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इस शख्स के पास मौजूद है रामलला के वस्त्र, ETV भारत पर बताया 1992 का आंखों देखा दृश्य

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 4:51 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 6:39 PM IST

Indore Kar Sevak Has Ramlala Clothes: एमपी के इंदौर में एक कार सेवक ऐसे हैं, जिनके पास रामलला के वस्त्र मौजूद हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि वो वस्त्र उन्हें कहां और कैसे मिले. आखिर क्यों वो वस्त्र अभी तक संभाल कर रखे हैं. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता संदीप मिश्रा की ये रिपोर्ट...

Indore Kar Sevak Has Ramlala Clothes
कारसेवक के पास हैं रामलला के वस्त्र
इस शख्स के पास मौजूद है रामलला के वस्त्र

इंदौर। जैसे-जैसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ही देशभर में रामधुन भी तेज हो रही है. पूरा देश यहां तक कि विदेशों में भी जय श्रीराम के उद्घोष आसमान गुंजायमान हो रहा है. अयोध्या राम मंदिर से जुड़े कई अनकहे किस्से और कहानियां निकलकर सामने आ रही है, जिसे आपने पहले सुना ही न हो. ऐसे ही एक अनकहे किस्से के बारे में ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. जी हां इंदौर के यह शख्स साल 1992 में अयोध्या में मौजूद थे. खास बात यह है कि इन्होंने इस वक्त के रामलला के कपड़े अभी तक सहेज कर रखे हैं. जिसे अब वह लौटाने की बात कर रहे हैं.

सहेज कर रखे हैं आंदोलन के वक्त के रामलाल के कपड़े

करीब 550 सालों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अलग-अलग तरह के आंदोलन देश में होते रहे हैं. ऐसा ही एक आंदोलन सन 1992 में हुआ था. इस वक्त देशभर के सारे कारसेवक अयोध्या में एकत्रित हुए थे और राम मंदिर अपनी जगह पर होने की मांग कर रहे थे. तब उस दौरान एमपी व इंदौर से भी कई कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे. इन्हीं कार सेवकों में शामिल होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद झा भी वहां पहुंचे थे. प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही प्रमोद झा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कई बातों का खुलासा किया और आंदोलन के वक्त रामलला के जो कपड़े उन्होंने उतारे थे, वह अभी भी सहेज कर रखे हुए हैं, वह भी उन्होंने दिखाए हैं.

Indore Kar Sevak Has Ramlala Clothes
रामलला के वस्त्र

जब हंगामा हुआ तब रामलला के कपड़े उतारकर रख लिए

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रमोद झा बताया कि अयोध्या में 6 दिसंबर को तकरीबन 5 लाख कार सेवक मौजूद थे. इसी बीच जब विवादित ढांचा गिरा, तब लोग इधर-उधर भागने लगे. तभी प्रमोद झा ने बताया ऐसा दृश्य देखा तो मैं पीछे के रास्ते से गर्भ गृह में गया और वहां पर देखा तो राम लला मेरे सामने थे. मैं थोड़ी देर स्तब्ध रह गया, लेकिन मैंने उन्हें प्रणाम किया. फिर मैंने सोचा कि जिस तरह की अफरा-तफरी मची है, इससे तो रामलला को नुकसान हो जाएगा. इसके चलते मैंने सबसे पहले राम लला को और वहां पर बैठे राम, लखन और अन्य देवियों की मूर्ति को एक थाली में रखा. उनके कपड़े उतार कर अपने पास रख लिए. कपड़े उतारने का उपदेश यह था कि धक्का मुक्की में वह कपड़े कई लोगों के पैरों में आ सकते थे, जिसके चलते उन कपड़ों को मैंने अपने पास रख लिया.

एक संत को सुपुर्द की भगवान की मूर्तियां

जबकि राम लला व अन्य मूर्तियों को वहीं पर मौजूद एक संत को सुपुर्द कर दिया, लेकिन इसी दौरान वहां पर हंगामा हो गया. थोड़ी ही देर में विवादित ढांचा गिरा दिया गया. पूरी अयोध्या में खुशियां मनाई जाने लगी. प्रत्येक कार सेवक का वहां पर मौजूद अयोध्या वासियों द्वारा आरती उतारी गई. यही नहीं मिठाई के दुकानों से फ्री में मिठाई बांटी गई, लेकिन रात में विहिप के नेता अशोक सिंघल थे, उन्होंने घोषणा की की रातों-रात हमें इस स्थल पर रामलाल का मंदिर बनाना है, तो कार सेवकों ने रातों-रात मंदिर का निर्माण कर दिया. उसके बाद हम लोग घर आ गए, क्योंकि मेरे पास कपड़े थे, तो मैंने यह कपड़े अपने घर दतिया में रख दिए, लेकिन अचानक केंद्र सरकार द्वारा विवादित स्थल पर पहुंचकर तोड़फोड़ करने वालों की गिरफ्तारी शुरू हो गई. जिसमें कई बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी हुई.

