ग्वालियर। 24 अप्रैल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रीवा दौरे पर पहुंचे, इस दौरान उन्होंने 145 साल पुराने ग्वालियर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प कार्य का वर्चुअली शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी रीवा से ही जुड़े थे, वहीं स्थानीय मंत्री सांसद और रेलवे के अधिकारी भी इसमें मौजूद रहे. तमाम तैयारियों के बावजूद ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम खामियों से भरा रहा. यहां लगाई गईं 2 LED बंद रहीं जिसकी वजह से पीएम मोदी के भाषण की लाइव स्ट्रीमिंग उसपर नहीं हो सकी. एनआईसी से होने वाली गड़बडी को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी नाराज दिखे और उन्होंने तल्ख शब्दों में कहा कि इस संबंध में बात की जाएगी.
कार्यक्रम में क्यों नाराज दिखे मंत्री: इस कार्यक्रम का आयोजन लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में हुआ. बता दें कि सरकार रेलवे के कायाकल्प को आगामी विधानसभा चुनाव में एक बड़े विकास कार्य के रूप में पेश करना चाहती है, लेकिन बीजेपी नेता यहां की व्यवस्थाओं से नाराज नजर आए. न तो यहां हॉल में बिजली थी, न ही यहां पीएम मोदी की लाइव स्ट्रीमिंग लोगों को देखने मिल पाई और यहां न ही रेलवे ने ज्यादा लोगों को बुलाने की कोशिश की जिसके चलते पूरा हॉल भर नहीं सका. इन कारणों से बीजेपी नेता नाराज दिखे.
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कई लोगों ने कार्यक्रम में पूरी की नीदें: इस आयोजन में अतिथियों को लेकर भी कानाफूसी जारी रही क्योंकि मोदी सरकार में ग्वालियर से 2 केंद्रीय मंत्री हैं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया. लेकिन इन दोनों में से एक भी नेता मौके पर नहीं पहुंचे. कार्यक्रम से पहले ऊर्जा मंत्री ने मीडिया को बताया था कि आयोजन में मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे, लेकिन वे भी नहीं पहुंचे. इसमें रेलवे के अधिकारियों के अलावा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रद्युम्न सिंह तोमर और बीजेपी के जिला अध्यक्ष ही उपस्थित थे. यह कार्यक्रम अव्यवस्थित होने के साथ-साथ उबाऊ भी हो गया था. एक तरफ जहां दर्शक दीर्घा में लोग आंखे बंद करके बैठे नजर आए, तो वहीं मंच पर मौजूद ऊर्जा मंत्री तोमर भी नींद की झपकियां लेते नजर आए.