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रंग लाई ग्वालियर पुलिस की मेहनत, दीवाली पर परिवार को मिला बड़ा तोहफा, यूपी का लाल पहुंचा अपने गांव

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 9, 2023, 7:19 PM IST

young man returned to his home
पुलिस और परिजनों के साथ युवक

Story of the young man missing Corona period: कई साल से लापता यदि अपनों के बीच पहुंच जाए तो इस दीवाली उनके लिए इससे बड़ी खुशी क्या होगी. एक परिवार ऐसा भी है जो अपने घर में साढ़े तीन साल पहले खोए हुए बेटे के मिलने की खुशियां मना रहा है. इस परिवार की दीवाली की खुशी कई गुना बढ़ गई .ये युवक कोरोना काल में घर से लापता हो गया था.

ग्वालियर। वैसे तो आपको आए दिन पुलिस से जुड़ी ऐसी खबरें ही देखने और सुनने को मिलती हैं जिसमें उनकी तारीफ कम ही होती है लेकिन आज हम आपको पुलिस का मानवीय पक्ष से जुड़ा एक ऐसा चेहरा बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आप भी तारीफ करने में पीछे नहीं रहेंगे. ग्वालियर पुलिस की मेहनत उस समय रंग लाई जब एक विक्षिप्त लापता युवक अपनों से मिल पाया. पुलिस के इस मानवीय पहल की सभी जगह प्रशंसा हो रही है.

Missing young man returned to his HOME
रंग लाई पुलिस की मेहनत

पुलिस की पहल: चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं कि आखिर एमपी की पुलिस ने यूपी के लाल को उसके घर कैसे पहुंचाया.ग्वालियर के बेहट थाना क्षेत्र के घुसगुंवा गांव में राजेश कुशवाहा के खेत में बीते 2 नवंबर को एक डरा-सहमा हुआ युवक मिला था. ये युवक ना तो किसी से बात कर रहा था और ना ही अपने बारे में किसी को बता रहा था. देखने में दिमाग से थोड़ा कमजोर भी लग रहा था. स्थानीय निवासियों ने इस बात की सूचना थाने में दी.थाना प्रभारी सुरेश कुशवाहा स्पॉट पर पहुंचे और युवक को लेकर थाने आ गए.

युवक ने कैसे बताया पता: थाने में इस युवक की जमकर खातेदारी की गई. उसे नहलाकर नए कपड़े पहनाए गए. युवक को जब खाना खिलाया तो बातचीत के दौरान उसने अपना नाम प्रद्युम्न पासवान बताया और पिता का नाम विजय पासवान बताया. अपने साथ हो रहे इस प्यार भरे व्यवहार से युवक बेहद खुश हुआ और थोड़ी बहुत बातचीत करने लगा.धीरे-धीरे बातचीत और प्यार भरे व्यवहार के सहारे पुलिस ने जब युवक से उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसे कुछ ठीक से याद नहीं है लेकिन कोई गाड़ी उसे मुरैना से यहां पर छोड़ गई थी. फिर उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला है और उसके गांव का नाम गोरावर है. पुलिस के लिए इतनी जानकारी काफी थी.

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शुरू हुई पुलिस की रिसर्च: पुलिस ने अब जानकारी जुटानी शुरू की.बेहट एसडीओपी संतोष पटेल ने वरिष्ठ अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद गोरावर गांव के सरपंच का नंबर निकालकर उनसे बात की लेकिन सरपंच ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते युवक के घर वालों को युवक के मिलने की सूचना नहीं दी. लेकिन पुलिस भी कहां पीछे रहने वाली थी उन्होंने युवक को स्वर्ग सदन नाम की संस्था में रुकवाया. स्वर्ग सदन एक बड़ी संस्था है जिसकी अन्य प्रदेशों में भी शाखाएं हैं. संस्था ने अपनी गोरखपुर की शाखा से बातचीत कर इस युवक के घर परिवार के बारे में पता किया और घर वालों तक युवक के मिलने की सूचना भिजवाई. इस सब प्रक्रिया में लगभग 5 दिन का समय लगा.

परिजनों के छलके आंसू: सूचना के बाद युवक के मामा भाई और चाचा उसे लेने के लिए ग्वालियर पहुंचे.यहां उसे स्वस्थ और हंसता हुआ देख परिजनों के आंसू छलक उठे. मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को लेने पहुंचे परिजनों ने बताया कि उसके एक भाई की मौत एक्सीडेंट में हो चुकी थी. 2020 में कोरोना के लॉकडाउन लगने से पहले ही युवक किसी तरह से गायब हो गया था. जिसकी काफी तलाश की गई, लेकिन सिर्फ निराशा ही हाथ लगी. सभी ने ग्वालियर पुलिस और आश्रम स्वर्ग सदन की टीम को शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद दिया.

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