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सावधान ! ये शातिर महिला कांस्टेबल इश्क का पासा फेंककर फंसा देती है गैंगरेप में

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Published : Apr 16, 2022, 5:15 PM IST

नीमच जिले में इंदौर की एक महिला कांस्टेबल ने कुछ ऐसी हरकत की, जिससे पुलिस के दामन पर दाग लग गए. दरअसल, इस महिला पुलिस कर्मी ने पहले एक युवक से दोस्ती की. फिर उसे और उसके परिवार के चार लोगों को गैंगरेप के झूठे केस में फंसा दिया. सात माह चले केस के बाद इस महिला ने कोर्ट में सच्चाई उगल दी. इसके बाद सभी आरोपी दोषमुक्त कर दिए गए. साथ ही कोर्ट ने महिला पुलिस कर्मी के खिलाफ केस दर्ज करने का फैसला सुनाया. बताया जाता है कि इस महिला पुलिस कर्मी ने इसी प्रकार कई लोगों को शिकार बनाया है.

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इस महिला कांस्टेबल से सावधान

इंदौर। एक महिला पुलिस कर्मी ने पांच लोगों को फर्जी तरीके से गैंगरेप के मामले फंसा दिया. उसने महिला थाने में प्रकरण दर्ज करवाया. सात माह न्यायालय में चली सुनवाई में इस महिला पुलिस कर्मी ने कोर्ट में बयान दिया कि उसके साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई. इस पर अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार श्रीवास्तव ने असत्य रिपोर्ट करवाने के मामले में फैसला सुनाते हुए महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ भादसं की धारा 182, 211 के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया.

न्यायालय ने 7 माह बाद दिया फैसला : महिला पुलिसकर्मी मूलतः नीमच की रहने वाली है. वह इंदौर जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर तैनात है. 13 सितंबर 2021 को महिला थाना नीमच में महिला पुलिसकर्मी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि पवन पिता पप्पू लौहार निवासी मनासा जिला नीमच से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई थी. इसके बाद उसने उसका मोबाइल नंबर लिया. पवन उसके समाज का होने के कारण अक्सर बातचीत होने लगी. वह पवन को पसंद करने लगी. महिला पुलिसकर्मी ने उसके परिजनों से भी पवन को मिलवाया. 9 जून 2021 पवन इंदौर आया और उसके भाई धीरेंद्र का जन्मदिवस मनाने के लिए उसे मनासा ले गया.

रेप करने का आरोप : रिपोर्ट में लिखा था कि वह घर के ऊपर कमरे में कपड़े बदल रही थी, तभी पवन का भाई धीरेंद्र और विजय वहां आ गए और उसके साथ अश्लील हरकत की. इसके बाद चाकू की नोक पर दोनों ने दुष्कर्म किया. यह बात पवन को बताई तो पवन ने भी जान से मारने की धमकी दी. धीरेंद्र और विजय ने शारीरिक संबंध बनाते हुए उसका वीडियो भी बनाया और वीडियो वायरल कर उसे बदनाम करने की धमकी दी गई. उसके पैसे और आभूषण ले लिए.

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आरोपियों को किया दोषमुक्त : महिला थाना प्रभारी अनुराधा गिरवाल ने आरोपी पवन लौहार, उसके भाई धीरेंद्र लौहार, चाचा विजय पिता मुकेश लौहार, मां निर्मला लौहार निवासी मनासा और गोपाल पिता राजेंद्र लौहार निवासी मंदसौर के खिलाफ रेप सहित की धाराओं में केस दर्ज किया. आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में चालान पेश किया गया. कोर्ट ने तमाम साक्ष्यों को सुना. पीड़िता फरियादी के 8 मार्च 2022 को बयान हुए. महिला पुलिसकर्मी ने कोर्ट के समक्ष बयान दिए कि वह न्यायालय में उपस्थित आरोपीगणों को जानती है. लेकिन उसके साथ रेप या छेड़छाड़ जैसी कोई घटना नहीं हुई थी.

न्यायालय ने सभी पांचों आरोपियों को 11 अप्रैल को दोषमुक्त करते हुए फैसला सुनाया.

महिला आरक्षक रही है चर्चित : सूत्रों का कहना है कि ये महिला आरक्षक इस तरह के मामले में चर्चित है. मंदसौर में भी एक प्रकरण दुष्कर्म का चल रहा है. इसमें एक सब इंस्पेक्टर पर दुष्कर्म के आरोप हैं. बताया जा रहा है कि महिला आरक्षक पहले तो प्यार की जाल में फंसाती है और उसके बाद पैंसे ऐंठने के चक्कर में दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाने की धमकी देती है. कई लोग इसके शिकार हो चुके हैं और कुछ शिकार होते-होते बचे हैं.

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