साहब, मैं जिंदा हूं! जीवित बुजुर्ग महिला को मृत बताकर रिटायर्ड पटवारी ने हड़प ली जमीन

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Published : Feb 14, 2022, 7:39 PM IST

Retired Patwari grabbed land

एमपी के ग्वालियर में खुद को जिंदा बताती हुई एक वृद्ध महिला ने जिला प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है. दरअसल रिटायर्ड पटवारी ने महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उन्हें मृत बताकर उनकी संपत्ति हड़प ली है. (Retired Patwari grabbed land in Gwalior)

ग्वालियर। चंबल से एक चौंकाने वाली खबर आई है. जहां एक वृद्ध महिला किसी तरह से कलेक्टर और एसपी के पास पहुंची और कहा कि 'मैं जिंदा हूं'. दरअसल, 70 साल की बुजुर्ग महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर पटवारी रहे भगवान सिंह नामक शख्स ने उसकी संपत्ति अपने नाम कर ली है. अब बुजुर्ग नारायणी देवी न्याय के लिए अपने बेटे के साथ पुलिस के चक्कर लगा रही हैं. हालांकि पुलिस ने उनकी शिकायत पर रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है.

Retired Patwari grabbed land
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पर हड़प ली संपत्ति
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पर हड़पी संपत्ति
शहर के गोला मंदिर इलाके में रहने वाली 70 साल की बुजुर्ग नारायणी देवी का एक पुश्तैनी मकान है. उसमें कुछ दुकानें हैं, जिसका किराया भी आता है. भगवान सिंह नाम के एक रिटायर्ड पटवारी ने इनका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और वसीयत अपने नाम कराकर, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर दी. धोखे से उसने पुश्तैनी मकान अपने नाम कर लिया है.

ऐसे हुआ खुलासा
इसकी जानकारी नारायणी देवी को तब लगी जब उनके बेटे आनंद तोमर ने जमीन के किसी काम से संबंधित ऑनलाइन प्रमाण पत्र निकालना चाहा. जब सर्वे नंबर में अपने पुश्तैनी मकान का नंबर देखा तो उसके मालिक के आगे भगवान सिंह लिखा पाया. यह देख नारायणी देवी और उसके बेटे के पैरों तले जमीन खिसक गई. जिसके बाद दोनों ही अपने कागज लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे.

Retired Patwari grabbed land
दस्तावेज के साथ एसपी ऑफिस पहुंची वृद्ध महिला
2005 में बनवाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र
फर्जी डेथ सर्टिफिकेट 2005 को बनवाया गया, जबकि महिला की मृत्यु 2001 में बताई गई है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के 16 सालों तक पीड़ित परिवार को मामले का पता ही नहीं चला. 2011 तक उनकी संपत्ति के कागजों में कोई गड़बड़ी नहीं थी. लेकिन 28 जनवरी 2022 को जब कुछ सरकारी काम के लिए उनके बेटे ने ऑनलाइन चेक किया तो रिटायर्ड पटवारी भगवान सिंह मकान मालिक बन गया. बहरहाल जिस तरह से मृत्यु प्रमाण पत्र और मकान के कागजों में हेराफेरी को गोपनीय रखा गया, उससे जाहिर होता है कि जालसाज पटवारी नारायणी देवी के मरने का इंतजार कर रहा था और उसके बाद वो संपत्ति पर अपना अधिकार जमा लेता.
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पुलिस खंगाल रही रिकॉर्ड
शिकायत के बाद पुलिस सरकारी रिकॉर्ड में जानकारी तलब कर रही है. साथ ही फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में किसकी भूमिका रही, उसकी भी जांच करेगी. हालांकि पुलिस ने अभी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है. पुख्ता जानकारी मिलते ही पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने की बात कर रही है. क्राइम ब्रांच के एएसपी राजेश दंडोतिया ने कहा है कि इसकी जांच कर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

(Retired Patwari grabbed land in Gwalior) (fake death certificate)

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