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पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या का बना विशेष संयोग, हजारों की संख्या में नर्मदा तट पर पहुंचे श्रद्धालु

होशंगाबाद में नर्मदा नदी के तट पर शनिश्चरी और पितृमोक्ष अमावस्या के विशेष संयोग होने से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. जहां उन्होंने पितरों की शांति के लिए प्रार्थना की.

हजारों संख्या में नर्मदा तट पर पहुंचे श्रद्धालु
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Published : Sep 28, 2019, 3:33 PM IST

होशंगाबाद। पितृ मोक्ष अमावस्या पर लोगों ने नर्मदा नदी में में डुबकी लगाकर पितरों का तर्पण किया. इसके साथ ही पितृपक्ष का समापन हो गया. ये आखिरी दिन काफी महत्वपूर्ण होता है, जिसके चलते नर्मदा घाट पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रही. इस दिन भूल-चूक या छूटे हुए श्राद्ध एक साथ कर दिए जाते हैं. माना जाता है कि पितृ मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध करने से सभी पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल जाती है.

पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या

पंडित भालचंद्र खड्डर ने बताया कि 20 साल बाद ऐसा संयोग बना, जब शनिश्चरी और पितृमोक्ष अमावस्या एक साथ पड़ी. जिसके चलते ये दिन और विशेष हो जाता है. कहा जाता है कि इस दिन शनि देव की पूजन कर गरीबों को भोजन कराने से पितरों को शांति मिल जाती है.

तेज बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. घाटों पर मिट्टी और गाद जमी हुई है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. हालांकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं.

होशंगाबाद। पितृ मोक्ष अमावस्या पर लोगों ने नर्मदा नदी में में डुबकी लगाकर पितरों का तर्पण किया. इसके साथ ही पितृपक्ष का समापन हो गया. ये आखिरी दिन काफी महत्वपूर्ण होता है, जिसके चलते नर्मदा घाट पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रही. इस दिन भूल-चूक या छूटे हुए श्राद्ध एक साथ कर दिए जाते हैं. माना जाता है कि पितृ मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध करने से सभी पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल जाती है.

पितृ मोक्ष और शनिश्चरी अमावस्या

पंडित भालचंद्र खड्डर ने बताया कि 20 साल बाद ऐसा संयोग बना, जब शनिश्चरी और पितृमोक्ष अमावस्या एक साथ पड़ी. जिसके चलते ये दिन और विशेष हो जाता है. कहा जाता है कि इस दिन शनि देव की पूजन कर गरीबों को भोजन कराने से पितरों को शांति मिल जाती है.

तेज बारिश के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. घाटों पर मिट्टी और गाद जमी हुई है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. हालांकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं.

Intro:होशंगाबाद। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर नर्मदा नदी में स्नान करने पितरों का तर्पण करने वालों की भीड़ रही नर्मदा नदी में हजारों की संख्या में पितरों का विधि विधान से तर्पण किया गया। इसके साथ ही पिछले 15 दिन से पितृपक्ष का समापन हुआ श्राद्ध पक्ष का यह आखिरी दिन काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन भूल चूक या किसी कारण छूटे हुए श्राद्ध एक साथ कर दिए जाते हैं माना जाता है कि पित्र मोक्ष अमावस्या पर श्राद्ध करने के सभी पूर्वजों की आत्मा को शांति मिल जाती है


Body:20 साल बाद अमावस्या शनिवार के दिन आने से विशेष संयोग बना है जिससे इस अमावस्या का और विशेष महत्व बढ़ गया है शनिश्चरी अमावस्या पर विशेष रूप से शनि देव की पूजन कर करने से सभी कष्टों को मुक्ति मिल जाती है कहा जाता है की अगर पूरे पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं किया जा सकता हो तो सिर्फ अमावस्या के दिन उन्हें याद करना याद कर दान करने गरीबों को भोजन कराने से पितरों को शांति मिल जाती है।
वहीं इस बार तेज बारिश होने से नर्मदा नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है वही घाटों पर मिट्टी और गाद जमी हुई है जिसके चलते श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना भी करना पड़ा है बढ़े हुए जलस्तर को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है सभी घाटों पर गोताखोरों और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है साथ ही सभी घाटों पर वोट से व्यवस्था भी की गई है श्रद्धालुओं को गहराई में नहाने से रोका जा रहा है ।

बाइट भालचंद्र खड्डर ,पंडित


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