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Kuno Land case कूनो राजघराने के वंशज ने अभ्यारण्य की जमीन वापस मांगी, कोर्ट में आज होनी है सुनवाई

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Published : Sep 29, 2022, 3:34 PM IST

Kuno Land case
पालपुर कूनो घराने के वंशज गोपाल देव सिंह

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National park) की चर्चा इन दिनों देश-दुनिया में है. क्योंकि अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है. लेकिन लगभग 42 साल पहले इस अभयारण्य की नींव रखने वाले पालपुर राजघराने के वंशज (Kuno Palpur Riyasat Petition) अपना सम्मान और हक पाने के लिए कोर्ट की शरण में पहुंच गये हैं. आज गुरुवार को इस मामले की सुनवाई होनी है. कलेक्टर को श्योपुर जिले की विजयपुर एडीजे कोर्ट के सामने पक्ष रखना है.(Kuno Palpur Riyasat Petition) (kuno land allotment) (Kuno palpur royal family) (Hearing in court today)

ग्वालियर। पालपुर कूनो घराने के वंशज गोपाल देव सिंह पालपुर का कहना है कि जिन शर्तों पर हमारे घराने ने यह जमीन अभयारण्य के लिए दी थी, उन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है. न तो हमें हमारे किले और मंदिर के अंदर जाने दिया जा रहा है, न ही सरकार ने हमें मुआवजा दिया है. इतना ही नहीं, चीता विस्थापन के कार्यक्रम में एक बार भी हमारे घराने का नाम नहीं लिया गया. इसी सम्मान को पाने के लिए हम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं.

पालपुर कूनो घराने के वंशज गोपाल देव सिंह

राजघराने ने अपनी संपत्ति वापस मांगी : कूनो अभयारण्य के लिए अपनी 222 बीघा जमीन और किला देने वाले पालपुर राजघराने ने अब ​अपनी संपत्ति वापस (kuno land allotment) मांगी है. राजपरिवार के वंशज ने राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि उन्होंने अपनी संपत्ति शेरों के लिए दी थी. अभयारण्य में शेर नहीं आए, अब चीतों को लाया गया. इसलिए उन्हें उनकी संपत्ति वापस दी जानी चाहिए. इसे लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

कूनो पालपुर में चीता बसाने से पहले फंसा नया पेंच! पालपुर रियासत के वंशजों ने कोर्ट में लगाई याचिका, मांगी अपनी जमीन

मामला कोर्ट में पहुंचा : ये मामला विजयपुर सेशन कोर्ट में है. राजपरिवार के वंशज कृष्णराज सिंह के मुताबिक सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. जो 222 बीघा जमीन, किले, मंदिर गढ़ी, 24 गांवों के लोगों को साथ लेकर वहां से चले आने का मुआवजा सिर्फ 45 बीघा जमीन से किया है. इसलिए वह अब कोर्ट की शरण में हैं.

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