ETV Bharat / state

10 डिसमिल जमीन पर 600 किलो स्ट्रॉबेरी पैदा कर कमाए लाखों रुपये ! तकनीक जानकर रह जाएंगे दंग

author img

By

Published : Mar 29, 2022, 11:16 AM IST

Updated : Mar 29, 2022, 2:38 PM IST

Strawberry Farming jabalpur
स्ट्रॉबेरी की खेती

जबलपुर में रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. एके नायडू ने 10 डिसमिल में स्ट्रॉबेरी की खेती की है. पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती कर लगभग 600 किलो का उत्पादन कर चुके हैं.

जबलपुर। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. एके नायडू ने स्ट्रॉबेरी की खेती की है. शुरुआती दौर में खेती का कुछ लाभ भी मिला है, जो कि उत्साह बढ़ाने वाला है. डॉ. नायडू ने अपने खेत के 10 डिसमिल में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती कर लगभग 600 किलो का उत्पादन कर चुके हैं. बाजार में इस फल की कीमत 200 से 300 रुपए प्रति किलो है. (strawberry farming in jabalpur)

स्ट्रॉबेरी की खेती

स्ट्रॉबेरी फार्मिंग की ऐसे मिली प्रेरणाः स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे किसानों की किस्मत बदल सकती है यह बता रहे है डॉ. एके नायडू. जेएनकेवीवी से रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक ने पनागर के पास स्थित जलगांव में 10 डिसमिल जमीन पर स्ट्रॉबेरी लगायी है. उन्होंने बताया कि जबलपुर सैन्य क्षेत्र में रहने वाले सेना के कई अधिकारी ट्रांसफर के साथ गमले में स्ट्रॉबेरी के पौधे भी लेकर आया करते थे. इन स्ट्रॉबेरी की लताओं में फल भी लगा होता है. इसी से उन्हें प्रेरणा मिली कि क्यो न यहां भी स्ट्रॉबेरी की खेती की जाए. (strawberry farming method)

डरते-डरते शुरू की खेतीः डॉ. नायडू ने 10 डिसमिल खेत में डरते हुए स्ट्राबेरी की खेती प्रायोगिक तौर पर शुरू की थी. अगस्त 2021 में टिश्यू कल्चर के पौधे लाकर रोपे थे. 15 से 20 रुपए प्रति पौधे की कीमत पड़ती है. डॉ. नायडू ने 20 हजार पौधे लगाए थे. स्ट्रॉबेरी की रोपाई क्यारी से क्यारी के बीच डेढ़ फीट और पौधे से पौधे की दूरी एक फीट रखते हुए लगाए गए. स्ट्राबेरी का पौधा लता प्रजाति का होता है. एक पौधे से तीन साल तक उपज ले सकते हैं. इसे हर साल शिफ्ट भी करना पड़ता है. जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है तो इसमें फल अच्छी मात्रा में दिखने लगता है. (price of strawberry in mp)

स्ट्रॉबेरी का मिलता है अच्छा भावः डॉ. नायडू ने बताया कि फल हरा होकर पकने पर लाल हो जाता है. फिर उसे 200-200 ग्राम के पैकेट में पैक कर फल मंडी में भेजा जाता है. अभी तक 200 से 300 रुपए प्रति किलो का भाव मिल चुका है. शुरुआत में भाव अच्छा मिलता है. हालांकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, तो इसकी कीमत कुछ कम हो जाती है. किसान परंपरागत तरीके से खेती करता है, जिससे उसे अच्छी कीमत नहीं मिलती है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयोग के तौर पर स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई है. मौसम साथ देता है, तो मई तक उत्पादन भी मिलेगा. (benefit of strawberry farming)

प्रयोग के तौर पर शुरू कर सकते हैं ग्रामीणः अभी तक डॉ. नायडू 700 किलो तक स्ट्रॉबेरी बेच चुके हैं. तापमान बढ़ने पर ये जल्दी खराब होने वाला फल है. इस कारण इसकी समय पर तुड़ाई और मंडी में पहुंचाना जरूरी है. आइसक्रीम, बेकरी आइटम, जूस में इसके प्रोडेक्ट बनाकर बेच जाएं तो इसका और फायदा हो सकता है. डॉक्टर एके नायडू कहते हैं कि अभी तक का परिणाम ठीक रहा है. दूसरे किसान भाई भी इसे प्रयोग के तौर पर अपना सकते हैं. बस इसके प्लांटेशन मटेरियल मिलना थोड़ा मुश्किल है. अभी किसान इसे प्रयोग के तौर पर लगा सकते हैं. यदि अनुभव अच्छा मिले, तो आगे वृहद स्तर पर लगाया जा सकता है. (strawberry seed and plant in mp)

ऐसे करें स्ट्रॉबेरी की खेतीः स्ट्रॉबेरी की मुख्य खेती हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अधिक होती है. अब मैदानी क्षेत्रों में भी लोग इसे पैदा करने लगे हैं. स्ट्रॉबेरी के लिए सबसे अच्छी दोमट मिट्टी होती है. सतह से 15 सेमी उठी हुई क्यारियों में मल्चिंग बिछाकर इसकी खेती अच्छे ढंग से की जा सकती है. सिंचाई के लिए टपक विधि अपनाना अधिक फायदेमंद है, खाद तथा उर्वरकों की मात्रा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति व पैदावार पर निर्भर है. क्यारियों में अच्छी तरह गली-सड़ी 5-10 किलोग्राम गोबर की खाद और 50 ग्राम उर्वरक मिश्रण- कैन, सुपर फास्फेट और म्युरेट आफ पोटाश 2ः2ः1 के अनुपात में दे सकते हैं.

छिंदवाड़ा का यह किसान उगा रहा कलरफुल गोभी, चार गुना मिल रहा दाम, देखें VIDEO

स्ट्रॉबेरी के फायदेः स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है. साथ ही यह हाई ब्लडप्रेशर (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित लोगों के शरीर में रक्त संचरण में भी मदद करती है. स्ट्राबेरी के 100 ग्राम में पानी 89.9 ग्राम, प्रोटीन 0.7 ग्राम, वसा 0.5 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 8.4 ग्राम, विटामिन ए 60 ग्राम, विटामिन सी 59 ग्राम, पोटैशियम 164 ग्राम, कैल्शियम-21 ग्राम, फॉस्फोरस सहित थायोमिन बी, राइबोफ्लेबिन, नियासीन, लोहा, सोडियम आदि तत्व पाए जाते हैं.

Last Updated :Mar 29, 2022, 2:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.