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रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष,पिछले पांच साल से चल रहा था केस

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Published : Oct 25, 2019, 11:00 PM IST

ग्वालियर में जिला कोर्ट में पांच साल से एक कोटवार पर चल रहे रिश्वत के मामले में उसे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है. जबकि अभियुक्त के लोकसेवक होने के सबूत पेश न कर पाने के चलते संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लेखित किया गया है.

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष

ग्वालियर। जिला न्यायालय की विशेष अदालत ने 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी कोटवार को दोषमुक्त कर दिया है. विवेचना अधिकारी कोर्ट के सामने अभियुक्त के लोकसेवक होने के सबूत नहीं पेश कर सके. जिस पर कोर्ट ने मामले में दो पूर्व डीएसपी और अपर सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लेख किया गया है.

रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए कोटवार को कोर्ट ने माना निर्दोष

बता दें 5 साल पहले 30 अप्रैल 2014 को जगन्नाथ सिंह नाम के एक व्यक्ति ने सरकारी जमीन को अपने नाम कराने के लिए आवेदन किया था. जिस पर तहसीलदार और कोटवार ने रिश्वत की मांग की थी. जिस पर लोकायुक्त की कार्रवाई में कोटवार 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था.

मामला कोर्ट में पहुंचा जहां कोटवार दोषमुक्त हो गया है. राजस्व विभाग की अपर सचिव किरण मिश्रा ने बिना सेवा पुस्तिका देखे अभियोजन की स्वीकृति दे दी. इसे भी कोर्ट ने गंभीर त्रुटि माना और प्रमुख सचिव राजस्व को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. मामले में दो पूर्व डीएसपी सुरेंद्र राय और आरबी शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अपर सचिव राजस्व किरण मिश्रा भी जांच के दायरे में आ गई हैं.हालांकि लोकायुक्त पुलिस ने मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर जिला कोर्ट की विशेष न्यायालय ने पट्टे धारी से 5000 की रिश्वत लेने वाले कोटवार सीताराम सेन को दोषमुक्त कर दिया है कोर्ट ने कोटवार को इस आधार पर दोषमुक्त किया है कि उसके लोक सेवक होने के प्रमाण विवेचना अधिकारी न्यायालय में पेश नहीं कर सके लेकिन लापरवाही बरतने वाले दो पूर्व डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोकायुक्त के आला अफसरों को लिखा गया है।


Body:दरअसल 5 साल पहले 30 अप्रैल 2014 को जगन्नाथ सिंह नामक पट्टा धारक में सरकारी जमीन को अपने खाते में चढ़ाने और कंप्यूटर में एंट्री कराने के लिए भितरवार तहसील में आवेदन दिया था। लेकिन कोटवार सीताराम सेन तहसीलदार और अपने लिए रिश्वत की मांग की थी 5000 की रिश्वत लेते हुए उसे लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था लेकिन जब इस मामले में कोर्ट में चालान पेश हुआ तो उसकी सेवा संबंधी रिकॉर्ड को विवेचना अधिकारी पूर्व डीएसपी कोर्ट में पेश नहीं कर सके। इसका कोटवार को लाभ मिला और कोर्ट ने उसे लोकसेवक नहीं माना।


Conclusion:खास बात यह भी है कि राजस्व विभाग की अवर सचिव किरण मिश्रा ने बिना सेवा पुस्तिका देखे अभियोजन की स्वीकृति दे दी ।इसे भी कोर्ट ने गंभीर त्रुटि माना और प्रमुख सचिव राजस्व को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में दो पूर्व डीएसपी सुरेंद्र राय शर्मा और आरबी शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं वहीं अवर सचिव राजस्व किरण मिश्रा भी जांच के दायरे में आ गई है हालांकि लोकायुक्त पुलिस संगठन ने इस मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
बाइट अरविंद श्रीवास्तव अधिवक्ता लोकायुक्त ग्वालियर
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