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'आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइया', इंदौर नगर निगम की 2 हजार करोड़ की आय, पेश हुआ 7500 करोड़ का बजट

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Published : Apr 28, 2023, 11:04 PM IST

इंदौर नगर निगम की परिषद में बीते दिन बजट पेश हुआ. जिसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंदौर नगर निगम की कुल आय करीब 2000 करोड़ है, जबकि महापौर पुष्यमित्र भार्गव की परिषद ने 7500 करोड़ रुपए का बजट घोषित कर दिया.

Hungama in budget meeting of Indore
इंदौर नगर निगम

इंदौर नगर निगम की बैठक में हंगामा

इंदौर। स्वच्छ शहर इंदौर नगर निगम की परिषद की पहली बजट बैठक में जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच जमकर नारेबाजी और बहस की स्थिति बनी. निगम परिषद और महापौर के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. वहीं कांग्रेस ने इंदौर नगर निगम के बजट को कोरा झूठ बताते हुए इसे इंदौर शहर की जनता के साथ धोखा करार दिया है.

दरअसल, बीते दिन जारी हुए इंदौर नगर निगम के 7500 करोड़ के स्वीकृत बजट पर आज चली बैठक के दौरान कांग्रेस ने सवाल उठाया की इंदौर नगर निगम की कुल आय करीब 2000 करोड़ है. जिसमें से करीब 12 सौ करोड़ रुपए कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, डीजल और मेंटेनेंस आदि पर खर्च होते हैं. शेष बचे 700- 800 करोड़ के बावजूद महापौर पुष्यमित्र भार्गव की परिषद ने 7500 करोड़ रुपए का बजट घोषित कर दिया. जो अपने आप में हास्यास्पद स्थिति है, नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने आरोप लगाते हुए कहा महापौर ने इसी तरह पूर्व में 100 दिन की कार्य योजना की घोषणा की थी. जिसमें शहर के गोपाल मंदिर निर्माण एमजी रोड इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट शहर की तमाम सड़कों पर एलईडी आदि लगाने की घोषणा की थी. जो झूठ साबित हुई. अब यही पुनरावृत्ति बजट में की जा रही है. यह बताने को कोई तैयार नहीं है कि जब निगम के पास राशि ही दो हजार करोड़ की है तो 7500 करोड़ के विकास कार्य की राशि कहां से आएगी.

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पूरा शहर गंदे पानी से परेशान: इस दौरान इंदौर नगर निगम परिषद पर खुद भाजपा पार्षद लाल बहादुर वर्मा ने बैठक के दौरान सवाल खड़े कर दिए. लाल बहादुर वर्मा ने विरोध करते हुए कहा उनके वार्ड में कई सालों से आम लोग गंदे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. निगम परिषद से लेकर तमाम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शिकायत की जा रही है, लेकिन कोई ध्यान देने तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में उनका वार्ड में आम लोगों को जवाब दे पाना मुश्किल हो रहा है. यह पहला मौका है, जब निगम परिषद की बैठक में भाजपा पार्षद ने ही परिषद के दावों पर सवालिया निशान खड़े किए हो, हालांकि बाद में उन्हें मनाया गया लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि साल भर होने को आया. शहर में जन समस्याएं लगातार बनी हुई है. जिन पर जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन ध्यान देने को तैयार नहीं है.

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