रहवासियों ने रामलला को नुकसान न पहुंचाने की रखी थी मांग

जिसके चलते हम डर गए और यह कपड़े हमारे पास ही मौजूद रहे. प्रमोद झा ने कहा कि यह गर्व की बात है की रामलला के कपड़े मेरे पास मौजूद है. अब चूकी वहां पर मूर्ति स्थापित हो रही है और रामलाल नए कपड़े पहनेंगे. यदि कोई हमसे यह कपड़े मांगे, तो मैं इन कपड़ों को वापस लौटा दूंगा, या तो फिर वहां पर बनने वाले म्यूजियम में इन्हें सहेज कर रख दिया जाएगा. साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद झा का तो यह भी कहना है कि जब 6 दिसंबर को जब यह सब हुआ तो, उसके बाद लखनऊ व आसपास से मिलिट्री अयोध्या पहुंचना शुरू हो गई, लेकिन अयोध्या के रहवासियों ने विवादित स्थल के आसपास एक बाउंड्री वाल बना ली और महिलाओं ने इस दौरान मिलिट्री और पुलिसकर्मियों से यह वचन लिया कि हमारे रामलला को आप नुकसान नहीं पहुंचाओगे.

kar sevak has Ramlala clothes
पूर्व आरएसएस प्रचारक

अयोध्या में राम मंदिर बनना गर्व की बात

उसके बाद मिलिट्री के जवानों ने वहां पर मौजूद महिलाओं को यह वचन दिया कि हम रामलला को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. उसके बाद उन्हें वहां पर घुसने की अनुमति दी, लेकिन मिलिट्री के जवान भी जब रामलला को वहां से हटाने के लिए गए, तो सबसे पहले उन्होंने रामलला का पूजन किया और उसके बाद विधि विधान से उन्हें वहां से हटाया. यह सालों-साल पुरानी यादें आज मेरे दिमाग पर एकदम ताजा है. उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है.

यहां पढ़ें...

इस शख्स के पास मौजूद है रामलला के वस्त्र

इंदौर। जैसे-जैसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे ही देशभर में रामधुन भी तेज हो रही है. पूरा देश यहां तक कि विदेशों में भी जय श्रीराम के उद्घोष आसमान गुंजायमान हो रहा है. अयोध्या राम मंदिर से जुड़े कई अनकहे किस्से और कहानियां निकलकर सामने आ रही है, जिसे आपने पहले सुना ही न हो. ऐसे ही एक अनकहे किस्से के बारे में ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. जी हां इंदौर के यह शख्स साल 1992 में अयोध्या में मौजूद थे. खास बात यह है कि इन्होंने इस वक्त के रामलला के कपड़े अभी तक सहेज कर रखे हैं. जिसे अब वह लौटाने की बात कर रहे हैं.

सहेज कर रखे हैं आंदोलन के वक्त के रामलाल के कपड़े

करीब 550 सालों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अलग-अलग तरह के आंदोलन देश में होते रहे हैं. ऐसा ही एक आंदोलन सन 1992 में हुआ था. इस वक्त देशभर के सारे कारसेवक अयोध्या में एकत्रित हुए थे और राम मंदिर अपनी जगह पर होने की मांग कर रहे थे. तब उस दौरान एमपी व इंदौर से भी कई कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे. इन्हीं कार सेवकों में शामिल होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद झा भी वहां पहुंचे थे. प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही प्रमोद झा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कई बातों का खुलासा किया और आंदोलन के वक्त रामलला के जो कपड़े उन्होंने उतारे थे, वह अभी भी सहेज कर रखे हुए हैं, वह भी उन्होंने दिखाए हैं.

