होशंगाबाद। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध होर्डिंग हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन माह के अंदर निगम की सीमा से अवैध होर्डिंग हटाकर रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं. चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बेंच ने सात जनवरी को रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं.
होशंगाबाद के फ्लैक्स एवं प्रिंटिंग का काम करने वाले वैभव सोलंकी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि होशंगाबाद नगर पालिका क्षेत्र में अवैध रूप से होर्डिंग लगाए गए हैं और किसी ने होर्डिंग लगाने के लिए मध्य प्रदेश आउटडोर एडवरटाइजिंग मीडिया रूल 2016 के तहत नगर पालिका से अनुमति नहीं ली है, अवैध रूप से होर्डिंग लगाने वालों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है.
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने होर्डिंग लगाने के लिए नगर पालिका से अनुमति मांगी थी, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई. साथ ही याचिकाकर्ता ने अवैध होर्डिंग हटाने के लिए नगर निगम कमिश्नर को आवेदन दिया था. आवेदन पर कार्रवाई नहीं की गई. इस पर आग्रह किया गया कि याचिकाकर्ता को भी होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जाए, कोर्ट ने कहा कि नगर पालिका में अवैध होर्डिंग पर लगाम लगाने के लिए कानून बाध्य है. हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि शहर से सभी अवैध होर्डिंग चिंहित कर तीन माह के अंदर हटाने की कार्रवाई पूरी की जाए और सात जनवरी तक प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अगली सुनवाई 13 जनवरी को की जाएगी.
पूर्व कमलनाथ सरकार के आदेश बाद हटाये गए थे होर्डिंग
अवैध होर्डिंग को लेकर पूर्व की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में कार्रवाई की गई थी. उस वक्त पूर्व कमलनाथ सरकार के आदेश के बाद सभी सरकारी जमीन और बिल्डिंग से चिन्हित कर एडवरटाइजमेंट बोर्ड को हटा दिया गया था, लेकिन फिर कुछ समय बाद ही शहर में अवैध रूप से होर्डिंग लगा दिए गए. एक बार फिर अब हाईकोर्ट ने आयुक्त को शहर के सभी अवैध होर्डिंग हटाने के निर्देश जारी किए हैं.