जबलपुर। जबलपुर कैंट विधानसभा क्षेत्र में एक करोड़ की लागत से लगभग 1 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई है. ये सड़क इन दिनों राजनीति का मोहरा बन रही है. दरअसल, इस सड़क को लेकर सियासी विवाद तब शुरू हुआ,जब कैंट विधानसभा सीट के विधायक अशोक रोहाणी ऑटो रिक्शा लेकर निकले. उन्होंने इस बात की जानकारी लोगों को दी कि उनके प्रयासों से यह सड़क मुख्यमंत्री अधोसंरचना की राशि से बनी है. जाहिर सी बात है कि अशोक रोहाणी इस सड़क को बनाकर श्रेया लेना चाह रहे हैं.
विधायक अशोक रोहाणी ने चलाया ऑटो : विधायक अशोक रोहाणी के ऑटो चलाने की बात जब जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अनु को पता लगी तो उन्होंने विधायक के ऑटो चलाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत जो काम नगर निगम करवाता है, उसकी राशि नगर निगम सरकार को वापस भी करता है. इसलिए विधायक इस पर अपना दावा नहीं कर सकते. महापौर का कहना है कि सड़क का मुआयना करने का अधिकार सभी को है. लेकिन सड़क बनाने का श्रेय तो नगर निगम को ही मिलेगा. ये सड़क जनता के पैसे से बनी है. जनता सरकार को टैक्स देती है. वहीं टैक्स मुख्यमंत्री के पास आता है और उसी से कल्याण के कार्य किए जाते हैं. इसमें भी किसी की कोई मेहरबानी नहीं होती.
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विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में महापौर : अब सड़क का श्रेय को लेकर राजनीतिक प्रतिद्वंदिता छिड़ गई है.महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू जबलपुर के कैंट विधानसभा से कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसीलिए कैंट विधानसभा क्षेत्र पर उनकी कुछ अतिरिक्त मेहरबानी है और यही अशोक रोहाणी के लिए आपत्ति की वजह है. बहरहाल, हाल यह है कि चुनावी रोड कितनी मजबूत बनाई गई है. यह जरूर आम जनता के लिए जानना जरूरी है. कहीं ऐसा तो नहीं है कि चुनाव के बाद राजनीति भी खत्म हो जाए और सड़क भी.