हरदा। गुरूवार सुबह हरदा की सड़कों पर जो नजारा दिखा उसे देखकर लोग चौंक उठे. यहां पुलिस की एक गाड़ी अनाउंसमेंट करके लोगों को अपने वाहन सड़क से एक तरफ कर लेने को कह रही थी. मध्यप्रदेश में यह नई तरह की परंपरा शुरू की जा रही है. जिसमें गौ तस्करों से गायों को बचाने के लिए यह उपाय अपनाया जा रहा है. सरकारी अधिकारी गायों को एस्कॉर्ट किए जाने के पीछ भले ही जो भी तर्क दे रहे हों, लेकिन सच्चाई यह है कि गौ तस्करों से डरी सरकार इस सच से वाकिफ है कि बीते पांच सालों में प्रदेश में डेढ़ करोड के करीब गौवंश कम हो गया है. शायद यही वजह है कि सरकार गौ तस्करी रोकने और गायों को गौशाला भेजे जाने तक उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही है.
हरदा में गायों को मिली पुलिस सुरक्षा
मध्यप्रदेश में गायों को गौशाला तक पहुंचाने के लिए उन्हें वीवीआईपी ट्रीटमेंट के तहत पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई. गायों के झुंड को एस्कॉर्ट किए जाने के आदेश तहसीलदार ने दिए थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे एक्सीडेंट होने से रोकने के लिए बरती गई सावधानी बताया. लेकिन सच्चाई यह है कि गायों को पुलिस एस्कॉर्ट दिए जाने के पीछे की वजह गायों की तस्करी को रोकना है.
हरदा में 500 से ज्यादा गायों को भेजा जा रहा है गौशाला
लोगों और गायों को एक्सीडेंट से बचाने को लेकर तहसीलदार अर्चना शर्मा ने 350 से ज्यादा गायों को टेगांव गौशाला पहुंचाने की पहल की है. इसके अलावा कुछ गाएं हरदा और हंडिया में रखी जाएंगी. इसके लिए उन्हें स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है.दरअसल तहसीलदार अर्चना शर्मा ने सड़क पर एक्सीडेंट के बाद बुरी तरह घायल हुई एक गाय की हालत देखी और उसके बाद उन्हें आवारा पशुओं को इकट्ठा कर गौशाला भेजने का आइडिया ताकि पशु और सड़क पर चलने वाले लोग दोनों ही सुरक्षित रह सकें.
गौ तस्करों से डरी सरकार
गायों को एस्कॉर्ट करने के पीछे तहसीलदार साहिबा ने जो वजह बताई वो आसानी से गले नहीं उतरती है. दरअसल मध्यप्रदेश में गो हत्या पर प्रतिबंध लगने के बाद गोवंश की तस्करी के मामले बढ़ गए हैं. पूरे प्रदेश में गो तस्करों के कई छोटे-बड़े गिरोह सक्रिय हैं. ये गिरोह मध्यप्रदेश से गायों को ले जाकर उनकी महाराष्ट्र और गुजरात में तस्करी करते हैं. गौवंश तस्करी ये घटनाएं उज्जैन, मंदसौर, छिंदवाड़ा, बैतूल, सागर ,सतना , खंडवा, बुरहानपुर जैसी जगहों पर ज्यादा सामने आई हैं. हाल ही में झाबुआ में एक तस्कर गिरोह से बड़ी संख्या में गाएं बरामद हुईं थी. एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में पिछले पांच साल में डेढ़ करोड के लगभग गौवंश कम हो गया है. शायद यही वजह है कि प्रदेश में गायों को तस्करों से बचाने के लिए उन्हें पुलिस एस्कॉर्ट में गौशाला तक पहुंचाए जाने की नई परंपरा शुरू की जा रही है.
भाजपा की सरकार बातें ज्यादा, काम कम
प्रदेश में भाजपा की सरकार है. उसने अपने घोषणा पत्र में भी गौरक्षा और गौ संवर्धन को लेकर कई वादे किए थे. प्रदेश में गोहत्या पर प्रतिबंध भी लगा दिया गयाा, लेकिन गौवंश की तस्करी से जुड़ी घटनाएं नहीं रुकीं. साथ ही गौवंश को बढ़ाने और उसके संवर्धन की दिशा में भी कोई ठोस काम नहीं हुआ. हाल ही में शिवराज सिंह के मंत्री हरदीप सिंह डंग ने सीएम से गौ संरक्षण कानून बनाए जाने की मांग भी की है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ सुक्षाव भी दिए जो काफी चर्चा में रहे हैं.
सरकारी कर्मचारियों से गौ सरक्षंण के लिए वसूले जाएं 500 रुपए
शिवराज सरकार में मंत्री हरदीप सिंह डंग ने गौ कानून बनाए जाने की मांग के साथ ही गौ सरक्षंण के लिए सरकारी कर्माचरियों से 500 रुपए वसूले जाने, गौ न पालने वाले को चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित किए जाने जैसे कई सुक्षाव दिए हैं. डंग की मांग को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और कृषि मंत्री कमल पटेल का भी समर्थन मिला है, हालांकि अभी तक कानून बनाए जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई है. डंग अपने सुक्षावों को लिखित में चुनाव आयोग तक पहुंचाने की बात भी कह चुके हैं.