Indore Kar Sevak Has Ramlala Clothes
रामलला के वस्त्र

जब हंगामा हुआ तब रामलला के कपड़े उतारकर रख लिए

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रमोद झा बताया कि अयोध्या में 6 दिसंबर को तकरीबन 5 लाख कार सेवक मौजूद थे. इसी बीच जब विवादित ढांचा गिरा, तब लोग इधर-उधर भागने लगे. तभी प्रमोद झा ने बताया ऐसा दृश्य देखा तो मैं पीछे के रास्ते से गर्भ गृह में गया और वहां पर देखा तो राम लला मेरे सामने थे. मैं थोड़ी देर स्तब्ध रह गया, लेकिन मैंने उन्हें प्रणाम किया. फिर मैंने सोचा कि जिस तरह की अफरा-तफरी मची है, इससे तो रामलला को नुकसान हो जाएगा. इसके चलते मैंने सबसे पहले राम लला को और वहां पर बैठे राम, लखन और अन्य देवियों की मूर्ति को एक थाली में रखा. उनके कपड़े उतार कर अपने पास रख लिए. कपड़े उतारने का उपदेश यह था कि धक्का मुक्की में वह कपड़े कई लोगों के पैरों में आ सकते थे, जिसके चलते उन कपड़ों को मैंने अपने पास रख लिया.

एक संत को सुपुर्द की भगवान की मूर्तियां

जबकि राम लला व अन्य मूर्तियों को वहीं पर मौजूद एक संत को सुपुर्द कर दिया, लेकिन इसी दौरान वहां पर हंगामा हो गया. थोड़ी ही देर में विवादित ढांचा गिरा दिया गया. पूरी अयोध्या में खुशियां मनाई जाने लगी. प्रत्येक कार सेवक का वहां पर मौजूद अयोध्या वासियों द्वारा आरती उतारी गई. यही नहीं मिठाई के दुकानों से फ्री में मिठाई बांटी गई, लेकिन रात में विहिप के नेता अशोक सिंघल थे, उन्होंने घोषणा की की रातों-रात हमें इस स्थल पर रामलाल का मंदिर बनाना है, तो कार सेवकों ने रातों-रात मंदिर का निर्माण कर दिया. उसके बाद हम लोग घर आ गए, क्योंकि मेरे पास कपड़े थे, तो मैंने यह कपड़े अपने घर दतिया में रख दिए, लेकिन अचानक केंद्र सरकार द्वारा विवादित स्थल पर पहुंचकर तोड़फोड़ करने वालों की गिरफ्तारी शुरू हो गई. जिसमें कई बड़े नेताओं की भी गिरफ्तारी हुई.

रहवासियों ने रामलला को नुकसान न पहुंचाने की रखी थी मांग

जिसके चलते हम डर गए और यह कपड़े हमारे पास ही मौजूद रहे. प्रमोद झा ने कहा कि यह गर्व की बात है की रामलला के कपड़े मेरे पास मौजूद है. अब चूकी वहां पर मूर्ति स्थापित हो रही है और रामलाल नए कपड़े पहनेंगे. यदि कोई हमसे यह कपड़े मांगे, तो मैं इन कपड़ों को वापस लौटा दूंगा, या तो फिर वहां पर बनने वाले म्यूजियम में इन्हें सहेज कर रख दिया जाएगा. साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद झा का तो यह भी कहना है कि जब 6 दिसंबर को जब यह सब हुआ तो, उसके बाद लखनऊ व आसपास से मिलिट्री अयोध्या पहुंचना शुरू हो गई, लेकिन अयोध्या के रहवासियों ने विवादित स्थल के आसपास एक बाउंड्री वाल बना ली और महिलाओं ने इस दौरान मिलिट्री और पुलिसकर्मियों से यह वचन लिया कि हमारे रामलला को आप नुकसान नहीं पहुंचाओगे.

kar sevak has Ramlala clothes
पूर्व आरएसएस प्रचारक

अयोध्या में राम मंदिर बनना गर्व की बात

उसके बाद मिलिट्री के जवानों ने वहां पर मौजूद महिलाओं को यह वचन दिया कि हम रामलला को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. उसके बाद उन्हें वहां पर घुसने की अनुमति दी, लेकिन मिलिट्री के जवान भी जब रामलला को वहां से हटाने के लिए गए, तो सबसे पहले उन्होंने रामलला का पूजन किया और उसके बाद विधि विधान से उन्हें वहां से हटाया. यह सालों-साल पुरानी यादें आज मेरे दिमाग पर एकदम ताजा है. उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है.

यहां पढ़ें...

Last Updated : Jan 17, 2024, 6:39 PM IST
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