहा था. इसमें हाथी के ऊपर बैठकर सवारी निकाली जानी थी. इसी दौरान राजस्थान प्रशासन ने हाथी को जब्त कर लिया और उसे उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक एनजीओ को सौंप दिया. यह एनजीओ हाथी संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र के नाम से जाना जाता है और इसमें ज्यादातर महावतों के पास के हाथियों को छीन कर पहुंचाया जाता है.

ये खबरें भी पढ़ें...

तीनों प्रदेश के अधिकारियों से मांगा जवाब : जब रूप सिंह और जगदीश दास गिरी के हाथ से उनका हाथी छिन गया तो इन लोगों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका लगाई. इस पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राजस्थान सरकार मध्य प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश के एनजीओ के लोगों से जवाब मांगा है. बता दें कि जानवरों को पालना गुनाह नहीं है. मनुष्य और पालतू जानवर लंबे समय से एक साथ रहे हैं. हाथी भी किसी जमाने में पालतू जानवर हुआ करता था. लेकिन अब हाथी पालना ही एक कठिन काम हो गया है. ऐसी स्थिति में यदि किसी का गुजारा हाथी की वजह से चल रहा हो और हाथी स्वस्थ हो तो इस व्यवस्था को छेड़ना ठीक नहीं है.

जबलपुर। छतरपुर के रूप सिंह परिहार और जगदीश दास गिरी का पुश्तैनी कारोबार हाथी पालने का रहा है. इन लोगों ने दिल्ली के हाजी गयुर खान से एक नर हाथी लिया. इसका दानपत्र इन लोगों के पास में था. हाथी एक वन्य प्राणी है लेकिन वन्य प्राणी अधिनियम की धारा 40 ए के तहत मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक एवं प्रधान वन संरक्षक भोपाल ने जगदीश दास गिरी और रूप सिंह परिहार को हाथी को पालने की अनुमति दे दी. इसी के तहत ये लोग हाथी को अपने पास रखे हुए थे.

हाथी को राजस्थान में किया जब्त : हाथी किस हालत में है, इसकी समय-समय पर जांच होती थी. एक चिप भी हाथी के शरीर में लगाई गई थी, जिसके जरिए उसकी लोकेशन का पता लगता रहता था. बीते दिनों रूप सिंह परिहार और जगदीश दास गिरी हाथी के साथ राजस्थान के झालावाड़ गए. यहां जैन समाज का एक धार्मिक आयोजन हो रहा था. इसमें हाथी के ऊपर बैठकर सवारी निकाली जानी थी. इसी दौरान राजस्थान प्रशासन ने हाथी को जब्त कर लिया और उसे उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक एनजीओ को सौंप दिया. यह एनजीओ हाथी संरक्षण एवं पुनर्वास केंद्र के नाम से जाना जाता है और इसमें ज्यादातर महावतों के पास के हाथियों को छीन कर पहुंचाया जाता है.

ये खबरें भी पढ़ें...

तीनों प्रदेश के अधिकारियों से मांगा जवाब : जब रूप सिंह और जगदीश दास गिरी के हाथ से उनका हाथी छिन गया तो इन लोगों ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका लगाई. इस पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राजस्थान सरकार मध्य प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश के एनजीओ के लोगों से जवाब मांगा है. बता दें कि जानवरों को पालना गुनाह नहीं है. मनुष्य और पालतू जानवर लंबे समय से एक साथ रहे हैं. हाथी भी किसी जमाने में पालतू जानवर हुआ करता था. लेकिन अब हाथी पालना ही एक कठिन काम हो गया है. ऐसी स्थिति में यदि किसी का गुजारा हाथी की वजह से चल रहा हो और हाथी स्वस्थ हो तो इस व्यवस्था को छेड़ना ठीक नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.